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डॉ. सुषमा खंडेलवाल जी ने स्वर्णप्राशन संस्कार कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी आहार का अहम योगदान होता है। आहार में किसी तरह की कमी होने पर बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, जिसके कारण बच्चों को कई तरह की परेशानी हो सकती है। आयुर्वेद में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सुवर्णप्राशन को मत्वपूर्ण माना जाता है। इसे स्वर्ण प्राशन या स्वर्ण बिंदु प्राशन भी कहा जाता है। स्वर्णप्राशन एक वैदिक प्रक्रिया है। इसमें सोने की शुद्ध राख (सुवर्ण भस्म) को जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार घी और शहद के साथ मिलाकर बच्चों को पिलाया जाता है। स्वर्णप्राशन में सोने के साथ शहद, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार आयुर्वेद चिकित्सा की वह धरोहर है जो बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से रक्षा करता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन की बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। आयुर्वेद एवं शास्त्रों के अनुसार पुष्य नक्षत्र के विशेष मुहूर्त पर बच्चों के स्वर्णप्राशन का सेवन करवाना उनके स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता हैं।  पुष्य नक्षत्र के विशेष मुहूर्त पर मध्यप्रदेश के

दिल्ली के श्री पवन बंसल जी ने 21 वर्षों से प्रतिदिन डायरी लिख रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

डायरी लेखन एक कलात्मक क्रिया है। एक डायरी को हम अपने विश्वस्त मित्र की तरह मान सकते हैं, जहां हम अपने सुख-दुःख, विचारों, विमर्श, और काम की संबंधित गोपनीयता को बिना झिझक के प्रकट कर सकते हैं। डायरी लेखन हमारे मानसिक विकास और सृजनात्मकता को बढ़ावा देती है। डायरी लिखने की आदत काफी अच्छी मानी जाती है। हर किसी को अपने साथ दिन भर में जो घट रहा है उसे डायरी में जरूर लिखना चाहिए. इससे पता चलता है कि आपने पूरे दिन भर में क्या-क्या किया है। आपने दिन भर में क्या हासिल किया है और आपने क्या सीखा हैं। इससे आप अपनी उपलब्धियों पर नजर भी रख पाएंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में हजारों बातें होती हैं और इन सारी बातों को याद रख पाना बेहद ही मुश्किल होता है। ऐसे में हर छोटी-छोटी चीज जब आप डायरी में लिखने लगेंगे तो चीजें याद रहने लगेंगी। डायरी में लिखी अहम जानकारी को आप जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे किसी का बर्थडे हो या फिर शादी की सालगिरह या फिर कोई मीटिंग ये सारी जानकारी आप डायरी में शामिल कर सकते हैं।  भारत की राजधानी दिल्ली  के रहने वाले श्री पवन बंसल जी (Mr. Pawan Bansal) ने अपनी डायरी लिखने की अ

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर में हज़ारों लोगों नें नशामुक्ति हेतु अरदास कर रचा इतिहास, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

पंजाब पुलिस का आदर्श वाक्य है, "शुभ कर्मण ते कबहुं न तरूण", इसका मतलब है "नेक रास्ते पर चलने से कभी नहीं डरना चाहिए"। पंजाब पुलिस ने इस आदर्श वाक्य को अपनाया है और जनमानस की सेवा एवं सुरक्षा को प्राथमिकता प्रदान की है। अपने इसी कर्तव्य पथ पर चलते हुए कमिश्नरेट पुलिस, अमृतसर (Commissionerate of Police, Amritsar) द्वारा नशे के विरुद्ध एक मुहिम "द होप इनिशिएटिव: ड्राइव अगेंस्ट ड्रग" की शुरुआत की। नशा मानव एवं समाज के लिए एक ऐसा अभिशाप हैं, जो दीमक की तरह समाज और नशे के आदी व्यक्ति को पूरी तरह अन्दर से खोखला कर धीरे-धीरे नष्ट कर रहा हैं। आज की तारीख में इससे देश का युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जो नशे को फैशन और स्टेटस सिंबल के रूप जानकर, उसके प्रति आकर्षित होकर, अपने जीवन और भविष्य का नाश कर रहे हैं। राज्य को नशे की इसी बीमारी से बचाने के लिए अमृतसर पुलिस द्वारा नशा विरोधी मुहिम "द होप इनिशिएटिव" को सफल बनाने के लिए तीन स्तरीय रणनीति बनाई गयी, जिसके अंतर्गत "Prey, Pledge & Play" अर्थात "प्रार्थना, प्रतिज्ञा, एवं खेल" के माध्