Skip to main content

एक ही विश्वविद्यालय से सर्वाधिक मास्टर डिग्री अर्जित कर श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया अपना नाम

मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्त्व हैं। शिक्षित मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठा तथा जीवन में सफलता की प्राप्ति होती हैं। शिक्षा सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके बहुत कुछ अच्छा प्राप्त किया जा सकता हैं। शिक्षा उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक होने के साथ-साथ देश के विकास एवं प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसीलिए जन-जन तक शिक्षा पहुंचनी चाहिए क्योंकि देश व समाज का विकास तभी संभव है जब सभी लोग शिक्षित हों। कहा जाता हैं कि शिक्षा एवं ज्ञान ऐसा धन हैं, जिसे कोई न तो कोई चुरा सकता हैं और न ही कोई किसी से छीन सकता हैं। अर्जित शिक्षा कभी निरर्थक नहीं जाती है, शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान प्राप्ति है। मनुष्य की खासियत है कि वह निरंतर ज्ञान की तलाश करता है और नए अनुभवों को प्राप्त करने की इच्छा रखता है। पढ़ने एवं सिखने की यही ललक व्यक्ति को जीवन के काफी उचाईयों तक ले जाती हैं।

"निरंतर कुछ नया सीखना, ज्ञानार्जन एवं शिक्षण ही बुद्धिजीवियों की निशानी हैं" इस कथन को सत्य प्रमाणित किया हैं छत्तीसगढ़, कबीरधाम जिले के कवर्धा ब्लॉक अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल, छिरहा में प्राचार्य के पद पर पदस्थ श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी (Mr. Ramesh Kumar Chandrawanshi) ने। आपने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करते हुए एक ही विश्वविद्यालय से सर्वाधिक मास्टर डिग्रियां प्राप्त की हैं। रमेश कुमार चंद्रवंशी जी की इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Most Master Degrees Earned from One University" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का आधिकारिक सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Voshnoei, Asia Head GBWR) जी द्वारा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी को प्रदान कर सम्मानित किया। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने बताया कि सन 1996 में पहली मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद 2023 तक बारह विषयों में मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए 28 साल अर्थात लगभग तीन दशक का समय लगा। इस दौरान कई बार विषम परिस्थिति व समस्याएं आने के बाद भी वे धैर्यपूर्वक परीक्षाओं में शामिल हुए। उनकी इस उपलब्धि पर परिजनों, मित्रों, संघ पदाधिकारियों व शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी।

श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने स्कूली शिक्षा के बाद बी.एस.सी. (गणित) की शिक्षा विज्ञान महाविद्यालय, राजनांदगांव से पूर्ण की। तदुपरांत बी.एड. की उपाधि केशरवानी महाविद्यालय जबलपुर से प्राप्त की। अपने सीखने की प्रवृत्ति आगे बनाये रखते हुए विश्वविद्यालय अध्ययन शाला से सन 1996 में एम.एस.सी. (गणित) विषय से प्रावीण्य सूची में पांचवे स्थान प्राप्त करने वाले रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने सन 2005 में विभागीय चयन प्रक्रिया के आधार पर शासकीय शिक्षा महाविद्यालय रायपुर से नियमित छात्र के रूप में जनभागीदारी विद्यालयों के संगठनात्मक वातावरण, उपलब्ध सुविधाओं एवं समस्याओं का विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय पर लघु शोध कार्य पूर्ण करते हुए प्रथम श्रेणी में मास्टर ऑफ एजुकेशन (M. Ed.) की उपाधि प्राप्त की। अध्ययन में अपनी विशेष रुचि को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन के साथ उन्होंने सन 2004 में राजनीति विज्ञान, 2007 में अर्थशास्त्र, 2009 में इतिहास, 2011 में हिन्दी साहित्य, 2013 में समाजशास्त्र, 2015 में लोक प्रशासन, 2017 में भूगोल, 2019 में दर्शनशास्त्र, 2021 में प्राचीन भारतीय इतिहास एवं वर्तमान वर्ष 2023 में भाषाविज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी जी ने अपनी सभी बारह विषयों में मास्टर डिग्रियां पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (Pt. Ravishankar Shukla University, Raipur) से ही प्राप्त की। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चन्द्रवंशी ने DIET अर्थात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में गणित व्याख्याता के पद पर सन 2008 से 2012 तक चार वर्ष की निर्धारित प्रतिनियुक्ति अवधि में सफलतापूर्वक सेवा देकर गणित विषय मे अपना विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही रिसोर्स पर्सन के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे। इतनी शेक्षणिक उपलब्धियों के अतिरिक्त आप मैनेजमेंट के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित संस्थान आई.आई.एम. लखनऊ (IIM, Lucknow) से पर्सनल ग्रोथ थ्रु सेल्फ एक्सप्लोरेशन विषय तथा NCERT के अंतर्गत क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, श्यामला हिल्स भोपाल से गणित में “Key Resource Person” में प्रशिक्षित हैं। अकादमिक कार्यों के अलावा कर्मचारी हितों के लिए समर्पित रूप से कार्य करने वाले रमेश कुमार चन्द्रवंशी वर्तमान में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के रूप में शिक्षकों को कुशल नेतृत्व प्रदान कर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।


न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़:












https://thepopatlal.in/ रमेश चन्द्रवंशी ने बनाया विश्व रिकार्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

https://thepublicnews.live/chhattisgarh/ शिक्षक रमेश चन्द्रवंशी का नाम ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज’, सर्वाधिक मास्टर डिग्रियां टाइटल से किया गया दर्ज

Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ करके ईशानी ने रचा इतिहास

तीन साल की आयु, जब बच्चे सामन्यतः बोलना सीख रहे होते हैं। वहीं इसी आयु की इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (Ishani Khandelwal) ने हनुमान चालीसा का पाठ सुनाकर सारी दुनिया को अचंभित कर दिया। ईशानी की इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज किया गया है। ईशानी ने न केवल हनुमान चालीसा का पाठ किया है बल्कि उन्हें हनुमान चालीसा याद भी है। ईशानी को उनके माता पिता द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। 18 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (D/O श्रीमती कृतिका एवं श्री मयूर खण्डेलवाल) ने महज 3 वर्ष 1 माह 9 दिन की आयु में हनुमान चालीसा का पाठ करके विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ ( Youngest to Ricite Hanuman Chalisa )" के शीर्षक के साथ ईशानी खण्डेलवाल के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डाँ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) ने ईशानी को उनके माता पिता की उपस्थिति ...