Skip to main content

जिला प्रशासन ने मतदाताओं के घर ’चुनई-जगार’ नेवता कार्ड पहुँचाकर बनाया विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज

मतदान लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग है, हर किसी को वोट देने का अधिकार है। लोकतांत्रिक तथा चुनावी प्रक्रिया में मतदाता की भागीदारी किसी भी लोकतंत्र को सफलतापूर्वक चलाने का अभिन्न हिस्सा होती है। मतदान एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से जनता अपने लिए उपयुक्त नेता चुन सकती है, और राजनीतिक प्रणाली को संचालित करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकती है। मतदान एक अधिकार से ज्यादा हर नागरिक का अपने देश के प्रति एक कर्त्तव्य हैं, जो हमारे देश के भविष्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। मतदान राजनेताओं को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाए रखने में मदद करता है और हमारे लोकतंत्र के लिए रूपरेखा तैयार करता है। देश के बारे में लिए गए निर्णयों में अपनी राय रखने के लिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है और मतदान ऐसा करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। मतदान प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मतदाता जागरूक अभियान महत्वपूर्ण हैं।

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में प्रशासन द्वारा लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए के जिला प्रशासन द्वारा 'चुनई-जगार' हर घर सम्पर्क महा अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत बड़ी संख्या ने नेवता कार्ड (Invitation Card) मतदाताओं के घर पहुँचाकर उन्हें आगामी चुनाव में वोट देकर अपने मताधिकार के अधिकार का उपयोग करने कि अपील की गयी। यह अभियान जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल जी (Mr. Indrajeet Singh Chandrawal IAS) के नेतृत्व में एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा स्वीप नोडल अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौज जी (Dr. Sanjay Kannoje) के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। अभियान के दौरान बड़ी संख्या में लोगो के घरों तक जाकर मतदान करने के लिए निमंत्रण पत्र ("चुनई जगार" नेवता कार्ड) प्रदान कर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। जिसे गोल्डन     बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Door to Door Invitation Campaign for Casting Vote" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट सिवनी में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा जिला कलेक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल जी एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे जी को प्रदान कर सम्मानित किया। 


वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल जी ने कहा 'चुनई-जगार' हर घर सम्पर्क महा अभियान के अन्तर्गत 'चुनई-जगार' नेवता कार्ड पहुँचाने के अतुलनीय कार्यों के लिए जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होने का गौरव प्राप्त है। इस अत्यंत उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि का श्रेय मतदाता जागरूकता अभियान से जुड़े हमारे सभी अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा महिला स्वसहायता समूह, महिला कमाण्डो, रेडक्राॅस सहित जिले के आम नागरिकों एवं मतदाताओं को जाता है।  ’चुनई जगार’ कार्यक्रम और मतदाता जागरूकता के अंतर्गत जिले के दिव्यांग, वृद्ध और तृतीय लिंग सभी मतदाताओं का सम्मान किया गया।  जिला कलेक्टर ने स्वयं दिव्यांग, माताओं, बहनों और बुजुर्गों के बिच पहुंचकर उनका कुशलक्षेम जाना और उन्हें मतदान करने की अपील की। सेल्फी प्वाइंट बनाकर लोगों को मतदान के लिए उत्साहित किया। जिले के सरकारी आईटीआई में विद्यार्थियों ने मतदाता जागरूकता पर आधारित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देकर अपने मत का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। बड़े स्तरों पर कार्यक्रमों का आयोजन करके सामान्य प्रेक्षक श्री एमटी रेजू जी, जिले के कलेक्टर और अधिकारीयों ने मतदान करने की अपील की और इसके साथ ही नेवता कार्ड  ’चुनई जगार’ को जन जन तक पहुँचाने का काम किया। 

न्यूज़ एवं मीडिया लिंक:     









Video Courtesy: TV1 India News 

https://bhaskardoot.com/ बालोद जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज, प्रशासन ने एक लाख से ज्यादा घरों में पहुंचाया ‘चुनई जगार’ नेवता कार्ड

https://lalluram.com/ बालोद जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज, प्रशासन ने एक लाख से ज्यादा घरों में पहुंचाया ‘चुनई जगार’ नेवता कार्ड

https://theruralpress.in/ प्रशासन ने एक लाख से ज्यादा घरों में पहुंचाया ‘चुनई जगार’ नेवता कार्ड, वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज

https://www.inhnews.in/ 'चुनई जगार' नेवता कार्ड एक लाख से अधिक घरों तक पहुंचाया, अब बालोद का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज

https://abbnewslive.in/बालोद जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज, प्रशासन ने एक लाख से ज्यादा घरों में पहुंचाया ‘चुनई जगार’ नेवता कार्ड

https://lokasar.com/ चुनई जगार’ बालोद जिले को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया




Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...