Skip to main content

योगी श्री महिपाल कमेड़िया जी के नाम दर्ज हैं योग के क्षेत्र में कई विश्व कीर्तिमान

योग, एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को बढ़ावा देता है। यह केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि जीवन की एक शैली है जो व्यक्ति को आत्म-जागरूकता और आंतरिक शांति की ओर ले जाती है। योग के नियमित अभ्यास से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनता है।  योग, जो आपके शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है, आपके जीवन जीने के तरीके को भी बदलता है। योग को अपनी दैनिक आदत में शामिल करने से आप सकारात्मक जीवनशैली अपना सकते हैं। योग तनाव हार्मोन के शारीरिक प्रभावों को कम करता है, विश्राम को प्रोत्साहित करता है और रक्तचाप को कम करता है, हृदय गति में सुधार करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और पाचन की प्रक्रिया में सुधार करता है। योग अवसाद, अस्थमा, चिंता और थकान के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। योग दर्द को कम करने में भी मदद करता है। नियमित रूप से योग आसन करने से आपका शरीर लचीला बनता है।

जसाई मिलिट्री स्टेशन में सिविल डिफेंस कार्मिक योगी श्री महिपाल कमेड़िया जी (Mr. Mahipal Kamediya) योग के क्षेत्र में योगगुरु स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev) से योग दीक्षा लेकर पिछले कई वर्षों से जोधपुर बाड़मेर जैसलमेर सहित सम्पूर्ण राजस्थान में युवाओं और विद्यार्थियों को योग सिखा रहे हैं। मूलत: बारनी खुर्द गांव भोपालगढ़ जोधपुर निवासी योगी महिपाल कमेड़िया सामान्य किसान परिवार से है। इन्होंने अपनी कर्मभूमि बाड़मेर को बनाया और यहां पर सैकड़ों युवाओं की प्रेरणा बने हुए है। वे पतंजलि योग संस्थान और आयुष मंत्रालय से प्रमाणित योग शिक्षक है। योग के क्षेत्र में महिपाल जी ने कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 के अवसर पर राजस्थान, कोटा में  डॉ. जयदीप आर्या जी (Dr. Jaideep Arya) के संयोजन एवं पतंजलि योगपीठ, राजस्थान सरकार तथा रेजोनेंस एडुवेंचर्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्री महिपाल कमेड़िया जी ने चलित त्रिकोण आसन का प्रदर्शन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। कार्यक्रम के दौरान श्री महिपाल जी ने महज 6 मिनट 4 सैकंड में 500 बार चलित त्रिकोण आसन किया, जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Fastest Five Hundred Performance of Chalit Trikonasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। चलित त्रिकोण आसन के प्रदर्शन के इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए उन्होंने 938 बार इस आसन को कर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Most Chalit Trikonasana Yoga in One Hour" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश, मेरठ में श्री अनुज योगी जी के संयोजन एवं योगांजलि विद्यापीठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्री महिपाल कमेड़िया जी ने 12 मिनट 30 सैकंड में 1500 बार चलित त्रिकोण आसन का प्रदर्शन कर अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Most Chalit Trikonasana Yoga in One Hour" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। श्री महिपाल कमेड़िया जी द्वारा मर्कटासन योग का प्रदर्शन कर भी विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। योग गुरु स्वामी महेश योगी जी (Swami Mahesh Yogi) के मार्गदर्शन एवं संयोजन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 के विशेष अवसर पर  दिव्य भारत निर्माण ट्रस्ट एवं दिव्य योगपीठ अयोध्या के संयुक्त तत्वाधान में  कार्यक्रम आयोजित किया इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गए। इसी कार्यक्रम के दौरान श्री महिपाल जी ने 1 घंटे 11 मिनट तक लगातार मर्कटासन योग का प्रदर्शन किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Longest Performance of Markatasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

शासकीय सेवा में कार्यरत श्री महिपाल कमेड़िया जी अपने कार्य के साथ-साथ युवाओं और देशवासियों में देश-प्रेम एवं योगा की अलख जगा रहे हैं। उन्होंने अपने काम के साथ-साथ योग और समाज सेवा को जीवन का हिस्सा बना लिया है। रोजाना सुबह युवाओं के लिए निःशुल्क फिजिकल कोचिंग करवाते है। इसमें सैकड़ों युवा उनके मार्गदर्शन में आर्मी की फिजिकल तैयारी करते है। इसके अलावा कोरोना से पहले इन्होंने दर्जनों स्कूलों में पहुंचकर बच्चों को यौगिक क्रियाएं निःशुल्क सिखाई। कोरोना काल के दौरान वर्चुअल तरीके से लोगों को घर बैठे योग करने के लिए प्रेरित किया और स्वयं ने निश्चित समय में ऑनलाइन लोगों को योग का प्रशिक्षण दिया। इनकी गाइडेंस की बदौलत वर्तमान में बाड़मेर के दर्जनों युवा कई फोर्सेस में कार्यरत है। योगी महिपाल कमेड़िया जी का कहना है कि दुनिया में असंभव कोई काम नहीं होता है। अपनी इच्छा शक्ति जितनी मजबूत होगी, उतना ही लक्ष्य आसान होता जाएगा। जीवन में सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है, इसलिए दिनचर्या में योग को हिस्सा बनाएं। जब शरीर स्वस्थ होगा तभी हम आगे बढ़ पाएंगे। आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है और योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। यह हमारे देश के युवाओं के लिए गर्व की बात है।

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़: 


Video Courtesy: Mahipal Kamediya

Video Courtesy: Mahipal Kamediya







Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...