Skip to main content

जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित मेगा ड्राइंग कार्निवाल गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

चित्रकला एक ऐसा रचनात्मक विषय हैं, जो विद्यार्थियों को अपने विचारों, अनुभवों और भावनाओं को सृजनात्मक रूप से व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। अध्ययन काल में विद्यार्थियों के लिये इस विषय का अध्ययन करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैं। चित्रकला के माध्यम से वे अपने विचार एक नये एवं सुंदर तरीके से व्यक्त कर सकते हैं। चित्रकला एक ऐसा माध्यम है जो विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और उनमे ध्यान और एकाग्रता की क्षमता का का विकास करता हैं। विद्यार्थियों में चित्रकला के विषय में रूचि बढ़ाने के लिये स्कूल एवं कॉलेजों में विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताओं और मेलों का आयोजन किया जाता हैं जो कि कई विषयों पर आधारित होते हैं जैसे जल संरक्षण , वायु प्रदुषण, पर्यावरण आदि।

मध्यप्रदेश के जबलपुर के एक प्रतिष्ठित शेक्षणिक संस्थान जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Joy Senior Secondary School) में छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए मेगा ड्राइंग कार्निवाल का आयोजन किया गया। यह आयोजन जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संस्थापिका स्व. श्रीमती विमला मेबन जी की स्मृति में किया गया। मेगा ड्राइंग कार्निवाल के अंतर्गत प्रतिभागियों द्वारा "सुन्दर दृष्टी, सुन्दर ‍‌सृष्टि" थीम पर चित्र बनाये गए। इस चित्रकला प्रतियोगिता में कुल 1048 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया। पर्यावरण सम्बंधित विषय पर आधारित चित्राकला प्रतियोगिता को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Largest Drawing Competition on the Theme Nature" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया। मेगा ड्राइंग कार्निवाल का उद्घाटन शासकीय कला निकेतन महाविद्यालय के श्री सोमेश सोनी जी (Mr. Somesh Soni) एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री राकेश सहरावत जी (Mr. rakesh Sahrawat) द्वारा किया गया। 

जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित मेगा ड्राइंग कार्निवाल में फाइन आर्ट कॉलेज के विभाग अध्यक्ष श्री मनीष कोष्टा जी , श्रीमती दीपा अग्रवाल जी एवं फ्रीलान्स आर्टिस्ट चन्दन जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विद्यालय प्रबंधक श्री अखिलेश मेबन जी, प्राचार्य श्रीमती रश्मि मिश्रा जी, उप प्राचार्य श्री नीनू मेबन जी, केप्टन श्री तनय मेबन जी, कार्यालय अधीक्षक श्री प्रदीप वलेछा जी, कला शिक्षिका श्रीमती ऋचा पंडित जी एवं समस्त विद्यालय स्टाफ और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहा। इस कार्निवाल को और भी रंगारंग बनाने के लिए संस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के संगीत विभाग के शिक्षक श्री गुंजन दुबे जी, श्री अनिल पाठक जी, श्री दिनेश सिंह जी एवं श्री अंकितेश श्रीवास्तव जी के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियां दी गयी।

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़: 









Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...