Skip to main content

दिल्ली के श्री पवन बंसल जी ने 21 वर्षों से प्रतिदिन डायरी लिख रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

डायरी लेखन एक कलात्मक क्रिया है। एक डायरी को हम अपने विश्वस्त मित्र की तरह मान सकते हैं, जहां हम अपने सुख-दुःख, विचारों, विमर्श, और काम की संबंधित गोपनीयता को बिना झिझक के प्रकट कर सकते हैं। डायरी लेखन हमारे मानसिक विकास और सृजनात्मकता को बढ़ावा देती है। डायरी लिखने की आदत काफी अच्छी मानी जाती है। हर किसी को अपने साथ दिन भर में जो घट रहा है उसे डायरी में जरूर लिखना चाहिए. इससे पता चलता है कि आपने पूरे दिन भर में क्या-क्या किया है। आपने दिन भर में क्या हासिल किया है और आपने क्या सीखा हैं। इससे आप अपनी उपलब्धियों पर नजर भी रख पाएंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में हजारों बातें होती हैं और इन सारी बातों को याद रख पाना बेहद ही मुश्किल होता है। ऐसे में हर छोटी-छोटी चीज जब आप डायरी में लिखने लगेंगे तो चीजें याद रहने लगेंगी। डायरी में लिखी अहम जानकारी को आप जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे किसी का बर्थडे हो या फिर शादी की सालगिरह या फिर कोई मीटिंग ये सारी जानकारी आप डायरी में शामिल कर सकते हैं। 


भारत की राजधानी दिल्ली  के रहने वाले श्री पवन बंसल जी (Mr. Pawan Bansal) ने अपनी डायरी लिखने की अपनी इस अच्छी आदत के चलते एक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। 1 मार्च 1977 को जन्मे पवन बंसल जी ने प्रतिदिन डायरी लिखने इस आदत के चलते वर्ष 2003 से वे नियमानुसार रोजाना अपनी निजी डायरी को मेंटेन करते हैं। पवन बंसल जी की ख़ास बात यह हैं की रोजाना डायरी लिखने के साथ-साथ उन्होंने अपने बीते वर्षों की पुरानी डायरियों को यादों के रूप में संजों के भी रख रखा हैं। दिनांक 30 मई 2023 को पवन जी द्वारा गत वर्षों से लगातार डायरी लिखने एवं उन्हें मेंटेन करने हेतु उनका नाम गोल्डन बुक ओफ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में ''Maintaining the Personal Diaries for Most Consecutive Years" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। श्री पवन बंसल जी गत 21 वर्षों से रोजाना डायरी लिख रहे हैं जो आज भी सुचारू हैं।



Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्र...

महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज द्वारा 51 टन साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी वितरण कर बनाया विश्व कीर्तिमान

शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple, Ujjain) भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन का महाकाल मंदिर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है, जिन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिवपुराण में भी विस्तार से मिलता है। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजित बाबा महाकाल के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद हेतु पूरे वर्ष ही यहाँ देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। श्रावण माह एवं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर दुनिया भर से आयें भक्तों की श्रद्धा एवं भक्ति से महाकालेश्वर मंदिर एवं पूरा उज्जैन शहर शिवमय हो जाता हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंधी समाज (Sindhi community) द्वारा साबूदाना खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महेश परयानी जी (Mr. Mahesh Paryani) के मार्गदर्शन एवं ...