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गणित के अत्यधिक फोर्मलों को सूचीबद्ध कर एकत्रित करके बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

बिहार के जहानाबाद जिले के पितांबरपुर निवासी किसलय शर्मा जी (Kislay Sharma) को बचपन से ही पढ़ाई के दौरान गणितीय फॉर्मूलों को एकत्रित कर सूचीबद्ध करने की आदत थी जो आगे भी जरी रही, किसलय ने साइंस कॉलेज पटना से पढ़ाई की और वे गणित शोध के लिए अमेरिका के न्यूय़ार्क विश्वाविद्यालय में भी चुने गए थे।वहां पर पूरे देश में तीन ही लोगों का चुनाव हुआ था, जिसमें वो फुल स्कॉलरशिप पाने वाले एक थे।किसलय बताते हैं कि मैथ्स के फॉर्मुलों की कैटेगरी डिसाइड करने में समय लगा, लेकिन मैथ्स के प्रति प्यार ने उनको वो पहचान दिलाई, जिसकी उन्हें तलाश थी. महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण स‍िंंह को अपना आदर्श मानने वाले किसलय ने 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद ये मुकाम हासिल किया है। किसलय ने फॉर्मूलों को गढ़ने के लिए 500-600 किताबें पढ़ींइतनी किताबें पढ़ने के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। उन्होंने सालों की कड़ी मेहनत के बाद 2,056 (दो हजार छप्पन) के सूत्र संग्रहित किये जिसके लिए उनका नाम "Largest Collection of Mathematics Formulae" शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में एक वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया

किसलय वर्तमान में जहानाबाद में मैथ्य पढ़ाते हैं। वे वहां पर मैथ गुरु के नाम से जाने जाते हैं। वे एक कोचिंग भी चलाते हैं. जहां पर 9 वीं 10 वीं के साथ ही IIT प्रवेश परीक्षा लेकर तैयारी भी करवाई जाती हैं। किसलय की इस उपलब्धि को लेकर कोचिंग में छात्रों में खुशी का माहौल है। किसलय मैथ पढ़ने और पढ़ाने से पहले वे क्रिकेट में अपना कैरियर बनाना चाहते थे किसलय ने बताया कि वो क्रिकेट में काफी अच्छे खिलाड़ी थे। क‍िसलय महेंद्र सिंह धोनी और आज के बिहार के खिलाड़ी इशांत किशन के साथ भी खेल चुके हैं। किसलय का क्रिकेट से प्रेम उस वक्त हटा जब बिहार में उनको इसका भविष्य नहीं दिखा। फिर उन्होंने क्रिकेटर से मैथमेटि‍शि‍यन बनने का फैसला किया। अब उन्हें सफलता मिली है, अब वे मैथ गुरु बन गए हैं और छात्रों को अंकों के साथ खेलना सीखा रहें ताकि वे अपना भविष्य बना सके। गणितज्ञ के तौर पर क‍िसलय बिहार से आगे अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। क्रिकेट के लिए अपने प्यार को भी किसलय ने आज भी जिंदा रखा है। आज भी मौका मिलने पर वे क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। किसलय ने 7वीं क्लास से ही क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। किसलय ने  झारखंड अंडर-14 में  फिर अंडर-19 में भी अपनी जगह बनाई थी।

किसलय शर्मा को उनकी उपलब्धियों के लिए विभिन्न मंचों पर सम्मानित किया गया है, जिनमें बिहारी अस्मिता सम्मान, रेक्स फ़ेलोशिप (आईआईटी) दिल्ली, पटना विश्वविद्यालय विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार और अन्य पुरस्कार शामिल हैं। वह एक लेखक, प्रेरक और युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्हें जोश टॉक (Josh Talk) और टेडएक्स (Tedx) जैसे प्लेटफार्मों पर अपनी यात्रा साझा करने के लिए भी आमंत्रित किया गया है।

 न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़ - 



 
Video Courtesy: Jagriti Math

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बिहार के लाल ने किया कमाल, क्रिकेट में नहीं बना कैरियर तो गणित में बना दिया विश्व रिकॉर्ड


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