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गौवंशो को दुर्घटना से बचाने के लिए पहनाये रेडियम बेल्ट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

सड़कों पर होने वाले हादसों की संख्या गतिशील जीवनशैली और बढ़ते यातायात के साथ साथ बढ़ती जनसंख्या के कारण बढ़ती जा रही है। इन हादसों की वजह से हमारे समाज में गौरक्षा का मुद्दा भी उठता है, क्योंकि गायों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। गायें हमारे समाज का महत्वपूर्ण जीव हैं, जो हमें दूध, गोबर, ताल, ऊर्जा और विभिन्न पशुओं के खाद्य सामग्री में उपयोगी तत्व प्रदान करती हैं। इनके साथ ही, गौ माता की पूजा और सम्मान भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। हादसों के कारण होने वाली गायों की मृत्यु एक संकटग्रस्त स्थिति है, जो गौरक्षा संगठनों, सरकारी अधिकारियों और समाज के लोगों के लिए गहरी चिंता का विषय है। इन हादसों की मुख्य वजहों में से एक है रात के अंधेरे में अचानक मवेशियों का सड़क के बीच आ जाना जिसके कारण वाहन चालक स्वयं को और वाहन को संभाल नहीं पाते और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

बैकुंठपुर, छत्तीसगढ़में गौरक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष श्री अनुराग दुबे जी () द्वारा इन हादसों से गौवंशो की रक्षा हेतु एक अभिनव पहल की गयी जिसके अंतर्गत जिले के नेशनल हाइवे सहित अन्य प्रमुख चौक-चौराहों पर घुमने वाले गौवंशो को रेडियम पट्टी (Reflective Belt) बांधी जाती है। यह रेडियम बेल्ट सड़क पर घुमने वाले पशुओं को रात के अंधेरे में सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बचने के लिए लगाया जाता हैं, जिसके कारण सामने से आ रहे वाहन उन्हें आसानी से देख सके और गोवंशो को और स्वयं को दुर्घटना का शिकार होने से बचा सके। परिणाम स्वरुप गोवंशो के गले में इस रेडियम बेल्ट के लगाने की वजह से दुर्घटनाओं में कमी भी देखी जा रही हैं।उनके इस कार्य में उनके साथियों द्वारा भरपूर सहयोग मिलता हैं।


गौरक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष श्री अनुराग दुबे जी द्वारा इस अभियान की शुरुआत सन्  2011 से की गयी जब से लेकर अभी तक उनके द्वारा  कुल 4,380 (चार हज़ार तीन सौ अस्सी) गौवंशो को रेडियम बेल्ट लगाई गई जिसके फल स्वरुप सैकड़ो गौवंशो की जान बचाई जा सकी हैं। एक मुहीम के अंतर्गत इतनी अधिक संख्या में गौवंशो को रेडियम बेल्ट लगाने के लिए श्री दुबे जी नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of  World Records) के सुनहरे पन्नो में "Largest Feat of Tying Reflective Belts to Cows" के टायटल से साथ दर्ज किया गया जिसका अधिकारिक सर्टिफिकेट रायपुर, छत्तीसगढ़ के श्री महावीर गौशाला के प्रांगण में गौ सेवकों द्वारा आयोजित किये गए एक समारोह में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की टीम की श्रीमती सोनल राजेश शर्मा (Mrs. Sonal Rajesh Sharma, GBWR) द्वारा देकर सम्मानित किया गया। श्री अनुराग दुबे ने कहा कि लगातार अपनी टीम के साथ कई वर्षों से वे यह कार्य कर रहे हैं उन्हें मालूम भी नहीं था कि उनका किया हुआ कार्य का उन्हें आज इतना बड़ा सम्मान मिलेगा उन्होंने सम्मान प्राप्त होने के बाद कहां कि यह सम्मान पूरी गौ रक्षा वाहिनी के सदस्यों का सम्मान है। कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, पूर्व गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री पटेल, वरिष्ठ गौ सेवक सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता गौ सेवक, मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

श्री अनुराग दुबे जी द्वारा गौवंशो के लिए एक रोटी बैंक भी चलाया जाता है, जिसमे रोजाना सुबह शाम इ-रिक्शा के माध्यम से लोगों के घरों से रोटी का  कलेक्शन कर गौवंशो में वितरण करते हैं इनके निज निवास में आवारा गौवंशो की देखभाल भी की जाती है। सिर्फ गोवंश नहीं श्री दुबे जी द्वारा रोजाना सुबह आवारा कुत्तों के लिए भी बिस्किट वितरित किये जाते हैं।

न्यूज़ लिंक एवं मीडिया कवरेज़ -






 बेसहारा पशुओं को दुर्घटना से बचाने के लिए गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुए अनुराग दुबे

10 बरस से गायों को रेडियम बेल्ट पहना कर हादसे से बचा रहे कोरिया के अनुराग

कोरिया जिले के गौ सेवक अनुराग दुबे (अन्नू) को गौ सेवा के क्षेत्र में गोल्डन बूक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस से नवाजा गया

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुराग दुबे का नाम
















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