गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ इस्कॉन प्रचार केंद्र द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक मानी जाती है। इसी संस्कृति के माध्यम से संसार को आध्यात्मिकता का प्रकाश प्राप्त हुआ। हमारे जीवन का संचालन आध्यात्मिक आधारभूत तत्वों पर टिका हुआ है भारत में खान-पान, सोना बैठना, जन्म-मरण, यात्रा, विवाह, तीज-त्यौहार आदि उत्सवों का निर्माण भी आध्यात्मिक बुनियादों पर है। जीवन का ऐसा कोई भी पहलू नहीं है, जिसमें आध्यात्म का समावेश न हो, या जिस पर पर्याप्त चिन्तन या मनन न हुआ हो। अध्यात्म ही भारतीय संस्कृति का आधार है। जिसका अर्थ है अधि+आतम अधि मतलब अध्यन व आत्म मतलब आत्मा को जानना। ईश्वर का दर्शन करके ही हम अपनी अंतर आत्मा में सांस्कृतिक चेतना को जगा सकते हैं।आध्यात्मिक जीवन सबसे अच्छा जीवन माना गया है। जब हम एक समय के बाद दुनियादारी में काफी उलझ जाते हैं और फिर हम कई साधु-संतों या महापुरुषों से मिलते हैं, तो हमें ज्ञात होता है कि यह उलझन ही हमारी समस्या का जड़ है। ऐसे वक़्त पर धार्मिक कथाएं हमे आध्यात्मिकता की ओर रुख कराती हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक कहानियाँ हमें आत्मा से परमात्मा की ओर प्रवाहित करने का काम करती है। हमारे जीवन में आध्यात्मिक कहानियों की शक्तियों का बहुत महत्व है। कहानियों के प्रति मानवीय आकर्षण उतना ही प्राचीन है जितना स्वयं मानव सभ्यता। जीवन की जटिल उलझनों में, जहाँ अक्सर अनिश्चितता का राज होता है, आध्यात्मिक कहानियाँ मार्गदर्शन के दृढ़ प्रतीक के रूप में उभरती हैं। आध्यात्मिक कहानियाँ मानव अस्तित्व के अक्सर रहस्यमय पथ को प्रकाशित करते हुए, प्रकाशमान मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती हैं।
छत्तीसगढ़ के सीतापुर-सरगुजा में इस्कॉन प्रचार केंद्र के बेनरतले जनपद उपाध्यक्ष श्री शैलेंद्र कुमार सिंह (बाबा साब) (Mr. Shailendra Kumar Singh) के विशेष मार्गदर्शन में सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 25 मई 2024 से 01 जून 2024 शूटिंग रेंज परिसर ग्राम चलता में आयोजित किया गया। कथा अमृतमहोत्सव कार्यक्रम में कथावाचक के रूप में इस्कॉन प्रचार केंद्र, रायपुर से इस्कॉन यूथ फोरम के डायरेक्टर श्री तमाल कृष्णा दास प्रभुजी (Shree Tamal Krishna Das Prabhu ji) उपस्थित रहे। श्री तमाल कृष्णा दास प्रभुजी के मुखार्विंद से कथा का लाभ लेने हेतु दूर-दराज के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालू उपस्थित रहे। सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव के दौरान प्रतिदिन कथावाचक श्री तमाल कृष्णा दास प्रभुजी द्वारा अध्यात्मिक कथाओं एवं कहानियों का पाठ किया गया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Spiritual Storytelling Feat" शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट आयोजन के दौरान विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head GBWR) द्वारा कथावाचक श्री तमाल कृष्णा दास प्रभुजी एवं आयोजक श्री शैलेंद्र कुमार सिंह जी को प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव आयोजन के दौरान वह उपस्थित श्रद्धालुओं ने आयोजन के सातों दिन भिन्न-भिन्न अध्यात्मिक एवं धार्मिक कथाओं का श्रवणलाभ लिया आयोजन के पहले दिन नाम महिमा (अजामिल की कथा) का पाठ किया गया, दूसरे दिन 14 रत्नों का समुद्रमंथन (अमृतमहोत्सव), तीसरे दिन भक्तों की जीवन गाथा (ध्रुव व प्रह्लाद चरित्र), चौथे दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कथा, पांचवे दिन श्री कृष्णा बाल लीला (महाभिषेक), छटे दिन श्री जगन्नाथ अवतरण कथा, एवं अतिम सातवे दिन युगावतार गौर कथा व पूर्णाहुति (108 कुण्डीय नरसिंह यज्ञ) का आयोजन किया गया।
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