Skip to main content

3 वर्ष की लोव्या माहेश्वरी ने एक मिनट में सबसे ज्यादा हुला हुप्स कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

हुला हूप एक मनोरंजक खेल से बढ़कर फुल बॉडी एक्सरसाइज हैं। जिसमे प्लास्टिक या किसी अन्य धातु की गोल रिंग को कमर के चारों तरफ घुमाना होता हैं। बच्चे अधिकतर हुला हूप को मनोरंजन के लिए खेलते हैं। किन्तु ये मजेदार होने के साथ-साथ वेट लोस (Weight Loss) करने में भी काफी मददगार हैं, इसकी मदद से आप पेट और कमर के आस पास जमा चर्बी को भी आसानी से कम कर सकते हैं। हुला हूप करने में पूरी कमर में जोर लगाना पड़ता है। इससे कंधे से लेकर पैरों तक की मसल्स की एक्‍सरसाइज होती है। खासकर कमर को सही शेप मिलता है। इसे सीखना कठिन भी नहीं है। शुरुआत में तो यह धीमा ही होता है लेकिन लगातार प्रैक्टिस से आप इसे अच्‍छे से कर सकते है। 1 घंटे तक ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करने पर जितनी कैलोरीज बर्न होती है, उतनी आप 15 मिनट हुला हूपिंग करके बर्न कर सकते हैं। दिन भर की थकान और स्ट्रेस को दूर करने के लिए भी हुला हूप का सहारा लिया जा सकता है, यह मन और दिमाग को शांत रखता हैं और साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी काफी मददगार हैं।

अगर बच्चों की प्रतिभा को बचपन से ही पहचान लिया जाए, तो वो कमाल कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही जयपुर, राजस्थान की नन्ही लोव्या माहेश्वरी (Lovya Maheshwari) ने कर दिखाया। श्री अभिषेक माहेश्वरी एवं श्रीमती खुशबू माहेश्वरी जी की सुपुत्री लोव्या ने महज़ तीन वर्ष की उम्र में 154 बार कमर पर हुला हूप घुमाकर ऐसा कारनामा कर दिखाया कि एक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। नन्ही लोव्या के इस अद्भूत कारनामे को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Most Hula Hoop Spin Performed Around the Waist in One Minute" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया। लोव्या की इस उपलब्धि पर उनके माता- पिता एवं परिवारजनों के बीच काफी हर्ष का माहौल था। परिवार समेत अन्य लोगो ने भी गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने पर नन्ही लोव्य को शुभकामनाएं प्रेषित की।


न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज :

Video Courtesy: Talent Unlimited




Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ करके ईशानी ने रचा इतिहास

तीन साल की आयु, जब बच्चे सामन्यतः बोलना सीख रहे होते हैं। वहीं इसी आयु की इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (Ishani Khandelwal) ने हनुमान चालीसा का पाठ सुनाकर सारी दुनिया को अचंभित कर दिया। ईशानी की इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज किया गया है। ईशानी ने न केवल हनुमान चालीसा का पाठ किया है बल्कि उन्हें हनुमान चालीसा याद भी है। ईशानी को उनके माता पिता द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। 18 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (D/O श्रीमती कृतिका एवं श्री मयूर खण्डेलवाल) ने महज 3 वर्ष 1 माह 9 दिन की आयु में हनुमान चालीसा का पाठ करके विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ ( Youngest to Ricite Hanuman Chalisa )" के शीर्षक के साथ ईशानी खण्डेलवाल के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डाँ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) ने ईशानी को उनके माता पिता की उपस्थिति ...