अनादि काल से ही गुरु के द्वारा दिये गये ज्ञान के कारण गुरु का गुणगान किया गया है। ऐसे ही ज्ञानी गुरुओं के कारण भारत को जगतगुरु कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। शिक्षा को लेकर समाज ने जो उद्देश्य इच्छाएं रखी होती है। उन सब की पूर्ति मैं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने वाला और शिक्षा देने वाला शिक्षक कहलाता है। शिक्षक बालक के भविष्य का निर्माता होता है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक है, जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। शिक्षकों का कार्य बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छे शिक्षक का मिलना दुर्लभ है। गुरु ही नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देकर समाज और देश के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करता है।
भिलाई, छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत के लिए यह एक एतिहासिक पल था जहाँ डॉ. संतोष राय इंस्टिट्यूट के 4 शिक्षको ने लगातार पढ़ाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज करवाया।
पहला रिकॉर्ड:
दूसरा रिकॉर्ड:
तीसरा रिकॉर्ड:
इंस्टिट्यूट के श्री केतन ठक्कर जी (Mr. Ketan Thakkar, CA) जो की एकाउंट्स (Accountancy) के शिक्षक, उनके द्वारा लगातार 22 घंटे 31 मिनट तक Costing विषय पर सेशन लिया गया।जिसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "Longest Session on Costing" शीर्षक के साथ दर्ज किया गया।कॉस्टिंग एक प्रकार का लेखांकन है जो उत्पादन के प्रत्येक चरण के दौरान परिवर्तनीय और निश्चित लागत दोनों को देखकर किसी संगठन की कुल उत्पादन लागत का आकलन करने के लिए काम करता है। इस प्रकार के लेखांकन डेटा की गणना आंतरिक रूप से की जाती है लेकिन इसे बाहरी रूप से साझा नहीं किया जाता है।
चौथा रिकॉर्ड:
कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) एवं कमान्डेंट श्री विजय अग्रवाल जी (Mr. Vijay Agrawal) उपस्थित थे। जिस समय रिकॉर्ड ब्रेक हुआ उस समय चारो शिक्षक निरंतर कक्षाए ले रहे थे। उनके स्थान पर डॉ. पियूष जोशी के माता-पिता उप पुलिस निरीक्षक श्री राकेश जोशी, श्रीमती नीलम जोशी, प्रवीण बाफना जी के स्थान पर उनकी पत्नी श्रीमती रूचि बाफना जी, श्री केतन ठक्कर के स्थान पर उनके माता-पिता और डॉ. मिट्ठू जी के स्थान पर प्रियंका शर्मा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट प्राप्त किये।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी ने बताया की यह मेरे लिए एतिहासिक क्षण है, जिसमे रिकॉर्ड होल्डर के स्थान पर उनके माता-पिता सर्टिफिकेट ले रहे हैं और रिकॉर्ड होल्डर (शिक्षक) निरंतर कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने का अपना काम कर रहे है।
मीडिया कवरेज -
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