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पर्यावरण संरक्षण के लिए इंदौर के सैकड़ों बच्चों ने सीड बॉल्स बनाकर रचा विश्व कीर्तिमान

कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और सही ढंग से जीवन यापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, और बढ़ती जनसंख्या के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। वायु प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास, और जल संकट जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए वृक्षारोपण एक प्रभावी और आवश्यक उपाय है।वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करता है बल्कि मानव जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारता है। पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षरोपण की कई तकनीको का उपयोग किया जाता हैं परन्तु सीड बॉल या सीड बम तकनीक के माध्यम से आसन एवं प्रभावी तरीके से वृक्षारोपण किया जा सकता हैं।...

योगी श्री महिपाल कमेड़िया जी के नाम दर्ज हैं योग के क्षेत्र में कई विश्व कीर्तिमान

योग, एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को बढ़ावा देता है। यह केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि जीवन की एक शैली है जो व्यक्ति को आत्म-जागरूकता और आंतरिक शांति की ओर ले जाती है। योग के नियमित अभ्यास से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनता है।  योग, जो आपके शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है, आपके जीवन जीने के तरीके को भी बदलता है। योग को अपनी दैनिक आदत में शामिल करने से आप सकारात्मक जीवनशैली अपना सकते हैं। योग तनाव हार्मोन के शारीरिक प्रभावों को कम करता है, विश्राम को प्रोत्साहित करता है और रक्तचाप को कम करता है, हृदय गति में सुधार करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और पाचन की प्रक्रिया में सुधार करता है। योग अवसाद, अस्थमा, चिंता और थकान के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। योग दर्द को कम करने में भी मदद करता है। नियमित रूप से योग आसन करने से आपका शरीर लचीला बनता है। जसाई मिलिट्री स्टेशन में सिविल डिफेंस कार्मिक योगी श्री महिपाल कमेड़िया जी (Mr. Mahipal Ka...

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ इस्कॉन प्रचार केंद्र द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीकृष्ण कथा अमृतमहोत्सव

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक मानी जाती है। इसी संस्कृति के माध्यम से संसार को आध्यात्मिकता का प्रकाश प्राप्त हुआ। हमारे जीवन का संचालन आध्यात्मिक आधारभूत तत्वों पर टिका हुआ है भारत में खान-पान, सोना बैठना, जन्म-मरण, यात्रा, विवाह, तीज-त्यौहार आदि उत्सवों का निर्माण भी आध्यात्मिक बुनियादों पर है। जीवन का ऐसा कोई भी पहलू नहीं है, जिसमें आध्यात्म का समावेश न हो, या जिस पर पर्याप्त चिन्तन या मनन न हुआ हो। अध्यात्म ही भारतीय संस्कृति का आधार है। जिसका अर्थ है अधि+आतम अधि मतलब अध्यन व आत्म मतलब आत्मा को जानना। ईश्वर का दर्शन करके ही हम अपनी अंतर आत्मा में सांस्कृतिक चेतना को जगा सकते हैं।आध्यात्मिक जीवन सबसे अच्छा जीवन माना गया है। जब हम एक समय के बाद दुनियादारी में काफी उलझ जाते हैं और फिर हम कई साधु-संतों या महापुरुषों से मिलते हैं, तो हमें ज्ञात होता है कि यह उलझन ही हमारी समस्या का जड़ है। ऐसे वक़्त पर धार्मिक कथाएं हमे आध्यात्मिकता की ओर रुख कराती हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक कहानियाँ हमें आत्मा से परमात्मा की ओर प्रवाहित करने का काम करती है। हमारे जी...

नृत्यारंगम डांस अकादमी की छात्राओं ने कत्थक नृत्य के दौरान 2000 चक्कर और विभिन्न मुद्राएँ बना कर रचा विश्व कीर्तिमान

कत्थक शब्द वैदिक संस्कृत शब्द 'कथा' से लिया गया है जिसका अर्थ है "कहानी", और कथाकार जिसका अर्थ है "कहानी कहने वाला"। कत्थक नृत्य में एक पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत है जो इसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली का दर्जा देती है। कत्थक भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति की अभिव्यक्ति के रूप में विकसित हुआ। अध्ययनों से पता चलता है कि कत्थक की उत्पत्ति वाराणसी में हुई और यह नृत्य शैली लखनऊ, जयपुर और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में फैल गई। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ कत्थक नृत्य एक विशिष्ट विधा के रूप में विकसित हुआ। भारत के अधिकांश कला रूपों की तरह, कत्थक भी गुरु-शिष्य परंपरा या शिक्षक-शिष्य परंपरा पर आधारित है। उत्तर प्रदेश के आगरा में पंचकुईया स्थित माथुर वैश्य सभागृह में नृत्यारंगम डांस अकादमी (Nrityaarangam Dance Academy) की छात्राओं ने कत्थक नृत्य की अद्भूत प्रस्तुति देकर दर्शकों को हैरत में डाल दिया। प्रशिक्षक व आयोजक श्रीमती पूजा गुप्ता जी (Mrs. Pooja Gupta) एवं श्रीमती पल गुप्ता जी (Mrs. Pal Gupta) मार्गदर्शन एवं निर्देशन में ...

सूर्य नमस्कार एवं उससे जुड़े कुछ विश्व कीर्तिमान

योग भारत की देन है. ये अलग बात है कि भारत का ही होने के बाद भी इसे तब जाकर महत्व मिला, जब विदेशों में इसके चर्चे शुरू हुए। माननीय प्रधानमंत्री ने योग को बढ़ावा देने के लिए विश्व योग दिवस का आयोजन किया और फिर देखते ही देखते योग ने एक बार फिर भारत में अपनी जगह बना ली। योग में कई आसान किये जाते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग में कई आसान करवाए जाते हैं, उसी में से एक है सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार, जिसे अंग्रेजी में "Sun Salutation" कहा जाता है, योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय आसन श्रृंखला है। यह 12 शारीरिक मुद्राओं (आसनों) का एक क्रम है। सूर्य नमस्कार में विभिन्न आसनों का संयोजन होता है, जो शरीर के विभिन्न भागों को सक्रिय करता है। यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है, लचीलापन बढ़ाता है, और शरीर की समग्र शक्ति में सुधार करता है। इसका अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। इसका नियमित अभ्यास व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। योग की इस प्राचीन विधि का महत्व आज के जीवन में भी उतना ही प्रा...

भुजंगासन योग और उससे जुड़े कुछ रोचक वर्ल्ड रिकार्ड्स

शरीर के फिटनेस को बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित रूप से योग करने की सलाह देते हैं। शरीर की सक्रियता को बनाए रखने के साथ लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए योग का नियमित अभ्यास करना काफी लाभदायक माना जाता है। कई तरह के रोगों के खतरे को कम करने में भी योग के अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक भुजंगासन जैसे योग का नियमित रूप से अभ्यास करना आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। भुजंगासन, जिसे अंग्रेजी में "Cobra Pose" कहा जाता है, योग का एक प्रमुख आसन है। भुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां आसन है। इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन कहा जाता है। यह आसन शरीर के लचीलेपन और शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है।भुजंगासन एक अत्यंत प्रभावी योग आसन है जो शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारता है। भुजंगासन का अभ्यास खाली पेट ही करना चाहिए। भोजन, आसन करने के वक्त से कम से कम 4-6 घंटे पहले किया जाना च...

शीर्षासन और उससे जुड़े कुछ रोचक वर्ल्ड रिकार्ड्स

  आज की तात्कालिक दुनिया में, हम सभी को कुछ ऐसा चाहिए जो हमारे मन को शांति और सुकून दे। इसके अलावा हमें शरीर की अच्छी ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी जरूरत है। योग एक प्राचीन अभ्यास है जिसे आधुनिक दुनिया में भी समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए अपनाया जाता है। यह शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाए रखने में अत्यधिक लाभकारी रहा है। कई योग मुद्राएँ या आसन दिन-प्रतिदिन के व्यवहार को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, तनाव को कम करते हैं और शारीरिक एवं मानसिक स्थिति में सुधार करते हैं। शीर्षासन एक ऐसा अद्भूत योगाभ्यास हैं। शीर्षासन, जिसे "हेंडस्टैंड" या "हेडस्टैंड" भी कहा जाता है, योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावी आसन है। इसे योग का "राजा" भी कहा जाता है क्योंकि यह न केवल शारीरिक शक्ति और संतुलन को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक जागरूकता को भी बढ़ाता है। इसका आसन का प्रभाव पूरे शरीर में महसूस किया जा सकता है। शीर्षासन योग सिर, गर्दन, कंधों, शिराओं, रक्त वाहिकाओं में रक्त के संचार को बढ़ावा देता है, इसके अलावा शरीर के संतुलन को ब...