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सर्वाधिक महिलाओं ने एक साथ महाराष्ट्रियन लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर बनाया विश्व कीर्तिमान

नृत्य एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से लोग अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। नृत्य करना न सिर्फ मनोरंजन है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। यह आपके शरीर को फिट और मजबूत रखने में मदद करता है। भारतीय संस्कृति एवं धर्म के तार आरंभ से ही नृत्यकला से जुड़े हैं। नृत्यकला प्रदर्शन मनोरंजन से के साथ-साथ संस्कृति का प्रचारक भी होता हैं। भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में किये जाने वाले लोक नृत्य एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव को दर्शाते है। महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग लोक नृत्य हैं जो उनकी स्थानीय सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं जैसे कोल्हापुर का तामाशा, पुणे की लावणी, कोंकण की फुगड़ी, कोली, जोगवा, गोंधल आदि अपने विशेष शैली और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं।  इन नृत्य कलाओं का प्रदर्शन दर्शकों को एक अनूठे सांस्कृतिक सफर में ले जाता है, जहां संगीत, नृत्य, और कला का अद्वितीय संगम होता है। महाराष्ट्र के दोंडाईचा में नटराज डांस स्टूडियो (Natraj Dance Studio) के श्री विकास श्रवण बाटुंगे जी (Mr. Vikas Shrvan Batunge) द्वारा "दोंडाईचा जोगवा महोत्सव" (Dondaicha

एक फर्म में सबसे अधिक समय तक नौकरी कर 71 वर्ष की उम्र में डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही जी रचा विश्व कीर्तिमान

बागबहरा, छत्तीसगढ़ के डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही जी (Dr. Vishvanath Panigrahi) ने 71 वर्ष की उम्र में देश के यूवाओं और नौकरीपेशा लोगों के लिए कर्त्तव्य निष्ठा, कठिन परिश्रम, सेवा और ईमानदारी की  एक अद्भूत मिसाल पेश की हैं। डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही जी तेंदुपत्ता व्यापारी फर्म मेसर्स चकुभई घेलाभाई एंड सन्स में कार्यरत हैं, उन्होंने महज 16 वर्ष की उम्र में दिनांक 14 अगस्त 1968 को फर्म में तौल करने वाले के रूप में कार्य करने आरम्भ किया था। तेंदुपत्ता व्यापारी फर्म, मेसर्स चकुभई घेलाभाई एंड सन्स तथा उनकी अन्य संस्थाओं में अपनी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा का परिचय देते हुए विगत 54 वर्षों से अधिक समय  से अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। एक ही फर्म में किशोरावस्था से कार्य करते हुए आज वे फर्म की चौथी पीढ़ी (Forth Genration) के साथ कार्य कर रहे है।अपने कार्यकाल के दौरान एक की फर्म की चार पीढ़ियों को सेवाएँ प्रदान कर डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही जी ने विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। उनकी इस उपलब्धि के लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Serving Most Generation

उज्जैन के प्रसिद्ध छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर में आयोजित बुफे भोज एवं भारत दर्शन प्रदर्शनी को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में किया गया दर्ज

छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर, उज्जैन (Chhatreshwari Chamunda Mata Mandir, Ujjaiin) मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह मंदिर शहर के मध्य चामुण्डा माता चौराहे पर स्थित है। भक्तों का कल्याण करने वाली माता चामुण्डा को मंगलकरणी भी कहा गया है इसीलिए मंगलवार के दिन माता के दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। माना जाता है कि बारह मंगलवार तक लगातार छत्रेश्वरी चामुंडा माता के दर्शन करने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यहां देवी मां छत्रेश्‍वरी और चामुंडा माता के रूप में विराजित हैं। मंदिर में देवी मां पूर्व दिशा की ओर मुख करके विराजी हैं।  चामुंडा माता मंदिर असंख्‍य भक्‍तों की आस्‍था का केंद्र है। इस मंदिर में शारदीय और चैत्र नवरात्र के अवसर पर विशेष पूजा और अनुष्‍ठान किए जाते हैं।  वर्ष 2023 के समापन के साथ रविवार को उज्जैन मध्यप्रदेश स्थित छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर ने एक विशेष आयोजन किया गया। चामुंडा माता मंदिर समिति (Chamunda Mata Mandir Samiti) एवं लायंस ऑफ़ उज्जैन (Lions of Ujjain) की ओर से उन लोगों के लिए भोजन रखा गया जो निर्धन और वंचित वर्ग के हैं। मंदिरों में भोजन एवं प्रसाद का वितरण

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

22 SUV कारों को उनके निचे से लीम्बो स्केटिंग कर गुजरात की तक्षवी वाघानी ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

स्केटिंग करना एक ऐसा व्यायाम और खेल हैं, जिसे करने में आनंद भी आता हैं और शरीर तंदरुस्त भी रहता हैं। स्केटिंग करने के कई शारीरिक एवं मानसिक लाभ है जैसे स्केटिंग करने से पैरों की ताकत बढ़ाने के साथ-साथ  शरीर के सभी मसल्स की भी एक्सरसाइज हो जाती है। स्केटिंग करने से स्केटर के हाथ पैरों की बिच सामन्जस्य बढ़ता हैं और साथ में  एकाग्रता भी बढ़ती हैं। स्केटिंग करना सायकिल चलाने की तुलना में अधिक फायदेमंद हैं। स्केटिंग कई प्रकार की होती हैं जैसे रोलर स्केटिंग, आइस स्केटिंग, इनलेन स्केटिंग। रोलर स्केटिंग का भारत में अधिक चलन हैं। स्केटिंग द्वारा खेले जाने वाले कई खेलों में  लिंबो स्केटिंग एक ऐसा खेल है, जिसमें व्यक्ति पैरों में रोलर स्केट्स पहन लंबी-लंबी छड़ों या रॉड (बार्स) के नीचे से होकर गुजरता है। इस स्पोर्ट्स में उसे दोनों पैरों को फैलाकर बार्स और जमीन से बिना टकराए काफी कम समय में एक लंबी दूरी तय करनी होती है। लिंबो स्केटिंग को रोलर लिंबो भी कहा जाता है। अहमदाबाद, गुजरात की लिम्बो स्केटर कु. तक्षवी वाघानी ने लिंबो स्केटिंग में ऐसा करतब दिखाया की सबको हैरत में डाल दिया। शायोना सर्वोपरी, घाटलोद

3 वर्ष की लोव्या माहेश्वरी ने एक मिनट में सबसे ज्यादा हुला हुप्स कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

हु ला हूप एक मनोरंजक खेल से बढ़कर फुल बॉडी एक्सरसाइज हैं। जिसमे प्लास्टिक या किसी अन्य धातु की गोल रिंग को कमर के चारों तरफ घुमाना होता हैं। बच्चे अधिकतर हुला हूप को मनोरंजन के लिए खेलते हैं। किन्तु ये मजेदार होने के साथ-साथ वेट लोस (Weight Loss) करने में भी काफी मददगार हैं, इसकी मदद से आप पेट और कमर के आस पास जमा चर्बी को भी आसानी से कम कर सकते हैं। हुला हूप करने में पूरी कमर में जोर लगाना पड़ता है। इससे कंधे से लेकर पैरों तक की मसल्स की एक्‍सरसाइज होती है। खासकर कमर को सही शेप मिलता है। इसे सीखना कठिन भी नहीं है। शुरुआत में तो यह धीमा ही होता है लेकिन लगातार प्रैक्टिस से आप इसे अच्‍छे से कर सकते है। 1 घंटे तक ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करने पर जितनी कैलोरीज बर्न होती है, उतनी आप 15 मिनट हुला हूपिंग करके बर्न कर सकते हैं। दिन भर की थकान और स्ट्रेस को दूर करने के लिए भी हुला हूप का सहारा लिया जा सकता है, यह मन और दिमाग को शांत रखता हैं और साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी काफी मददगार हैं। अगर बच्चों की प्रतिभा को बचपन से ही पहचान लिया जाए, तो वो कमाल कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही जयपुर, राजस्थान की नन्

एक ही विश्वविद्यालय से सर्वाधिक मास्टर डिग्री अर्जित कर श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया अपना नाम

मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्त्व हैं। शिक्षित मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठा तथा जीवन में सफलता की प्राप्ति होती हैं। शिक्षा सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके बहुत कुछ अच्छा प्राप्त किया जा सकता हैं। शिक्षा उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक होने के साथ-साथ देश के विकास एवं प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसीलिए जन-जन तक शिक्षा पहुंचनी चाहिए क्योंकि देश व समाज का विकास तभी संभव है जब सभी लोग शिक्षित हों। कहा जाता हैं कि शिक्षा एवं ज्ञान ऐसा धन हैं, जिसे कोई न तो कोई चुरा सकता हैं और न ही कोई किसी से छीन सकता हैं। अर्जित शिक्षा कभी निरर्थक नहीं जाती है, शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान प्राप्ति है। मनुष्य की खासियत है कि वह निरंतर ज्ञान की तलाश करता है और नए अनुभवों को प्राप्त करने की इच्छा रखता है। पढ़ने एवं सिखने की यही ललक व्यक्ति को जीवन के काफी उचाईयों तक ले जाती हैं। "निरंतर कुछ नया सीखना, ज्ञानार्जन एवं शिक्षण ही बुद्धिजीवियों की निशानी हैं" इस कथन को सत्य प्रमाणित किया हैं छत्तीसगढ़, कबीरधाम जिले