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18 वर्षीय श्रुति शिवरे ने लगातार 79 घंटे डांस कर बनाया विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

डांस एक  शौक  के साथ-साथ एक व्यायाम भी है। डांस करने से जहाँ मन को प्रसन्नता मिलती हैं वहीं इसके बहुत फायदे भी हैं। डांस आपको मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में भी काफी मदद करता हैं। नियि‍मत रूप से डांस करने से शारीरिक तौर पर आप फिट रह सकते हैं. फिर चाहे आप तनाव में हों, बढ़ते वजन की समस्‍या से परेशान हों या फिर कोई अन्‍य शारीरिक, मानसिक समस्‍या ही क्‍यों न हो, डांस आपकी कई समस्‍याओं का एक इलाज है। दरअसल, डांस एक तरह की एक्सरसाइज है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और डांस करने की आदत भावानात्मक तौर पर भी आपको सेहतमंद बनाए रखती है। डांस की मदद से आप खुद को फुर्तीला बना सकते हैं। डांस न सिर्फ आपका स्टैमिना बढ़ाने में मददगार है, बल्कि इससे जोड़ों के दर्द की समस्‍या से भी छुटकारा मिलता है। डांस की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इन दिनों कई लोग इसे करियर के रूप में भी अपना रहे हैं।  मध्यप्रदेश, इंदौर की 18 वर्षीय छात्रा श्रुति शिवरे (Shruti Shivre) का डांस के प्रति लगाव और जूनून को देखकर आज हर कोई हैरान हैं। श्री वैष्णव महाविद्यालय, इंदौर की बीबीए की छात्रा श्रुति शिवरे ने डांस के प्रति अपने जू

इंदौर में आयोजित सक्षम साइक्लोथॉन कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

साइकिल परिवहन का एक सरल, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल साधन है। साइकिल चलाने से पर्यावरण को लाभ होता है और यह एक किफायती परिवहन साधन भी है। इसे चलाने के लिए पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं पड़ती, इससे कोई पॉल्यूशन भी नहीं होता, और इसे कोई भी चला सकता है। साइकिल चलाना पर्यावरण के साथ-साथ हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी बेहद मददगार होता हैं। रोजमर्रा के जीवन में हो रहे बदलावों और बदलती जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए हमें नियमित व्यायाम का एक स्वाभाविक साधन प्रदान करता है। साइकिल चलाने से हमारी मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, हृदय के कार्यक्षमता में सुधार होता है, और वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। साइकिल चलाना हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। यह हमें तनाव, चिंता, और थकान को कम करने में सहायक होता है। परिवहन के हरित और स्वस्थ तरीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश के सबसे साफ़-सुथरे शहर इंदौर में  सक्षम साइक्लोथॉन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इंदौर साइक्लिंग एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सक्षम साइ

संस्कारधानी जबलपुर में आयोजित विशाल कावड़ यात्रा गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

भगवान शिव का प्रिय सावन मास के शुरू होते देशभर में कावड़ यात्राएं प्रारंभ हो जाती हैं। कावड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त पवित्र नदियों के तट से जल भरकर उसको कावड़ पर बांध कर कंधों पर लटका कर शिवालय में लाते हैं और उस जल को शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। कावड़ यात्रा को लेकर शिवभक्तों में खासा उत्साह देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ यात्रा करने से भगवान शिव सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं और जीवन के सभी संकटों को दूर करते हैं। पुराणों में बताया गया है कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सहज रास्ता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने सबसे पहले कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। भगवान परशुराम गढ़मुक्तेश्वर धाम से गंगाजल लेकर आए थे और यूपी के बागपत के पास स्थित 'पुरा महादेव' का गंगाजल से अभिषेक किया था। उस समय सावन मास ही चल रहा था, इसी के बाद से कावड़ यात्रा की शुरुआत हुई। आज भी शिव भक्तों द्वारा इस परंपरा का पालन किया जाता है। संस्कारधानी जबलपुर में सावन मास के अवसर पर विशेष कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। नर्मदा नदी के संरक्षण और पर्यावरण संरक्ष

भगवान विष्णु के नाम का सर्वाधिक बार जाप करके बनाया विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

भारतीय संस्कृति एवं हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु का बहुत अधिक महत्त्व है जिन्हें त्रिमूर्ति का एक हिस्सा माना जाता है। भगवान विष्णु ने अपने अवतारों के माध्यम से धरती पर बार-बार प्रकट होकर धर्म की स्थापना की है। भगवान  विष्णु हिन्दू धर्म में सर्वोत्तम परमात्मा के रूप में माने जाते हैं। उन्हें सृष्टि का परिचालक या पालनकर्ता भी कहा जाता हैं। भगवान विष्णु हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण और प्रिय देवता हैं उनके पूजा-अर्चना के लिए अनेक स्तोत्र और भजन भी हैं जो उनकी महिमा को गाते हैं। भगवान विष्णु की आराधना करने के कई तरीके एवं उपाय प्रचलित हैं जिनमे से एक हैं विष्णु सस्त्रनाम का पाठ करना। शास्त्रों के अनुसार विष्णु सहस्रनाम का पाठ विष्णु जी के एक हजार नामों का संकलन है। श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति का जीवन सहज हो जाता है और उसके सभी पापों का नाश होता है। इसके पाठ से विष्णु भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और घर में धन-धान्य, सुख-संपदा बनी रहती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में समस्त मानव और विश्व कल्याण की कामना से पंच दिवसीय श्री विष्णु सहस्त्रनाम पाठ उत्सव का आयोजन किया गया।

आँखों पर पट्टी बांधकर स्केटिंग करते हुए रुबिक क्यूब सोल्व कर रोनित जोशी ने रचा विश्व कीर्तिमान

रुबिक क्यूब एक प्रकार का पज़ल हैं, जिसे एरनो रुबिक द्वारा 1974 में हंगेरी में डिज़ाइन किया गया था। उन्होंने अपने छात्रों को पढ़ाने में सहायता के लिए इसका आविष्कार किया था। परन्तु समय के साथ इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते आज यह पूरी दुनिया में उपयोग किया जाता हैं। रूबिक क्यूब को हल करने के कई फ़ायदे हैं, यह आपकी एकाग्रता, याद्दाश्त और रचनात्मकता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है। रूबिक क्यूब हल करना न केवल बच्चों के लिए बल्कि वयस्कों के लिए भी एक स्वस्थ शौक हो सकता है। जब आप रुबिक क्यूब हल करते हैं तब आपको अधिक तार्किक एवं रचनात्मक सोच की आवश्यकता होती हैं जो आपके समस्याओं के समाधान करने के कौशल को विकसित करता हैं।  रुबिक क्यूबस जैसे पज़ल को सामान्यतः लोगो को हल करने की घंटों का समय लग जाता हैं वही भारत के वड़ोदरा, गुजरात के रहने वाले रोनित जोशी (Ronit Joshi) ने महज 15 वर्ष की उम्र में आँखों पर पट्टी बांधकर बड़ी आसानी से रुबिक क्यूब सोल्व कर देते हैं। अपनी इस कला और भी चुनौती पूर्ण ढंग से अंजाम देने के नन्हे रोनित ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया की

जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित मेगा ड्राइंग कार्निवाल गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

चित्रकला एक ऐसा रचनात्मक विषय हैं, जो विद्यार्थियों को अपने विचारों, अनुभवों और भावनाओं को सृजनात्मक रूप से व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। अध्ययन काल में विद्यार्थियों के लिये इस विषय का अध्ययन करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैं। चित्रकला के माध्यम से वे अपने विचार एक नये एवं सुंदर तरीके से व्यक्त कर सकते हैं। चित्रकला एक ऐसा माध्यम है जो विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और उनमे ध्यान और एकाग्रता की क्षमता का का विकास करता हैं। विद्यार्थियों में चित्रकला के विषय में रूचि बढ़ाने के लिये स्कूल एवं कॉलेजों में विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताओं और मेलों का आयोजन किया जाता हैं जो कि कई विषयों पर आधारित होते हैं जैसे जल संरक्षण , वायु प्रदुषण, पर्यावरण आदि। मध्यप्रदेश के जबलपुर के एक प्रतिष्ठित शेक्षणिक संस्थान जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Joy Senior Secondary School) में छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए मेगा ड्राइंग कार्निवाल का आयोजन किया गया। यह आयोजन जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संस्थापिका स्व. श्रीमती विमला मेबन जी की स्मृति में किया गया। मेगा ड्

डॉ. जयंती लाल भंडारी का नाम आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों पर सर्वाधिक आर्टिकल लिखने एवं प्रकाशित करनें पर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

देश के विकास एवं समृद्धि में उस देश की अर्थव्यवस्था प्रणाली का सुचारू और सही ढंग से कार्य करना बहुत ही अनिवार्य हैं। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें देश के संसाधनों का इस्तेमाल कर, नागरिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश की जाती है।अर्थशास्त्र का अध्ययन, किसी देश की अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं का वर्णन कर सकता है, जैसे कोई देश अपने संसाधनों का किस प्रकार उपयोग करता है, श्रमिक कार्य और विश्राम पर कितना समय देते हैं, वित्तीय उत्पादों अथवा उद्योगों में निवेश का प्रतिफल, जनसंख्या पर करों का प्रभाव तथा व्यवसाय क्यों सफल तथा असफल होते हैं और भी बहुत कुछ। अर्थशास्त्र सरकारों और नीति निर्माताओं को आर्थिक नीतियों का निर्धारण करने में मदद करता है और साथ ही वित्तीय प्रबंधन, रोजगार, आर्थिक विकास, अन्तरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंदौर, मध्यप्रदेश के डॉ. जयंती लाल भंडारी जी (Dr. Jayantilal Bhandari) को देश भर में एक ख्याति प्राप्त करियर मार्गदर्शक, अर्थशास्त्री व शिक्षाविद के रूप में जाना जाता हैं। डॉ. जयंती लाल भंडारी जी ने अपने आलेखों एवं करि