नृत्यारंगम डांस अकादमी की छात्राओं ने कत्थक नृत्य के दौरान 2000 चक्कर और विभिन्न मुद्राएँ बना कर रचा विश्व कीर्तिमान
कत्थक शब्द वैदिक संस्कृत शब्द 'कथा' से लिया गया है जिसका अर्थ है "कहानी", और कथाकार जिसका अर्थ है "कहानी कहने वाला"। कत्थक नृत्य में एक पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत है जो इसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली का दर्जा देती है। कत्थक भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति की अभिव्यक्ति के रूप में विकसित हुआ। अध्ययनों से पता चलता है कि कत्थक की उत्पत्ति वाराणसी में हुई और यह नृत्य शैली लखनऊ, जयपुर और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में फैल गई। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ कत्थक नृत्य एक विशिष्ट विधा के रूप में विकसित हुआ। भारत के अधिकांश कला रूपों की तरह, कत्थक भी गुरु-शिष्य परंपरा या शिक्षक-शिष्य परंपरा पर आधारित है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में पंचकुईया स्थित माथुर वैश्य सभागृह में नृत्यारंगम डांस अकादमी (Nrityaarangam Dance Academy) की छात्राओं ने कत्थक नृत्य की अद्भूत प्रस्तुति देकर दर्शकों को हैरत में डाल दिया। प्रशिक्षक व आयोजक श्रीमती पूजा गुप्ता जी (Mrs. Pooja Gupta) एवं श्रीमती पल गुप्ता जी (Mrs. Pal Gupta) मार्गदर्शन एवं निर्देशन में नृत्यारंगम डांस अकादमी की छः छात्राओं - युक्ता मित्तल (Yukkta Mittal), अनिका यादव (Anika Yadav), वंशिका सोनी (Vanshika Soni), तान्या गोयल (Tanya Goyal), कृष्णिका गर्ग (Krishnika garg) एवं मिशिका अग्रवाल (Mishika Agarwal) ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति करते हुए 2000 चक्कर लगाये और साथ ही विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। जिसे गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में ''Most Kathak Spins Performed While Creating Formation" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट कार्यक्रम में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा मंच पर छात्राओं एवं प्रशिक्षक श्रीमती पूजा गुप्ता जी को प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) एवं विशेष अतिथि के रूप में डॉ. सुशिल चन्द्र गुप्ता एवं श्रीमती दीपिका गुप्ता मौजूद रहे।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्रीमती पूजा गुप्ता जी ने बताया कि विश्व कीर्तिमान के इस प्रयास को संभव करने के लिए यह छात्राएं गत एक वर्ष से कठिन एवं नियमित अभ्यास में जुटी हुई हैं। छात्राओं द्वारा किया गए प्रतिदिन 5-6 घंटे के नियमित अभ्यास से ही यह कार्य संभव हो पाया हैं। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन श्री रशीद कुरैशी जी द्वारा किया गया। प्रस्तुति के दौरान तबले पर श्री परमानंद शर्मा जी एवं हारमोनियम पर श्री सुभाष सक्सेना जी ने साथ दिया। कार्यक्रम के बोल आस्था बंसल एवं आराध्या शर्मा जी द्वारा रचे गए।
श्रीमती पूजा गुप्ता जी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में इससे पूर्व भी कई बार विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गए। जिसमे समूह द्वारा सर्वाधिक कत्थक तत्कार परफॉर्म करने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। इसके आलावा समूह द्वारा लगातार कत्थक चक्कर लगाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया, एवं पूजा गुप्ता जी के कुशल मार्गदर्शन में समूह द्वारा स्केटिंग पर कत्थक नृत्य परफॉर्म कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। उक्त रिकार्ड्स को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया
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