राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के नाम दर्ज हुए दो विश्व कीर्तिमान
भारत, विविध संस्कृतियों और प्राचीन परंपराओं का देश है, जहां हमेशा से उत्साहभरे धार्मिक उत्सवों और त्योहारों का आयोजन किया जाता रहा है, जो इसकी समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं। इन उत्सवो में से एक "राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन रायगढ़, छत्तीसगढ़ के राम-लीला मैदान में किया गया। 1 जून से 3 जून 2023, तक आयोजित इस महोत्सव में पुरे देश से भक्त, कलाकार, एवं विद्वान् एकत्रित हुए ताकि वे भगवान राम की इस अद्वितीय कथा का उत्सव मना सके। इस महोत्सव का आयोजन श्री विवेक आचार्य जी (Mr. Viviek Acharya) के संचालन में संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ (Department of Culture) द्वारा किया गया। इस राष्ट्रीय महोत्सव में देश के 13 राज्यों सहित कंबोडिया और इंडोनेशिया के रामायण दलों द्वारा रामकथा पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी गयी। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में सर्वव्यापी भगवान श्रीराम की रामकथा के विविधतापूर्ण राष्ट्रीय-वैश्विक स्वरूपों की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तिसगढ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी (Mr. Bhupesh Baghel, CM) ने रायगढ़ के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि "प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं। राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, जितना मनन करिएगा राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है। हमारे राम, कौशल्या के राम, वनवासी राम, शबरी के राम और हम सबके राम हैं। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में रायगढ़ राममयगढ़ हो गया" और साथ ही मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया था, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया।
राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में कलाकारों द्वारा तीन दिनों तक लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड का मंचन किया। जिसमे छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों और दो विदेशी दलों के 17 दलों के 375 कलाकरों ने हिस्सा लिया। सबसे अधिक कलाकारों द्वारा अरण्य कांड पर प्रस्तुति दिए जाने पर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) द्वारा राज्य के संस्कृति विभाग को "Most Stage Artist Performing on Aranyakand of Ramayana" शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव कार्यक्रम के समापन दिवस दिनांक 3 जून 2023 को जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा (Mr. Taran Prakash Sinha, IAS) के संचालन में भव्य हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया जिसमे 10 हज़ार से भी अधिक लोगो द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। लोगो द्वारा इतनी बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा का पाठ करने के कारण "Most People Chanting Hanuman Chalisa" के शीर्षक के साथ रायगढ़ कोलेक्टरेट का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया जिसका सर्टिफिकेट कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की संवाददाता श्रीमती सोनल शर्मा (Mrs. Sonal Sharma, Team GBWR) द्वारा प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान अरण्यकाण्ड पर मंचन की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था। जिसमे प्रथम स्थान कर्नाटक के दल को प्राप्त हुआ। दल प्रमुख को स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और 5 लाख रूपए की राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार असम के दल को मिला उन्हें तीन लाख रूपए की पुरस्कार राशि का चेक तथा स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और तृतीय पुरस्कार झारखंड के दल को प्रदान किया गया, उन्हें दो लाख रूपए की राशि के चेक के साथ स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति प्रदान किया गया। रायगढ़ नगर निगम महापौर श्रीमती जानकी काटजू ने मुख्यमंत्री जी को गदा भेंट किया।
समापन समारोह में कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित सभी राज्यों तथा जूरी मेम्बरों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक प्रकाश नायक, विधायक लालजीत सिंह राठिया, विधायक राम कुमार यादव, विधायक चक्रधर सिंह, विधायक लालजीत सिंह राठिया सहित अनेक विधायक, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, पूर्व सांसद नंदकुमार साय, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, कलेक्टर रायगढ़ तारन प्रकाश सिन्हा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...
राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...
"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...
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