Skip to main content

भिलाई के 4 शिक्षकों ने लगातार पढ़ाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अनादि काल से ही गुरु के द्वारा दिये गये ज्ञान के कारण गुरु का गुणगान किया गया है। ऐसे ही ज्ञानी गुरुओं के कारण भारत को जगतगुरु कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। शिक्षा को लेकर समाज ने जो उद्देश्य इच्छाएं रखी होती है। उन सब की पूर्ति मैं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने वाला और शिक्षा देने वाला शिक्षक कहलाता है। शिक्षक बालक के भविष्य का निर्माता होता है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक है, जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। शिक्षकों का कार्य बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छे शिक्षक का मिलना दुर्लभ है। गुरु ही नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देकर समाज और देश के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करता है।

भिलाई, छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत के लिए यह एक एतिहासिक पल था जहाँ डॉ. संतोष राय इंस्टिट्यूट के 4 शिक्षको ने लगातार पढ़ाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज करवाया।

पहला रिकॉर्ड:


इंस्टिट्यूट के डॉ. पियूष जोशी जी (Dr. Piyush Joshi) जो की अर्थशास्त्र (Economics) के शिक्षक हैं, उनके द्वारा लगातार 22 घंटे 21 मिनट तक अर्थशास्त्र विषय पर सेशन लिया गया जिसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "Longest Session on Economics" शीर्षक के साथ दर्ज किया गया।अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित है। इकोनॉमिक्स में यह सिखाया जाता है कि कैसे व्यक्ति, बिज़नेस, सरकारें और राष्ट्र संसाधनों को आवंटित करने के तरीके के बारे में चुनाव करते हैं। चूंकि हमारी आवश्यकताएं असीमित है और संसाधन सीमित है। सीमित संसाधनों को काम में लेने के कई अलग-अलग तरीके हैं, यह निर्धारित करना अर्थशास्त्र का कार्य है कि कौन से तरीके अच्छे परिणाम देते हैं।

दूसरा रिकॉर्ड:


इंस्टिट्यूट की डॉ. मिट्ठू एस.  जी (Dr. Mitthu S.) जो की Informatics Practices की शिक्षक हैं, उनके द्वारा लगातार 17 घंटे 54 मिनट तक Informatics Practices विषय पर सेशन लिया गया जिसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "Longest Session on Informatics Practices" शीर्षक के साथ दर्ज किया गया।इस विषय में आपको कोई सॉफ्टवेयर कैसे बनाया जाता है, उसे कैसे यूज़ किया जाता है, यह चीजें हमारे जीवन में किस तरह असर डालती है आदि जैसी चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है। बेसिकली यह सकते हैं, कि इंफॉर्मेशन प्रैक्टिस कंप्यूटर और तकनीक के क्षेत्र से संबंधित विषय है।

तीसरा रिकॉर्ड:


इंस्टिट्यूट के श्री केतन ठक्कर जी (Mr. Ketan Thakkar, CA) जो की एकाउंट्स (Accountancy) के शिक्षक, उनके द्वारा लगातार 22 घंटे 31 मिनट तक Costing विषय पर सेशन लिया गया।जिसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "Longest Session on Costing" शीर्षक के साथ दर्ज किया गया।कॉस्टिंग एक प्रकार का लेखांकन है जो उत्पादन के प्रत्येक चरण के दौरान परिवर्तनीय और निश्चित लागत दोनों को देखकर किसी संगठन की कुल उत्पादन लागत का आकलन करने के लिए काम करता है। इस प्रकार के लेखांकन डेटा की गणना आंतरिक रूप से की जाती है लेकिन इसे बाहरी रूप से साझा नहीं किया जाता है।

चौथा रिकॉर्ड:


इंस्टिट्यूट के श्री प्रवीन बाफना जी (Mr. Pravin Bafna, CA) के द्वारा लगातार 17 घंटे 07 मिनट तक Law विषय पर सेशन लिया गया।जिसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "Longest Session on Law " शीर्षक के साथ दर्ज किया गया।

कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) एवं कमान्डेंट श्री विजय अग्रवाल जी (Mr. Vijay Agrawal) उपस्थित थे। जिस समय रिकॉर्ड ब्रेक हुआ उस समय चारो शिक्षक निरंतर कक्षाए ले रहे थे। उनके स्थान पर डॉ. पियूष जोशी के माता-पिता उप पुलिस निरीक्षक श्री राकेश जोशी, श्रीमती नीलम जोशी, प्रवीण बाफना जी के स्थान पर उनकी पत्नी श्रीमती रूचि बाफना जी, श्री केतन ठक्कर के स्थान पर उनके माता-पिता और डॉ. मिट्ठू जी  के स्थान पर प्रियंका शर्मा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट प्राप्त किये।

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी  ने बताया की यह मेरे लिए एतिहासिक क्षण है, जिसमे रिकॉर्ड होल्डर के स्थान पर उनके माता-पिता सर्टिफिकेट ले रहे हैं और रिकॉर्ड होल्डर (शिक्षक) निरंतर कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने का अपना काम कर रहे है।

मीडिया कवरेज -




Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज द्वारा 51 टन साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी वितरण कर बनाया विश्व कीर्तिमान

शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple, Ujjain) भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन का महाकाल मंदिर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है, जिन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिवपुराण में भी विस्तार से मिलता है। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजित बाबा महाकाल के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद हेतु पूरे वर्ष ही यहाँ देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। श्रावण माह एवं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर दुनिया भर से आयें भक्तों की श्रद्धा एवं भक्ति से महाकालेश्वर मंदिर एवं पूरा उज्जैन शहर शिवमय हो जाता हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंधी समाज (Sindhi community) द्वारा साबूदाना खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महेश परयानी जी (Mr. Mahesh Paryani) के मार्गदर्शन एवं