स्कल्प्चर आर्ट कई सदियों से मानव सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसमें कला के माध्यम से वस्तुओं को चौंकाने वाले रूप में आकृति दी जाती है। कबाड़ से बने स्कल्प्चर आर्ट इस कला के एक विशेष रूप हैं, जहां कलाकार कबाड़ से अनुपम और उत्कृष्ट आदृश्यों को बनाते हैं। कबाड़ से स्कल्प्चर आर्ट की एक मुख्यता यह है कि यह एक सामर्थ्य दिखाता है कि कला वास्तविकता में कहीं भी मौजूद हो सकती है। इसका मतलब है कि कला को रचनात्मकता और उदारता के साथ कुछ भी बनाया जा सकता है, चाहे वह नया हो या पुराना, उपयोगिता खो चुका हो या अनावश्यक बन गया हो। एक कबाड़ से बने स्कल्प्चर आर्ट में कलाकार उपयोग न में आने वाले वस्तुओं का एक नया उपयोग ढूंढ़कर आर्टवर्क करता है। इसमें बर्तन, टिनकेन, पुरानी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लकड़ी, कागज, रबर, धातु, वाहनों के पार्ट्स आदि के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। कलाकार इन वस्तुओं को सामग्री के रूप में देखता है और उन्हें रचनात्मक ढंग से बदलता है। इस प्रक्रिया में, उपकरणों और वस्तुओं को अनुपम आदृश्यों में बदलने के लिए उन्हें काटना, मोड़ना, वेल्ड करना, जोड़ना और साथ ही साथ उन्हें रंगीन बनाना भी शामिल होता है।
कबाड़ से स्कल्प्चर आर्ट का दोहरा उद्देश्य होता है - एक तरफ इसमें स्थानीय प्रदूषण के उपयोग को कम करके पुनर्चक्रण को बढ़ावा देता है और दूसरी तरफ इसके माध्यम से एक सामान्य वस्तु को एक आदर्श और सुंदर आदृश्य में परिवर्तित करके उसे सामान्य भूमिका से बाहर निकालता है। कबाड़ से स्कल्प्चर आर्ट कलाकारों के लिए एक सृजनात्मक माध्यम के रूप में कबाड़ से उत्पन्न सामग्री को उपयोग में लाना एक मानवीय और पर्यावरणिक उद्देश्य का अद्वितीय संगम है।
जबलपुर, मध्यप्रदेश में रहने वाली स्क्रैप आर्टिस्ट वंशिका राठौर (Ms. Vanshika Rathore) एक ऐसी कलाकार हैं जो अपने द्वारा स्क्रैप से बनाये गए स्कल्पचर आर्टिकल के कारण काफी मशहूर है। पूर्वी क्षेत्र कार्यपालन यंत्री श्री नवनीत राठौर व श्रीमती वर्षा राठौर की सुपुत्री वंशिका को बचपन से ही आर्ट एंड क्राफ्ट के क्षेत्र में काफी रूचि थी उन्होंने अपनी इस कला के माध्यम से कई प्रांतीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पदक भी हासिल किये। वंशिका राठौर द्वारा स्क्रेप से अभी तक कुल 73 स्कल्पचर आर्टिकल बनाये जा चुके है। जिसके लिए उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज किया गया।
उनको ये सम्मान रायपुर, छत्तीसगढ़ में उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण के चेयरमैन श्री कुलदीप सिंह जुनेजा जी (Mr. Kuldeep Singh Juneja) की उपस्थिति में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की छत्तीसगढ़ प्रभारी श्रीमती सोनल राजेश शर्मा जी (Mrs. Sonal Rajesh Sharma) द्वारा "Most Artifacts Created with Scrap" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट, बैच व मैडल देकर सम्मानित किया गया।
वंशिका द्वारा किये बनाई गई कलाकृतियों की खूबसुरती की चर्चा आज पुरे देश भर में है, और अधिक हर्ष की बात यह है की कोलकाता के नंदीग्राम में देश का पहला प्लास्टिक वेस्ट आर्ट म्यूज़ियम खुलने जा रहा है जिसके लिए वंशिका का चयन हुआ है आने वाले दिनों में म्युज़ियम वंशिका द्वारा निर्मित ऐसी ही शानदार कलाकृतियों से जगमग होगा।
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