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पीरियॉडिक टेबल पर आधारित विश्व की प्रथम काव्य पुस्तक लिखकर बुशरा निदा ने बनाया विश्व कीर्तिमान

पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) एक रसायनिक तत्वों का एक टेबल या चार्ट होता है, जिसमें इन्हें परमाणु संख्या, इलेक्ट्रॉन विन्यास और आवर्ती रासायनिक गुणों के आधार पर वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल क्रम में रखा जाता है। इन्हें इस प्रकार से इसलिए रखा जाता है ताकि कोई भी साधारण व्यक्ति आसानी से इन तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। अन्य शब्दों में पीरियाडिक टेबल सभी रासायनिक तत्वों की उनके संबंधित परमाणु क्रमांक के आधार पर सारणीबद्ध व्यवस्था है। प्रत्येक रासायनिक तत्व की एक विशिष्ट परमाणु संख्या होती है, जो उसके नाभिक के भीतर मौजूद प्रोटॉन की संख्या के बारे में जानकारी प्रदान करती है। पीरियॉडिक टेबल का आविष्कार वर्ष 1869 में रूसी रसायनशास्त्री दमित्री मेंडलीफ (Dmitri Mendeleev) ने किया था। उन्होंने रासायनिक तत्वों को बढ़ते परमाणु भार के अनुसार सारणी के रूप में क्रमबद्ध किया था। रसायन विज्ञान (Chemistry) के अध्ययन में पीरियॉडिक टेबल का बहुत अधिक महत्व हैं इस विषय के विद्यार्थियों को इसे पूर्ण रूप से याद करना बहुत चुनौती पूर्ण होता हैं।

भारत देश का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में रहने वाली इंटर मीडियट की होनहार छात्रा सुश्री बुशरा निदा जी (Bushra Nida) ने महज 16 वर्ष की उम्र में इस कठिन पीरियाडिक टेबल  को न ही सिर्फ कंठस्थ किया बल्कि पूरी की पूरी पीरियॉडिक टेबल पर कविता (Poetry) लिखते हुए उसे एक पुस्तक के रूप में परिवर्तित कर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। हाई स्कूल उत्तीर्ण होने के पश्चात विज्ञान में अत्यधिक रुचि होने के कारण पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) को कविता के रूप में लिखना शुरू किया तथा शीघ्र ही इसे “दि डेवी” (The Davy) नाम से पुस्तक के रूप में लिख डाला। पीरियॉडिक टेबल पर आधारित विश्व की प्रथम काव्य पुस्तक होने के कारण इसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "First Poetry Book on Periodic Table" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। बुशरा निदा जी द्वारा लिखी गयी इस पुस्तक की सराहना पूरी देश दुनिया में इसके पाठकों द्वारा की गयी। 

बुशरा निदा जी बचपन से ही एक होनहार विद्यार्थी होने के साथ-साथ बहुत अच्छी लेखिका भी रही हैं। वे सदैव कुछ नया करने को सोचती रहती तथा अधिकांश बातों को कविता के रूप में लिखा करतीं। बुशरा निदा जी द्वारा लिखित पहली किताब 'ट्यूलिप्स ऑफ फीलिंग्स' को भी  कई अवॉर्ड मिले और दूसरी किताब 'द डेवी' के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ-साथ 'इंटरनेशनल कलाम गोल्डन अवार्ड 2021' भी दिया गया।  



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