रुबिक क्यूब एक प्रकार का पज़ल हैं, जिसे एरनो रुबिक द्वारा 1974 में हंगेरी में डिज़ाइन किया गया था। उन्होंने अपने छात्रों को पढ़ाने में सहायता के लिए इसका आविष्कार किया था। परन्तु समय के साथ इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते आज यह पूरी दुनिया में उपयोग किया जाता हैं। रूबिक क्यूब को हल करने के कई फ़ायदे हैं, यह आपकी एकाग्रता, याद्दाश्त और रचनात्मकता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है। रूबिक क्यूब हल करना न केवल बच्चों के लिए बल्कि वयस्कों के लिए भी एक स्वस्थ शौक हो सकता है। जब आप रुबिक क्यूब हल करते हैं तब आपको अधिक तार्किक एवं रचनात्मक सोच की आवश्यकता होती हैं जो आपके समस्याओं के समाधान करने के कौशल को विकसित करता हैं।
रुबिक क्यूबस जैसे पज़ल को सामान्यतः लोगो को हल करने की घंटों का समय लग जाता हैं वही भारत के वड़ोदरा, गुजरात के रहने वाले रोनित जोशी (Ronit Joshi) ने महज 15 वर्ष की उम्र में आँखों पर पट्टी बांधकर बड़ी आसानी से रुबिक क्यूब सोल्व कर देते हैं। अपनी इस कला और भी चुनौती पूर्ण ढंग से अंजाम देने के नन्हे रोनित ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया की विश्व इतिहास रच दिया। दिनांक 6 जनवरी 2019 को रोनित जोशी ने आँखों पर पट्टी बांधकर स्केटिंग करते हुए रुबिक क्यूब सोल्व कर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Most Rubik’s Cube Solved During Blindfolded Skating" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।
रोनित द्वारा आँखों पर पट्टी बांधकर रुबिक क्यूब सोल्व करते हुए 5 किलोमीटर की दूरी तक स्केटिंग की गयी। इस प्रकार का कार्य दुनिया में पहली बार किसी के द्वारा किया गया होगा। इसलिए रोनित जोशी द्वरा किये गए इस कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Longest Blindfolded Skating While Solving a Rubik’s Cube" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। एक ही दिन में एक साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित कर वड़ोदरा के रोनित जोशी ने अपने माता-पिता और शहर का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया।
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