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महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर जी के नेतृत्व में हज़ारों महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद पत्र लिखकर बनाया वर्ल्ड रिकार्ड

केंद्र सरकार ने भारत की संसद के निम्न सदन अर्थात् लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" एक ऐतिहासिक कानून जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करना है। इस अधिनियम के तहत, दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाएगा। नारी शक्ति वंदन अधिनियम, एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय समाज में महिलाओं के उत्थान और सम्मान को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है। यह अधिनियम महिलाओं को उनके अधिकारों के साथ न्याय और समानता की अनुरोधित जरूरत को पूरा करने का प्रयास है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, सम्मान, और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है, ताकि वे समाज में समान रूप से भाग ले सकें। इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत, महिलाओं को न्यायपूर्ण और समान कानूनी सहायता और संरक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे समाज में स्वतंत्रता और समानता का अनुभव कर सकें। राजस्थान के जयपुर में नगर निगम ग्रेटर द्वारा शहर के जवाहर कला केंद्र में "शक्ति वंदन" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान शहर की नार

महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज द्वारा 51 टन साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी वितरण कर बनाया विश्व कीर्तिमान

शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple, Ujjain) भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन का महाकाल मंदिर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है, जिन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिवपुराण में भी विस्तार से मिलता है। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजित बाबा महाकाल के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद हेतु पूरे वर्ष ही यहाँ देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। श्रावण माह एवं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर दुनिया भर से आयें भक्तों की श्रद्धा एवं भक्ति से महाकालेश्वर मंदिर एवं पूरा उज्जैन शहर शिवमय हो जाता हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंधी समाज (Sindhi community) द्वारा साबूदाना खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महेश परयानी जी (Mr. Mahesh Paryani) के मार्गदर्शन एवं

सर्वाधिक लोगो ने एक साथ ताड़ासन योग कर राष्ट्रीय युवा दिवस पर बनाया विश्व कीर्तिमान

आधुनिक समय में लोग इतने व्यस्त रहने लगे हैं कि उन्हें स्वयं के लिए समय नहीं मिलता है। जिस कारण वे अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल नहीं रख पाते हैं और आए दिन बीमार होते रहते हैं। इससे बचने के सबसे सटीक और सरल उपाय योगाभ्यास है, जिसे अपनाकर आप सेहतमंद रह सकते हैं। ताड़ासन योग का एक मूलभूत आसन है क्योंकि यह आसन अनेक आसनों का आधार है। ताड़ासन योग बेशक दिखने में काफी आसान लगता हो, लेकिन यह काफी प्रभावी होता है।  ताड़ासन को समस्थिति भी कहा जाता है। ताड़ शब्द का अर्थ संस्कृत में पर्वत होता है, जिसके ऊपर इस आसन का नाम रखा गया है।  इस योग को करने से लंबाई बढ़ती है। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है, शरीर में रक्त संचार सही से होता है, घुटनों, टखनों और भुजाओं में भी मजबूती आती है। ये एक सरल आसन है, जिसे करना बेहद आसान है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ताड़ासन बहुत ही लाभकारी योग है। भारत के महापुरुषों में से एक स्वामी विवेकानंद जी (Swami Vivekananda) की जन्म तिथि को देश के युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रिय युवा दिवस के उपलक्ष्य में जौनपुर, उत्तर प्

बिना ऑपरेशन होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के माध्यम से सबसे बड़ी पथरी का इलाज कर डॉ. हेमंत श्रीवास्तव ने रचा विश्व कीर्तिमान

किडनी स्टोन की समस्या सभी उम्र के लोगों कॉफी कॉमन है। बोलचाल की भाषा में इसे किडनी में पत्थर बनना या पथरी भी कहा जाता हैं। चिकित्सकों के अनुसार किडनी स्टोन असल में कोई पत्थर नहीं होते है। हमारी किडनी रक्त से अपशिष्ट को फिल्टर करती है, जो मूत्र के माध्यम से बाहर आ जाते हैं। कभी-कभी, मूत्र में सॉल्ट और अन्य खनिज अधिक हो जाते हैं जो ठीक से फिल्टर नहीं हो पाते हैं, यही खनिज इकट्ठा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं। आमतौर पर 30-40 की उम्र में पुरुषों और स्त्रीयों में गुर्दे की पथरी होने की आशंका सबसे अधिक होती है। हालांकि, यह साम्स्य किसी को भी हो सकती है। शारीर में किडनी स्टोन होने के कई कारण हो सकते हैं। बहुत बार लम्बे अंतराल से यदि आप दवाइयों का सेवन कर रहे हैं और आपकी किडनी इसको फिल्टर नहीं कर पा रही है तो, इससे भी स्टोन बनने का खतरा हो सकता है। कभी-कभी ये पथरी आकार में बड़ी होकर पेशाब में रुकावट, दर्द का कारण बन सकती है। पथरी एक दर्दनाक स्थिति है, लेकिन आहार और जीवनशैली में कुछ परिवर्तनों से आप इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं। यदि किसी मनुष्य में इस समस्या से सम्बंधित लक्षण दिखाई देते हैं त

राहुल भाटी ने एक मिनट में सर्वाधिक साफ़े बांधकर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया अपना नाम

पगड़ी भारतीय संस्कृति में गरिमा और सम्मान का प्रतीक मानी जाती हैं। यह व्यक्ति को उसकी राष्ट्रीय और सांस्कृतिक पहचान का अहसास कराती है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की पगड़ियां पहनी जाती हैं, और इनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्त्व और अर्थ होता है। पगड़ी पुराने समय से ही भारतीय समाज में परंपरागत भूमिका निभाती आई है। इसे विशेष अवसरों और धार्मिक पर्वों पर विशेष रूप से उपयोग में लिया जाता है। कई बार पगड़ी का आकार, रंग और बनावट व्यक्ति कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति को दर्शाती है। उच्च वर्ग के व्यक्ति और महाराजाओं के लिए अलग-अलग प्रकार की पगड़ियां होती हैं। कुछ स्थानों पर पगड़ी को धार्मिक आधार पर भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसे धार्मिक आस्थाओं और आदर्शों के साथ जोड़ा जाता है। कई बार पगड़ी राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का भी हिस्सा बनती है। जोधपुर, राजस्थान के श्री राहुल भाटी (Rahul Bhati) जी ने दूसरों को पगड़ी यानी साफा बाँधकर अपनी शान ही नही बल्कि जोधपुर समेत पुरे राजस्थान की शान बढ़ाने का बेमिसाल कार्य किया है। आमतौर पर जितनी समयावधि में व्यक्ति के लिए एक साफ़े को बंधना भी

अण्डों पर पक्षियों के चित्र बनाकर प्रोफेसर डॉ. अरुण खेर जी ने रचा विश्व कीर्तिमान

पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पेड़-पौधों के साथ-साथ पशु-पक्षियों की भी अहम भूमिका होती है। पक्षी बीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का भी काम करते हैं, जिससे की पर्यावरण हरा-भरा बना रहता है। जहाँ पर पक्षियों की चहचहाट होती है वहाँ का पर्यावरण संतुलित होता है। पक्षी पर्यावरण के प्रमुख घटक होते हैं, पक्षियों के बीट में यूरिया होता है जो खाद का काम करता है और वे हानिकारक फसल कीटों को नष्ट कर के, जैव नियंत्रण में भी हमारी सहायता करते हैं। पक्षी हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। परंतु अवैध शिकार एवं वन क्षेत्र घटने से कुछ पक्षियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आज विकास की तेज आंधी का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव जैव विविधता पर पड़ रहा है, पक्षियों की अनेक प्रजातियों की संख्या में तीव्र गति से गिरावट आ रही है तथा अनेक प्रजातियाँ तो आज लुप्त होने की कगार पर हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए पक्षियों को संरक्षित करना हमारा परम कर्तव्य बनता है। इंदौर, मध्य प्रदेश के निवासी प्रोफेसर डॉ. अरुण खेर जी (Dr. Arun Kher) जोकि होलकर साइंस कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध वनस्पति वैज्

पीरियॉडिक टेबल पर आधारित विश्व की प्रथम काव्य पुस्तक लिखकर बुशरा निदा ने बनाया विश्व कीर्तिमान

पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) एक रसायनिक तत्वों का एक टेबल या चार्ट होता है, जिसमें इन्हें परमाणु संख्या, इलेक्ट्रॉन विन्यास और आवर्ती रासायनिक गुणों के आधार पर वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल क्रम में रखा जाता है। इन्हें इस प्रकार से इसलिए रखा जाता है ताकि कोई भी साधारण व्यक्ति आसानी से इन तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। अन्य शब्दों में पीरियाडिक टेबल सभी रासायनिक तत्वों की उनके संबंधित परमाणु क्रमांक के आधार पर सारणीबद्ध व्यवस्था है। प्रत्येक रासायनिक तत्व की एक विशिष्ट परमाणु संख्या होती है, जो उसके नाभिक के भीतर मौजूद प्रोटॉन की संख्या के बारे में जानकारी प्रदान करती है। पीरियॉडिक टेबल का आविष्कार वर्ष 1869 में रूसी रसायनशास्त्री दमित्री मेंडलीफ (Dmitri Mendeleev) ने किया था। उन्होंने रासायनिक तत्वों को बढ़ते परमाणु भार के अनुसार सारणी के रूप में क्रमबद्ध किया था। रसायन विज्ञान (Chemistry) के अध्ययन में पीरियॉडिक टेबल का बहुत अधिक महत्व हैं इस विषय के विद्यार्थियों को इसे पूर्ण रूप से याद करना बहुत चुनौती पूर्ण होता हैं। भारत देश का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में रहने वाली इंटर