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शीर्षासन और उससे जुड़े कुछ रोचक वर्ल्ड रिकार्ड्स

 आज की तात्कालिक दुनिया में, हम सभी को कुछ ऐसा चाहिए जो हमारे मन को शांति और सुकून दे। इसके अलावा हमें शरीर की अच्छी ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी जरूरत है। योग एक प्राचीन अभ्यास है जिसे आधुनिक दुनिया में भी समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए अपनाया जाता है। यह शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाए रखने में अत्यधिक लाभकारी रहा है। कई योग मुद्राएँ या आसन दिन-प्रतिदिन के व्यवहार को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, तनाव को कम करते हैं और शारीरिक एवं मानसिक स्थिति में सुधार करते हैं। शीर्षासन एक ऐसा अद्भूत योगाभ्यास हैं। शीर्षासन, जिसे "हेंडस्टैंड" या "हेडस्टैंड" भी कहा जाता है, योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावी आसन है। इसे योग का "राजा" भी कहा जाता है क्योंकि यह न केवल शारीरिक शक्ति और संतुलन को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक जागरूकता को भी बढ़ाता है। इसका आसन का प्रभाव पूरे शरीर में महसूस किया जा सकता है। शीर्षासन योग सिर, गर्दन, कंधों, शिराओं, रक्त वाहिकाओं में रक्त के संचार को बढ़ावा देता है, इसके अलावा शरीर के संतुलन को बेहतर बनाए रखने के लिए भी इस योग का अभ्यास करना लाभकारी माना जाता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक शीर्षासन योग का अभ्यास बड़े ही सावधानी से किया जाना चाहिए। इस योग का अभ्यास जितना लाभदायक है, गलत तरीके से करने से इससे गंभीर चोट लगने का भी खतरा होता है।    


शीर्षासन योग के क्षेत्र में हर आयु वर्ग  के लोगो द्वारा कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गए-

  • भारत के हिमाचल प्रदेश के रामपुर भुषार में योग प्रशिक्षक श्री रंजित सिंह जी (Mr. Ranjit Singh) के मार्गदर्शन एवं  हिमालय हरिद्वार हॉस्पिटल योग समिति गणवा द्वारा आयोजित किये गए कार्यक्रम के दौरान महज 13 वर्ष के अनुज मदारू (Ma. Anuj Madaru)  ने दो घंटे तेईस मिनट तक शीर्षासन योग कर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स () की यंग अचिवर्स केटेगिरी में "Longest Performance of Shirsasan Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। 
  • हरियाणा, भिवनी के BITS इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुश्री  नीतिका जी (Ms. Nitika) ने एक घंटे चौबीस मिनट पच्चीस सेकंड तक लगातार शीर्षासन योग कर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की वुमन अचिवर्स केटेगिरी में "Longest Performance of Shirshasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।
  • राजस्थान, कोटा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 72 वर्षीय स्वामी शंकर देव गिरि जी (Swami Shanker Dev Giri) एक घंटा 42 सेकंड तक शीर्षासन योग कर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की सीनियर अचिवर्स केटेगिरी में "Longest Performance of Shirshasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। डॉ. जयदीप आर्या जी के कुशल नेतृत्व एवं संयोजन में यह कार्यक्रम पतंजलि योगपीठ, राजस्थान सरकार तथा रेजोनेंस एडुवेंचर्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया एवं इस कार्यक्रम के दौरान योग के क्षेत्र में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित हुए।
  • गुजरात, अहमदाबाद पतंजलि योगपीठ और भारत स्वाभिमान द्वारा अहमदाबाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान श्री जयपाल प्रजापत जी (Mr. Jaipal Prajapat), मोहन शंकर राव ठाकरे जी (Mohan Shankar Rav Thakre) और श्री गोपाल डांगी जी (Mr. Gopal Dangi) ने लगातार तीन घंटे, तैंतीस मिनट, तैंतीस सेकंड तक शीर्षासन योग कर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की सीनियर अचिवर्स केटेगिरी में "Longest Shirshasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

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