Skip to main content

छत्तीसगढ़ योग आयोग का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

भारत और योग का सम्बन्ध हजारों वर्ष पुराना हैं। यह सम्बन्ध इतना पुराना हैं जितनी भारतीय संस्कृति, भारत के ऋषि-मुनि प्राचीन काल से ही शारीरिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक लाभ हेतु योग एवं ध्यान का प्रयोग करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई जिसके पश्च्यात ही यह दुनिया भर के अन्य देशों में प्रचिलित हुआ। योगाभ्यास के माध्यम से शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने के साथ-साथ मन को भी शांत किया जा सकता हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास बेहद आवश्यक हैं। योग मानव शरीर की एक ऐसी जरूरत है जिसे पूरा करने से बहुत फायदे होते हैं। योग का सीधा संबंध मानव शरीर के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है योग हमें प्रकृति से जोड़ता है एवं स्वस्थ रखता हैं ।

छत्तीसगढ़ योग आयोग (Chhattisgarh Yog Aayog) द्वारा लोगों को योग के महत्व के प्रति जागरूक करने एवं स्वस्थ्य जीवन जीने को प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश की राजधानी रायपुर के स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में सामूहिक सेतुबंध आसन (Bridge Pose Yoga) के योगाभ्यास का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ योग आयोग की ओर से आयोजित इस  कार्यक्रम में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत तमाम समाज के पुरुष और महिलाओं ने भाग लिया। छः वर्ष की आयु से लेकर सत्तर वर्ष तक की आयुवर्ग के योग साधकों ने इस सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लिया। रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए, इस दौरान लोगो द्वारा तिरंगे के तीन रंगों के लेयर में श्रंखला बनाई और योगाभ्यास किया जो देखने में बहुत ही अद्भूत प्रतीत हो रहा था। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो द्वारा एक साथ सेतुबंध आसन का प्रदर्शन किया। एक स्थान पर एक साथ सर्वाधिक लोगों द्वारा सेतुबंध आसन करने पर इसे एक वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्वनोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR)  द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा करते हुए छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा जी (Mr. Gyanesh Sharma) को "Most People Performing Setu Bandhasana Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया। वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा के बाद श्री ज्ञानेश शर्मा जी ने कहा कि "आज का दिन छत्तीसगढ़ के लिए काफी बड़ा दिन है। आज सेतुबंध आसन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है जिसमें 1,100 योग साधकों ने सेतुबंध आसन का प्रदर्शन कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। हमारा उद्देश्य  लोगों को योग के लिए प्रेरित करना है ताकि वह दिनचर्या में इसे शामिल कर सकें। हम इस तरह के आयोजनों के जरिए लोगों में जन जागरण करने की कोशिश कर रहे हैं" और साथ यह भी कहा कि "मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने मुझे लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखते हुए छत्तीसगढ़ योग आयोग को महती जिम्मेदारी सौंपी हैं जिसे पूरा करते हुए आयोग द्वारा प्रदेश में लगभग 50 नियमित निःशुल्क योगाभ्यास केन्द्र शुरू किये गए हैं। सभी संभागों के योगसाधकों में प्रशिक्षण देकर गाँव-गाँव तक योग का प्रचार किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी (Mr. Bhupesh Baghel, CM Chhattisgarh) ने इस विशेष उपलब्धि पर नागरिको को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि "‘छत्तीसगढ़ जब तक करेगा योग, तब तक रहेगा निरोग। सेतुबंध आसन मन और शरीर को ब्रिज की तरह जोड़ता है"। कार्यक्रम में उपस्थित AICC के राष्ट्रीय सचिव श्री विकास उपाध्याय जी (Mr. Vikas Upadhyay) ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि "योग तन, मन और धन को सुरक्षित रखता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी की मंशानुसार आम नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उनके विधानसभा क्षेत्र के 90 प्रतिशत से अधिक वार्डों में निःशुल्क योग केन्द्र खोले गए हैं"। कार्यक्रम में शामिल हुए योग साधको एवं प्रशिक्षको का उत्साहवर्धन करते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक जी (Dr. Kiranmayi Nayak) ने कहा "सभी योगसाधक 10-10 लोगों को योग सिखाएं। अगले वर्ष बड़ी संख्या में एक बार फिर सभी रिकॉर्ड बनाएंगे"। 

इस सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में सेतुबंध आसन के साथ-साथ अन्य आसनों, प्राणायामों तथा ध्यान का अभ्यास भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. एम. एल. पाण्डे जी (सचिव, छत्तीसगढ़ योग आयोग), श्री प्रदीप शर्मा जी (सलाहकार, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़), श्री एजाज़ ढेबर जी (महापौर, रायपुर), श्री रतनलाल डांगी जी (आईजी), श्री कुलदीप जुनेजा जी (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल), श्री सुशील सन्नी अग्रवाल जी (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल), डॉ. सुरेश शर्मा जी (अध्यक्ष, संस्कृत विद्यामंडलम), श्रीमती चित्ररेखा साहू जी (उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल), श्री सतनाम पनाग जी (सदस्य, एमआईसी), छत्तीसगढ़ योग आयोग के सदस्य श्री राजेश नारा जी, श्री रविन्द्र सिंह जी एवं श्री गणेशनाथ योगी जी, योग प्रशिक्षक श्री छबिराम साहू जी, श्रीमती ज्योति जी, ब्रम्ह कुमारी सविता दीदी के साथ साथ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साधकगण, योग प्रशिक्षक एवं बड़ी संख्या में योग साधक उपस्थित रहे।

मीडिया कवरेज़ - 




Video Courtesy: YouTube- Amar Ujala MP-CG 


Video Courtesy: Chhattisgarh Yog Aayog
















2000 लोगों ने किया सेतुबंध आसन, बना रिकॉर्ड

योग: छत्तीसगढ़ ने योग के सेतुबंध आसन में बनाया विश्‍व कीर्तिमान

सेतुबंध आसन के प्रदर्शन से छत्तीसगढ़ ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है

दो हजार से अधिक योग साधकों ने सेतुबंध आसन कर बनाया रिकॉर्ड

सेतुबंध आसन के प्रदर्शन से छत्तीसगढ़ ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है

राजधानी में बना रिकॉर्ड, 1100 योग साधकों ने सेतुबंध आसन लगाकार किया योग....

Chhattisgarh Yoga Commission Made World Record: छत्तीसगढ़ योग आयोग ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, सेतुबंध आसन के जरिए 1100 से ज्यादा योग साधकों ने रिकॉर्ड किया दर्ज

छत्तीसगढ़ ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड: रायपुर में 2 हजार से अधिक योग साधकों ने किया सेतुबंध आसन का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड: राजधानी में 2000 से अधिक योग साधकों ने किया सेतुबंध आसन का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में वर्ल्ड रिकॉर्ड: राजधानी में 2000 से अधिक योग साधकों ने किया सेतुबंध आसन का प्रदर्शन… सीएम बघेल ने दी बधाई

योग के सेतुबंध आसन में छत्तीसगढ़ ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

छत्तीसगढ़ में दो हज़ार से अधिक योग साधकों ने किया सेतुबंध आसन का प्रदर्शन

Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर

मूक-बधिर बच्चें ऐसे बच्चें होते हैं जो जन्म से या किसी दुर्घटनावश बोलने और सुनने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मूक-बधिर बच्चों का विकास एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। इन बच्चों के लिए शिक्षा एवं सामाजिक समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता होती हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो उन्हें विकसित करें, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर सकें और परिवार के साथ मिलकर उन्हें समाज में सम्मिलित होने में मदद करें। इन बच्चों का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं विकास, समर्थन और स्नेहभरे वातावरण में होना चाहिए ताकि वे भी सफलता प्राप्त कर सकें।  गुवहाटी, असम में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2023 तक मूक-बधिर बच्चों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन  तुलसी ग्रैंड, गरल धारापुर में  महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), अनाम प्रेम (Anam Prem), मुंबई एवं आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन (Acharya Tulsi Mahashraman Research Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से