पंडित विजयशंकर मेहता जी एक नाट्यशास्त्र, पत्रकारिता और धर्म के क्षेत्र में प्रख्यात व्यक्ति हैं। वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने सैकड़ों व्याख्यानों के माध्यम से जीवन प्रबंधन के बारे में बात करते हैं, उन्होंने अपने लेखों में जीवन को अपनी मूल प्रकृति के अनुसार जीने की आवश्यकता पर जोर दिया है, और उनके द्वारा संपादित और लिखी गई दस से अधिक पुस्तकों में उन्होंने एक अनुशासित और ठीक से प्रबंधित जीवन की आवश्यकता पर जोर दिया है। मूल्यों के बदलते युग में, आध्यात्मिक आस्था पर आधारित जीवन प्रबंधन खुशहाल जीवन का अद्वितीय मार्ग है और यह पंडित मेहता जी की निजी खोज और प्राप्ति रही है। पंडित मेहता जी श्री हनुमान चालीसा के साथ-साथ ध्यान करने पर भी बात करते हैं, जो लोगों को सफलता और शांति प्राप्त करने में सहायता करती है।
पंडित विजयशंकर मेहता जी का जन्म 2 जुलाई 1957 को हुआ। वे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर वल्लभ दास मेहता और माता सुमित्रा देवी मेहता के पुत्र हैं। वह परिवार के पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। रसायनशास्त्र में एम.एससी. करने के बाद पं. मेहता ने 20 वर्षों तक भारतीय स्टेट बैंक में अपनी सेवाएँ दी थीं। भारत के प्रतिष्ठित हिन्दी समाचार-पत्र ‘दैनिक भास्कर समूह’ से भी आप 20 वर्षों तक जुड़े रहे तथा ब्यूरो प्रमुख, सम्पादक और ब्यूरो सलाहकार के पद पर अपनी सेवाएँ देते हुए सेवानिवृत्त हुए। 2004 में सिंहस्थ के पश्चात् स्वामी सत्यमित्रानन्द जी और माँ प्रेमापांडुरंग जी के आशीर्वाद से आपने अपने व्याख्यान के विषयों को जीवन-प्रबन्धन से जोड़ा। इसके पश्चात् आपको जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी का शिष्यत्व प्राप्त हुआ। पिछले कई वर्षों में पं. विजयशंकर मेहता ने सैकड़ों व्याख्यान देश और विदेश में दिए हैं। श्रीरामकथा, श्रीमद्भागवत, महाभारत, श्रीहनुमानचालीसा, गीता आदि अनेक विषयों पर आपकी उपलब्ध पुस्तकें पढ़ी जा रही हैं। पंडित विजयशंकर मेहता जब पाकिस्तान यात्रा पर गए थे तब वहाँ उन्होंने मज़हब को जिस्मानी और रूहानी तौर पर अलग-अलग उपयोग के साथ अपने 13 व्याख्यानों में समझाया। पाकिस्तान में हर मज़हब के लोगों ने इसे पसन्द किया। आधुनिक प्रबन्धन में जो सूत्र आते हैं, उन पर अध्यात्म की दृष्टि से बोलने के लिए पंडित मेहता को 2010 एवं 2011 में अफ्रीका में भी आमंत्रित किया गया था।
दुनिया में एक वक़्त ऐसा आया था, जब सभी कोरोना महामारी के कारण लोग अपने घरो में बंद हो गए थे। देश दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति मन में उस वक़्त डर था, पुरे देश में लॉक-डाउन की घोषणा हो चुकी थी। उस वक़्त 24 मार्च से 31 मई 2020 के दौरान पंडित विजयशंकर मेहता जी द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से लॉक-डाउन से पूर्व , लॉक-डाउन के बाद में और लॉक-डाउन के दौरान जीवन प्रबंधन के 71 सेशन लिए गए, और लोगो को इस मुश्किल घड़ी में जीवन जीने की नई राह दिखाई। एक विषय ''लॉक-डाउन जीवन प्रबंधन'' पर अत्यधिक सेशन लेने के इस विशेष कार्य को एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करते हुए गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) द्वारा "Most Online Sessions on Lock-Down Life Management" के शीर्षक सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
पिछले 13 वर्षों में भगवान और गुरु की कृपा से पंत विजयशंकर मेहता जी ने श्री राम कथा, श्रीमद भागवत, महाभारत, श्री हनुमान चालीसा, गीता आदि पर 3500 से अधिक व्याख्यान दिए हैं जिससे लोगो को जीवन जीने का नया मार्गदर्शन मिला
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