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सर्वाधिक लोगो ने एक साथ जलनेति क्रिया कर रचा विश्व कीर्तिमान

भारत में प्राचीन काल से ही योग एक ऐसे ज्ञान के रूप में प्रचलित है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है। योग में कई ऐसी क्रियाओं का जिक्र मिलता है जो आप सभी को बीमारियों से दूर रखने के लिए उपयोगी मानी जाती है। योग और आयुर्वेद आपके शरीर को साफ रखने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताते हैं। श्वसन प्रणाली को साफ रखने और नासिका के मार्ग से विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए जलनेति क्रिया की जाती है। प्राचीन भारत में योगियों द्वारा श्वसन रोगों को रोकने और दूर करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था। इस क्रिया से आप नाक व सांस से संबंधी कई बीमारियों और संक्रमण को दूर कर सकते हैं। जैसे ही कोई भी मौसम बदलता है तो शरीर के कुछ अंग तुरंत इससे प्रभावित हो जाते हैं, खासतौर पर नाक, गला और आंखें। मौसम बदलने पर अक्सर नाक बंद होने, छींक आने, आंखों में खुजली महसूस होने, गला बैठने व कंजेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। जलनेति क्रिया करने से इन समस्याओं से राहत मिल सकती है।

हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर में नेशनल कैडेट कोर (NCC) एवं हिमालय हरिद्वार अस्पताल योग समिति गानवी के संयुक्त तत्वाधान में यौगिक क्रियाओं के महत्त्व को समझाने एवं लोगो द्वारा उन्हें दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के उद्देश्य से सामूहिक जलनेति क्रिया कर्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे हिमालय हरिद्वार अस्पताल योग समिति के योग प्रशिक्षकों की देख-रेख में विद्यार्थियों एवं नगरवासियों द्वारा सामूहिक रूप से जलनेति क्रिया को परफॉर्म किया गया। एक ही स्थान पर सर्वाधिक लोगो द्वारा जलनेति क्रिया करने के इस आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Record) में "Most People Performing Jalneti Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज की गयी सामूहिक जलनेति क्रिया के इस आयोजन में कुल 580 लोगो द्वारा इस योग क्रिया को किया गया।

जिस तरह किसी भी कार्य को करने के लिए उसके सही तरीके को अपनाया जाना बेहद आवश्यक होता है, ठीक वैसे ही जलनेति क्रिया को सही तरीके से करना आवश्यक होता है। यह एक सरल अभ्यास है लेकिन फिर भी इस अद्भुत प्रक्रिया को किसी विशेषज्ञ या अपने योग शिक्षक के मार्गदर्शन में सीखें। इस क्रिया को करने के लिए सर्वप्रथम आधे लीटर गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और नेति के बर्तन में इस पानी को भर लें। अब आप कमर से आगे की ओर झुकें, अब नाक के एक छेद में नेति पात्र की नली से पानी डालें। पानी धीरे-धीरे डालें। इस दौरान मुंह खुला रखें और लंबी सांस न लें। यह पानी नाक के दूसरे छेद से निकलना चाहिए। इसी प्रक्रिया को नाक के दूसरे छेद से करें। दोनों छेद से यह प्रक्रिया करने के बाद सीधे खड़े हो जाएं और जलनेति क्रिया के पश्चात करने वाले यौगिक अभ्यास को करें। इससे नाक के अंदर का सारा पानी, बैक्टीरिया और म्यूकस बाहर आ जाता है।

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