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गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ इस्कॉन प्रचार केंद्र द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक मानी जाती है। इसी संस्कृति के माध्यम से संसार को आध्यात्मिकता का प्रकाश प्राप्त हुआ। हमारे जीवन का संचालन आध्यात्मिक आधारभूत तत्वों पर टिका हुआ है भारत में खान-पान, सोना बैठना, जन्म-मरण, यात्रा, विवाह, तीज-त्यौहार आदि उत्सवों का निर्माण भी आध्यात्मिक बुनियादों पर है। जीवन का ऐसा कोई भी पहलू नहीं है, जिसमें आध्यात्म का समावेश न हो, या जिस पर पर्याप्त चिन्तन या मनन न हुआ हो। अध्यात्म ही भारतीय संस्कृति का आधार है। जिसका अर्थ है अधि+आतम अधि मतलब अध्यन व आत्म मतलब आत्मा को जानना। ईश्वर का दर्शन करके ही हम अपनी अंतर आत्मा में सांस्कृतिक चेतना को जगा सकते हैं।आध्यात्मिक जीवन सबसे अच्छा जीवन माना गया है। जब हम एक समय के बाद दुनियादारी में काफी उलझ जाते हैं और फिर हम कई साधु-संतों या महापुरुषों से मिलते हैं, तो हमें ज्ञात होता है कि यह उलझन ही हमारी समस्या का जड़ है। ऐसे वक़्त पर धार्मिक कथाएं हमे आध्यात्मिकता की ओर रुख कराती हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक कहानियाँ हमें आत्मा से परमात्मा की ओर प्रवाहित करने का काम करती है। हमारे जी...

योग गुरु श्री धीरज शर्मा जी ने सर्वाधिक भुजंगासन कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपने नाम दर्ज किया मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट

योग और आयुर्वेद का जन्म भारत में हुआ और यहीं से इनका प्रकाश पूरी दुनिया में फैलता चला गया। योग और आयुर्वेद, दोनों विधाओं को मनुष्य ने प्रकृति से सीखा है। प्रकृति में उगने वाली जड़ी-बूटियों से खुद को स्वस्थ बनाने के लिए मानव ने आयुर्वेद का निर्माण किया। जबकि विभिन्न पशु-पक्षियों की मुद्राओं से सीखकर मनुष्य ने योग विद्या की रचना की है। योग और आयुर्वेद, सिर्फ मनुष्य को स्वस्थ करने के लिए ही नहीं हैं। ये असल में हमें जीवन जीने का तरीका बताते हैं और हमें भीतर से स्वस्थ बनाते हैं। ऐसा ही एक आसन भुजंगासन भी है, जिसके नियमित अभ्यास से हमें ढेरों फायदे मिलते हैं। इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन कहा जाता है। चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनता है इसलिए इस आसन का नाम भुजंगासन रखा गया है। नियमित रूप से यह आसन करने से रीढ़ की हड्डी सशक्त होती है और पीठ में लचीलापन आता है। यह आसन फेफड़ों की शुद्धि के लिए भी बहुत अच्छा है और जिन लोगों का गला खराब रहने की, दमे की, पुरानी खाँसी अथवा फेंफड़ों संबंधी अन्य कोई बी...

बिलासपुर में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत ऑनलाइन मतदान का संकल्प लेकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहाँ की सरकार प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से चुनी जाती है। देश के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं। देश का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे ज्यादा हो, मतदान करने के लिए अपना पंजीकरण करवा सकता हैं और मतदान के अधिकार का उपयोग कर निर्वाचन प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकता हैं। भारतीय संविधान के अनुसार देश में नियमित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को प्राप्त है। चुनाव आयोजित करने एवं चुनाव के बाद के विवादों से संबंधित सभी विषयों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। भारतीय लोकतंत्र के विकास में, मतदाता शपथ का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह शपथ न केवल नेताओं और सार्वजनिक प्रतिनिधित्वधारियों को लोकतंत्र के मूल्यों और नीतियों के प्रति संबोधित करती है, बल्कि इससे नागरिकों को भी साझा दायित्व का आभास होता है और उन्हें अपने लोकतंत्र में सक्रिय भागीदार बनाता है।  जिला प्रशासन के तत्वाधान में बिलास...

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में SVEEP के अंतर्गत आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता और अम्ब्रेला रैली गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

लोकतांत्रिक देश में मतदान की अहम भूमिका होती है। लोकतंत्र में नागरिकों के लिए मतदान एक नागरिक कर्तव्य से भी अधिक है। वोट देने के अधिकार के माध्यम से किसी देश के नागरिक का प्रत्येक वोट उस देश के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है और उन नीतियों को प्रभावित करता है जो लोगों के कल्याण के लिए बनाई जाती हैं। वास्तव में, मतदान राष्ट्र की दिशा तय करता है और एक ऐसी सरकार सुनिश्चित करता है जो आम जनता के वैकल्पिक दृष्टिकोण और आकांक्षाओं को पहचानती है। मतदान लोगों को उन निर्णयों में अपनी बात रखने का अधिकार देता है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं। देश के बारे में लिए गए निर्णयों में अपनी राय रखने के लिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है और मतदान प्रक्रिया ऐसा करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। मतदान प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मतदाता जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण हैं, जिसका लक्ष्य अधिक लोगों को हमारे लोकतंत्र में भाग लेने और वोट देने के लिए प्रेरित करना ह...

मतदाता जागरूकता के लिए हजारों दीप जलाकर दिया मतदान का संदेश गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ, उससे पहले हमारा देश ब्रिटिश सरकार के गुलाम था और ब्रिटिश सरकार से पहले देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं थी। देश में राजाओं के द्वारा शासन चलाया जाता था और वहां पर सभी को समान अधिकार नहीं मिलता था। ऐसे में 26 जनवरी 1950 को जब देश में संविधान लागू हुआ तो देश में लोकतंत्रिक व्यवस्था लागू की गई। जिसकी वजह से देश के प्रत्येक नागरिक को अपना शासक चुनने का अधिकार और एक आम आदमी को भी उम्मीदवार के रूप में खड़े होने का अधिकार प्राप्त हुआ। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के द्वारा ही हर शासक को चुना जाता है। कौन सत्ता में रहेगा, कौन जीतेगा और कौन नहीं जीतेगा। इनका निर्धारण जनता और देश के नागरिक के द्वारा किया जाता है। जनता के द्वारा अपने खुद के प्रतिनिधि को मतदान करके चुना जाता है। मतदान का महत्व जनता और प्रतिनिधि दोनों के लिए बहुत अधिक होता है। मतदान का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। यह अधिकार हमें संविधान द्वारा प्रदान किया गया है। मतदान के माध्यम से हम अपने देश के प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। ये प्रतिनिधि हमारी सरकार बनाते हैं और हमार...

मुंगेली में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम "संकल्प पत्र महाअभियान" गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

सुव्‍यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम, स्‍वीप (SVEEP) के रूप में अधिक जाना जाता है। SVEEP का फुल फॉर्म Systematic Voters Education and Electoral Participation होता हैं। यह भारत के चुनाव आयोग की एक पहल है जिसका उद्देश्य मतदाता शिक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि देश के नागरिकों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया जा सके। SVEEP की शुरुआत 2009 में हुई थी, तथा इसका प्रमुख लक्ष्‍य निर्वाचनों के दौरान सभी पात्र नागरिकों को मत देने और जागरूक निर्णय लेने के लिए प्रोत्‍साहित करके भारत में सही मायनों में सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है। इस कार्यक्रम का परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान, मतदाता पंजीकरण लगातार बढ़ रहा है और युवा मतदाताओं और महिलाओं से अधिक भागीदारी के साथ मतदान के प्रतिशत बढ़ रहा हैं। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम "संकल्पपत्र महाअभियान" का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राहुल देव जी (Mr. Rahul Dev, IAS) के मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग, मुंगेली द्वारा आयोजित किया...

बेमेतरा जिले की हज़ारों महिलाओं ने मतदान की शपथ ग्रहण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

भारत में महिलाओं की स्थिति हमेशा एक समान नहीं रही है। इसमें समय-समय पर हमेशा बदलाव होता रहा है। यदि हम महिलाओं की स्थिति का आंकलन करें तो पता चलेगा कि वैदिक युग से लेकर वर्तमान समय तक महिलाओं की सामाजिक स्थिती में अनेक तरह के उतार-चढ़ाव आते रहे हैं, और उसके अनुसार ही उनके अधिकारों में बदलाव भी होता रहा है। इन बदलावों का ही परिणाम है कि महिलाओं का योगदान भारतीय राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्थाओं में दिनों-दिन बढ़ रहा है। लोकतंत्र में मतदान की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। इसमें महिलाओं का मतदान के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक हैं। यदि महिलाएं जागरूक हो तो वह अपने पूरे परिवार को मतदान के लिए प्रेरित कर बूथ तक पहुंचाने का क्षमता रखती है। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में महिला मतदाता जागरूकता के लिए एक विशेष आयोजन जिले के प्रत्येक नगरीय निकाय और प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रणबीर शर्मा जी (Mr. Ranbir Sharma, IAS) एवं सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्री टेकचन्द अग्रवाल जी (Mr. Techand Agra...

जिला प्रशासन ने मतदाताओं के घर ’चुनई-जगार’ नेवता कार्ड पहुँचाकर बनाया विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज

मतदान लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग है, हर किसी को वोट देने का अधिकार है। लोकतांत्रिक तथा चुनावी प्रक्रिया में मतदाता की भागीदारी किसी भी लोकतंत्र को सफलतापूर्वक चलाने का अभिन्न हिस्सा होती है। मतदान एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से जनता अपने लिए उपयुक्त नेता चुन सकती है, और राजनीतिक प्रणाली को संचालित करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकती है। मतदान एक अधिकार से ज्यादा हर नागरिक का अपने देश के प्रति एक कर्त्तव्य हैं, जो हमारे देश के भविष्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। मतदान राजनेताओं को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाए रखने में मदद करता है और हमारे लोकतंत्र के लिए रूपरेखा तैयार करता है। देश के बारे में लिए गए निर्णयों में अपनी राय रखने के लिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है और मतदान ऐसा करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। मतदान प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मतदाता जागरूक अभियान महत्वपूर्ण हैं। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में प्रशासन द्वारा लोगों को मतदान के लिए प्रेर...

भिलाई में आयोजित भोले बाबा की बारात गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक धार्मिक त्यौहार हैं, महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता हैं। इस विशेष दिन पर भगवान शिव में श्रद्धा रखने वाले भक्त व्रत-उपवास रखते हैं और विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं। त्रिदेवों में ब्रह्म देव सृष्टि के रचयिता है, तो श्री हरि पालनहार हैं और भगवान शिव को संहारक के रूप माना जाता हैं। महाशिवरात्रि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी कई मान्यताए प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता हैं कि इस विशेष दिन ही रूद्र रूप में मध्यरात्रि को भगवान शिव का अवतरण हुआ था। इसके अलावा सबसे अधिक प्रचलित मान्यता यह हैं कि इस पावन तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव जब माता पार्वती जी के यहाँ बारात लेकर पहुंचे तो उनके साथ बाराती के रूप में गण, संपूर्ण जगत के भूत-प्रेत, दानव, दैत्य, देवता आदि सम्मिलित थे और भगवान शिव ने भस्म से अपना श्रृंगार किया था। महाशिवरात्रि के इस विशेष अवसर पर छत्तीसगढ़ के भिलाई में बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति द्वारा भगवान शिव जी की भव्य बारात एवं शोभायात्रा निकाली ...

ट्रांसजेंडर के अधिकारों पर बनी रीजनल फिल्म "किरण" का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

ट्रांसजेंडर लोग आमतौर वह होते हैं जिन्हें न तो पुरुष और न ही महिला की कैटेगरी में रखा जा सकता है।  ट्रांसजेंडर लोगों में पुरुष और महिला, दोनों के ही गुण हो सकते हैं। ऊपर से पुरुष दिखाई देने वाले किसी व्यक्ति में इंटरनल ऑर्गन और गुण महिला के हो सकते हैं और ऐसे ही ऊपर से महिला नजर आने वाले किसी व्यक्ति में पुरुषों वाले गुण और ऑर्गन्स हो सकते हैं। कई ट्रांसजेंडर लोगों को कार्यस्थल, आवासीय स्थान ढूँढने और स्वास्थ्य सेवाएँ ग्रहण करने में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कई स्थानों पर उन्हें भेदभाव से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण तक प्राप्त नहीं है किन्तु भारतीय संस्कृति और न्यायपालिका इन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देती है। इन्हें किन्नर (हिजड़ा) भी कहा जाता है। भारत में, 15 अप्रैल, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने एक तीसरे लिंग को मान्यता दी, जो न तो पुरुष है और न ही महिला, यह कहते हुए कि "तीसरे लिंग के रूप में ट्रांसजेंडर्स की मान्यता एक सामाजिक या चिकित्सा मुद्दा नहीं है, बल्कि एक मानवाधिकार मुद्दा है।" ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति समाज को शिक्षित करना एवं उनके विषय में जागरूक करना अत...