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बिना ऑपरेशन होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के माध्यम से सबसे बड़ी पथरी का इलाज कर डॉ. हेमंत श्रीवास्तव ने रचा विश्व कीर्तिमान

किडनी स्टोन की समस्या सभी उम्र के लोगों कॉफी कॉमन है। बोलचाल की भाषा में इसे किडनी में पत्थर बनना या पथरी भी कहा जाता हैं। चिकित्सकों के अनुसार किडनी स्टोन असल में कोई पत्थर नहीं होते है। हमारी किडनी रक्त से अपशिष्ट को फिल्टर करती है, जो मूत्र के माध्यम से बाहर आ जाते हैं। कभी-कभी, मूत्र में सॉल्ट और अन्य खनिज अधिक हो जाते हैं जो ठीक से फिल्टर नहीं हो पाते हैं, यही खनिज इकट्ठा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं। आमतौर पर 30-40 की उम्र में पुरुषों और स्त्रीयों में गुर्दे की पथरी होने की आशंका सबसे अधिक होती है। हालांकि, यह साम्स्य किसी को भी हो सकती है। शारीर में किडनी स्टोन होने के कई कारण हो सकते हैं। बहुत बार लम्बे अंतराल से यदि आप दवाइयों का सेवन कर रहे हैं और आपकी किडनी इसको फिल्टर नहीं कर पा रही है तो, इससे भी स्टोन बनने का खतरा हो सकता है। कभी-कभी ये पथरी आकार में बड़ी होकर पेशाब में रुकावट, दर्द का कारण बन सकती है। पथरी एक दर्दनाक स्थिति है, लेकिन आहार और जीवनशैली में कुछ परिवर्तनों से आप इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं। यदि किसी मनुष्य में इस समस्या से सम्बंधित लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत ही चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।

पथरी के इलाज के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में भांति-भांति की दवाइयाँ मौजूद हैं लेकिन स्थिति कठिन होने पर सर्जरी द्वारा ही उपचार हो पाता है जो काफी महंगी होती हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में पथरी को नष्ट करने हेतु काफी कारगर दवाएं हैं जो पथरी को जड़ से खत्म कर देती है तथा किफायती भी होती है। पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के निवासी डॉ. हेमंत श्रीवास्तव जी (Dr. Hemant Shrivastava) ने वर्षों के चिकित्सीय अनुभव एवं गहन अध्ययन के बाद सिर्फ होम्योपैथी दवाओं के माध्यम से बिना किसी ऑपरेशन के बड़ी से बड़ी तथा कठिन से कठिन पथरी को शरीर से बाहर करने का अद्भूत कार्य कर दिखाया। डॉ. हेमंत श्रीवास्तव जी ने उपचार के माध्यम से 21.3 mm आकार की पथरी को मूत्र मार्ग से बाहर निकलने का अद्भूत कार्य कर एक मिल का पत्थर स्थापित किया। बिना ऑपरेशन होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के माध्यम से सबसे बड़ी पथरी को बाहर निकलने के लिए डॉ हेमंत श्रीवास्तव जी नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Ureteric Stone Removed Without Surgery" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। डॉ. हेमंत श्रीवास्तव जी के इस अभूतपूर्व कारनामे को समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों ने भी प्रमुखता से प्रसारित किया। 

डॉ. हेमंत श्रीवास्तव जी ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में वर्षों के अनुभव एवं विषय में मजबूत पकड़ के चलते लगभग 30000 से भी अधिक पथरी के मरीजों को मात्र दवा खिलाकर स्वस्थ कर दिया।  विषय ज्ञान की महारथ एवं किफायती इलाज के कारण मरीजों का तांता लगने लगा, देखते-देखते आपकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी आपने दूरदराज ग्रामीण अंचल के भी हज़ारों गरीब लोगों को मात्र दवा देकर ही पथरी के कष्टकर एवं असाध्य रोग से मुक्त किया। डॉ हेमंत श्रीवास्तव जी आज अपने क्षेत्र के लिए विशेषकर निर्बल, गरीब तबके के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं, आज उनकी ख्याति प्रदेश ही नहीं पूरे देशभर में हैं। 


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