Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2023

दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

लोकप्रिय साध्वी ऋतंभरा जी (Sadhvi Ritambhara Ji) , जिन्हे दीदी माँ के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही प्रमुख आध्यात्मिक गुरु हैं। वह भारतीय संस्कृति के महान सम्मान और हिंदुत्व का उपदेश देती है।साध्वी ऋतम्भरा जी 'भगवान आचार्य महा मंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंदजी महाराज' की प्रेरणा के तहत एक साध्वी बन गयीं थीं। साध्वी ऋतम्भरा जी ने भारतीय ग्रंथों का गहन अध्ययन किया और आध्यात्मिकता में गहराई से सोचा। उनका जीवन भगवान के प्रति समर्पण और समाज के लिए सेवा का एक उल्लेखनीय संयोजन है।उनका मानना ​​है कि "मानवता की सेवा भगवान की सेवा है" और उसने अपने जीवन की सेवा को अपने देश के लिए समर्पित किया है। साध्वी ऋतंभरा जी एक जीवंत और शक्तिशाली वक्ता हैं। उनके प्रवचनों को जब लोग सुनते हैं तो वे धन्य महसूस करते हैं कि उन्हें उनके द्वारा प्रबुद्ध होने का मौका मिला है। उनके शब्द सरल है लेकिन प्रभाव गहरा है। कुछ ही क्षणों में भक्त उनके परिवार का हिस्सा बन जाते हैं। वह एक उत्कृष्ट शिक्षक,  प्रेरक और एक मार्गदर्शक है जो शब्दों से नहीं बल्कि अपने स्वयं के आचरण के उदाहरणों के आधार पर सबका मार

पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के नाम दर्ज हैं कई वर्ल्ड रेकॉर्ड्स

योग और स्वास्थ्य मानव जीवन के दो महत्वपूर्ण आधारभूत स्तंभ हैं, और इसे समझने और अपनाने के लिए हमें सही मार्गदर्शन और संसाधनों की आवश्यकता होती है। भारतीय संस्कृति में योग और आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका है, और पतंजलि योगपीठ इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी स्थापना योगगुरु स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev)और आचार्य  बालकृष्ण जी (Acharya Balkrishna) ने की थी। यह संगठन योग के माध्यम से मानव जीवन को स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास कर रहा है।पतंजलि योगपीठ अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह संस्थान पतंजलि योगपीठ के नाम से विख्यात हुआ है, जो पतंजलि महर्षि को समर्पित है। महर्षि पतंजलि ने योग के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए एक आधारभूत प्रणाली को विकसित किया, जिसे "पतंजलि योगसूत्र" के रूप में जाना जाता है। पतंजलि योगपीठ इस योग सूत्र की शिक्षा और अभ्यास पर आधारित है, जिससे यह संस्थान योग के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्था बन गया है।पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदिक अस्पताल में विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है और इसमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ अपनाई जाती हैं। यहां

आचार्य बालकृष्ण का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

भारतीय संस्कृति में योग का महत्वपूर्ण स्थान है। योग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और एक सुखी, स्वस्थ और उत्कृष्ट जीवन की प्राप्ति में मदद करता है। आचार्य बालकृष्ण एक ऐसे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने योग को दुनिया भर में प्रमुखता प्रदान की है। उनकी साधना और प्रयासों के कारण उन्होंने आयुर्वेदिक दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय को गर्व के साथ अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाई है। आचार्य बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त, 1972 में उत्तराखंड के उदयपुर जिले में हुआ। उन्होंने बाबा रामदेव के साथ मिलकर पतंजलि योगपीठ की स्थापना की और साथ ही योग और आयुर्वेद पर गहन अध्ययन किया। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद, योग, जीवन-शैली और प्राकृतिक उपचार के क्षेत्र में अपनी पूरी जीवन को समर्पित कर दिया है। आचार्य बालकृष्ण ने अपने अनुभवों, अध्ययन और विज्ञान पर आधारित विशेषज्ञता के साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में विश्वस्तरीय पहचान बनाई है। उनके प्रमुख योगदानों में पतंजली आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय (Patanjali University) की स्थापना और विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों के विज्ञानिक तथ

हरियाणा योग आयोग का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

भारत देश की आज़ादी के 75 वर्ष होने के अवसर पर पूरे देश भर में ''आज़ादी का अमृत महोत्सव" मनाया जा रहा हैं। जिसमे अलग-अलग संस्थाओ द्वारा अनेक एसे कार्य किये जा रहे हैं जो इस महोत्सव को समर्पित हैं। इस प्रकार आज़ादी के 75 वें वर्ष को चिन्हित करते हुए  हरियाणा योग आयोग (Haryana Yog Aayog) द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में " मातृ वंदना-राष्ट्र वंदना अभियान " के अंतर्गत " 75 लाख सूर्य नमस्कार " कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत एक निश्चित कालावधि दिनांक 12 जनवरी  2023, ( "राष्ट्रीय युवा दिवस"- स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिवस) से 14 फरवरी 2023 (महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती) तक लोगों द्वारा 6 दिनों तक प्रतिदिन 13 बार सूर्य नमस्कार करने का आग्रह किया जिसमे राज्य के नागरिक स्वेच्छा से वेबसाइट  https://75lakhsuryanamaskarharyana.com/  के माध्यम से पंजीयन करवा कर कार्यक्रम में हिस्सा लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया। हरियाणा योग आयोग जो कि डॉ. जयदीप आर्य जी (Dr. Jaideep Arya) की अध्यक्षता में हरियाणा में योग के प्रमोशन, प्रशिक्षण, शोध, विका

योगगुरु स्वामी रामदेव जी के नाम दर्ज है कई विश्व कीर्तिमान

स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev ji) एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं, जिनकी योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के कारण वे दुनियाभर में मशहूर हुए हैं। उनका योग और प्राकृतिक उपचारों की शिक्षा व प्रचार-प्रसार में अतुल्यनीय योगदान है। उनकी प्रथम प्राथमिकता स्वस्थ जीवन जीने और दुनिया के लोगों को एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली प्राप्त करने में मदद करना है। स्वामी रामदेव को योग और प्राणायाम की शिक्षा में बड़ी रुचि थी और उन्होंने इसे एक जन आंदोलन के रूप में प्रस्थापित किया। उन्होंने अनेक योग शिविर और शारीरिक ध्यान कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जहां उन्होंने लोगों को स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए मार्गदर्शन किया है। स्वामी रामदेव को स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए बहुत सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्होंने विभिन्न टेलीविजन शो में अपने योग और स्वास्थ्य के टिप्स दिए हैं और लोगों को योगाभ्यास करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने योग के माध्यम से आयुर्वेदिक उपचार के लाभों को दुनिया भर में प्रसारित किया है। बाबा रामदेव ने सरल और सजीव तरीके से लोगों को योगाभ्यास के गुणों के बारे में जागरूक किया है औ

सेहत और सफाई के अनूठे संगम: प्लॉगिंग कर बनाया विश्व कीर्तिमान

फिटनेस के मामले में दौड़ने से अच्छा और किसी एक्सरसाइज को नहीं माना गया है। स्कूल में होने वाली एक्टिविटी से लेकर, सेहत से जुड़े वर्कआउट सेशन तक सभी में दौड़ने को काफी महत्व दिया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि, रोजाना अपनी डेली लाइफ में दौड़ने को शामिल करके स्वास्थ्य को काफी बेहतर बनाया जा सकता है। दौड़ने से शरीर के सभी हिस्सों की एक्सरसाइज सामान्य रूप से हो जाती है। यह एक मात्र ऐसी गतिविधि है जिसे करने के बाद यदि आप और कोई एक्सरसाइज नहीं भी करते हैं, तो भी आप फिट रह सकते हैं। दौड़ने को हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज की श्रेणी में रखा जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी वर्जिश करना, सेहतमंद भोजन लेना एवं अच्छे व स्वच्छ वातावरण में रहना अति आवश्यक है। रिपु दमन जी एक प्लॉगर (Plogger) है, जिसका मतलब होता है ऐसा व्यक्ति जो सुबह की सैर करते हुए राह में फैले कचरे को उठा कर सफाई भी करता जाए (Jogging with Picking up Litter)। दौड़ते रहना एवं रास्ते में पड़ने वाले कूड़े, कचरों को इकट्ठा करते जाना, साफ करते रहना, यही प्लॉग रन (Plog Run) कहलाता है। सामान्यतः ऐसा करने वालों का अभाव है, परंतु श्री रिपु द

धर्मनगरी कवर्धा में धार्मिक आयोजन का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस में दर्ज

कवर्धा, छत्तीसगढ़ (Kawardha, Chhattisgarh) में आयोजित  दिनांक 7 मई से 15 मई 2023 तक चलने वाले सात दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजन का समापन संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंतर्गत श्री रूद्र महायज्ञ, श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ, श्री राम कथा एवं योग शिविर का आयोजन किया गया। इस दिव्य समारोह का आयोजन श्री गणेश तिवारी जी एवं श्रीमती नेहा तिवारी जी (Mr. Ganesh Tiwari and Mrs. Neha Tiwari) के द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की भव्यता पहले ही दिन से नजर आ रही थी। इस आयोजन की शुरुआत बहुत ही भव्य तरीके से कलश यात्रा के साथ की गई, कलश यात्रा (Kalash yatra) में 11,000 से अधिक माताओं एवं बहनों नें भाग लिया। कलश यात्रा का विहंगम दृश्य देखकर सभी शहरवासी आनंद से भर गये। कार्यक्रम में धर्म सभा का उद्बोधन परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नय् ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी (Shankaracharya shri Avimukteshwaranand Saraswati ji) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में राम कथा का वाचन देश के सुप्रसिद्ध कथावाचक स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज (Swami Ramswaroopacharya ji, Shri Ram Katha) के

दुबई की स्वप्ना अब्राहम ने संगीत के क्षेत्र में बनाये 4 वर्ल्ड रिकार्ड्स

  दुबई : भारत मूल की निवासी स्वप्ना अब्राहम जी (Swapna Abraham) का संगीत के प्रति जूनून और लगाव कुछ एसा है की उन्होंने संगीत के क्षेत्र में 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना कर एक नया मील का पत्थर स्थापित कर दिया। बहु मुखी प्रतिभा की धनी स्वप्ना दुबई की एक मैनेजमेंट कंपनी में एक कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत हैं। 48 वर्षीय स्वप्ना ने एक साक्षात्कार के दौरान मीडिया को बताया की 24 सालों तक प्रोफेशन तरीके से संगीत से जुड़े रहने व 22 एल्बम्स में काम करने के बाद भी उन्हें एक कलाकार और संगीतकार के रूप वें खुद को अधूरा मानती हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा था  कि यह क्या अनुभव है। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने संगीत की दुनिया को छोड़ने का मन बनाया। लेकिन इससे पहले वह एक मुश्किल काम करना चाहती थीं. इसी मुश्किल काम को करने की कड़ी में स्वप्ना ने कई रिकार्ड्स को अपने नाम कर लिया। स्वप्ना ने 8 अप्रैल 2017 से 2 जनवरी 2020 तक यानी 1000 दिनों तक 1000 गानों को गाया है. इसमें गानों के बोल, लाइव मेकिंग, म्यूजिक कंपोजिशन, रिकॉर्डिग इत्यादि सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं.जिसके लिए स्वप्ना को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (

धर्मनगरी कवर्धा में जैविक खेती का संकल्प लेकर बनाया विश्व कीर्तिमान

 कवर्धा, छत्तीसगढ़ में 7 मई से 15 मई तक श्री रूद्र महायज्ञ , श्री भागवत महाकथा, श्री राम कथा एवं योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहाँ पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग कथा श्रवण करने एवं योग शिविर का लाभ लेने के लिए उपस्थित हो रहे हैं। इसी क्रम में 13 मई को सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी (सीहोर वाले) का आगमन हुआ। पंडित मिश्रा जी के द्वारा विशाल धर्मसभा को संबोधित किया गया जिसमे 50,000 से अधिक संख्या में धर्म प्रेमी जनता ने भाग लिया।  कार्यक्रम के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भगवान शिव की कथा एवं भजन सुनकर झूमते नजर आये। कार्यक्रम के दौरान आयोजक श्री गणेश तिवारी जी (Mr. Ganesh Tiwari) एवं उनकी भार्या श्रीमती नेहा तिवारी जी (Mrs. Neha Tiwari) सहित लगभग 35 हजार से भी अधिक लोगो द्वारा जैविक खेती (Organic Farming) करने का संकल्प लिया गया। जिसके लिए गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में सर्वाधिक लोगो द्वारा एक साथ जेविक खेती का संकल्प लेने के 'Most People Pledged for Organic Farming' के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। जिसका

'स्वच्छ मोरना नदी अभियान' ने रचा विश्व किर्तिमान

नदियों में बढ़ती हुई गन्दगी अब चिंता का विषय बन चूका है। नदियों के महत्व को मनुष्य अच्छी तरह से जानता है। लेकिन फिर भी नदियों को प्रदूषित कर रहा है।  पृथ्वी की सतह पर जो पानी है उसमें से 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है जो बिलकुल  नमकीन है। यह पानी पीने योग्य नहीं है।   तीन प्रतिशत जल  सिर्फ  पीने योग्य है जिसमें से 2.4 प्रतिशत  पानी ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है। केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इस हिसाब से हमे नदियों का संरक्षण करना चाहिए। हम नदियों के जल सैलाब से खुद डर जाते है। प्राकृतिक आपदाओं से घबराते है और खुद ही प्रलय ला रहे है। मनुष्य बरसो से औद्योगिक उन्नति के लिए प्रकृति और नदियों का दुरूपयोग कर रहा है।  इसके भयानक परिणाम देखने को मिल सकते है। नदियों में प्रत्येक दिन डिटर्जन्ट पाउडर , साबुन का पानी , कचरा  और कल -कारखानों  के कचरे नदियों में इकट्ठा  हो रहे है।  अगर ऐसे ही चलता रहा तो भविष्य में आने वाली पीढ़ी शुद्ध जल के लिए तरस जाएंगी। अकोला, महाराष्ट्र में मोरना  नदी को पुनः जिवंत करने के लिए