डॉ. सुषमा खंडेलवाल जी ने स्वर्णप्राशन संस्कार कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी आहार का अहम योगदान होता है। आहार में किसी तरह की कमी होने पर बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, जिसके कारण बच्चों को कई तरह की परेशानी हो सकती है। आयुर्वेद में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सुवर्णप्राशन को मत्वपूर्ण माना जाता है। इसे स्वर्ण प्राशन या स्वर्ण बिंदु प्राशन भी कहा जाता है। स्वर्णप्राशन एक वैदिक प्रक्रिया है। इसमें सोने की शुद्ध राख (सुवर्ण भस्म) को जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार घी और शहद के साथ मिलाकर बच्चों को पिलाया जाता है। स्वर्णप्राशन में सोने के साथ शहद, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार आयुर्वेद चिकित्सा की वह धरोहर है जो बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से रक्षा करता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन की बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। आयुर्वेद एवं शास्त्रों के अनुसार पुष्य नक्षत्र के विशेष मुहूर्त पर बच्चों के स्वर्णप्राशन का सेवन करवाना उनके स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता हैं।
पुष्य नक्षत्र के विशेष मुहूर्त पर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक विशेष स्वर्णप्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन के दौरान शहर की प्रख्यात डॉ. सुषमा खंडेलवाल जी (Dr. Sushma Khandelwal) द्वारा 213 बच्चों का स्वयं श्लोक पढ़कर स्वर्णप्राशन ड्राप पिलाकर स्वर्णप्राशन संस्कार किया। एक के बाद एक लगातार सर्वाधिक बच्चों के स्वर्णप्राशन करने के लिये उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा “Largest Suvarnaprashan Feat in a Relay” के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. सुषमा खंडेलवाल जी को प्रदान कर सम्मानित किया गया।
डॉ. सुषमा खंडेलवाल जी 15 वर्षों के भी अधिक समय से बच्चों हेतु स्वर्णप्राशन ड्राप तैयार कर उनका स्वर्णप्राशन संस्कार कर रही हैं। अब तक उनके द्वारा हजारों बच्चों का स्वर्णप्राशन किया जा चूका हैं। डॉ. सुषमा ने बताती हैं कि स्वर्णप्राशन ड्राप में उच्चतम स्तर की 15 औषधियों को गिर गाय के घी में संस्कारित किया जाता हैं, फिर इसमें शहद एवं स्वर्ण मिलाया जाता हैं। इसके दो डोज़ होते है एक जो घर पर दिया जाता हैं और एक बूस्टर डोज़ जो विशेषज्ञ द्वारा विशेष श्लोक पढ़कर दिया जाता हैं। स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति, स्मरण शक्ति, बौद्धिक क्षमता, शारीरिक विकास और पाचन शक्ति बढ़ती हैं और कई बिमारियों में भी बच्चों के किये बहुत फायदेमंद होती हैं।
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