Skip to main content

प्रकृति को गले लगाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

वृक्ष हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। धरती पर पेड़ पौधों के अस्तित्व के बिना मनुष्य, जानवरों और अन्य प्रजातियों का अस्तित्व संभव नहीं है। आज की दुनिया कई समस्याओं से घिरी हुई है। इन समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है प्राणी, संसार और वनस्पति जगत के बीच बिगड़ता हुआ संतुलन। आबादी की बेतहाशा बढ़ोतरी ने इस संतुलन को बिगाड़ा है और हमारे लिए आर्थिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं।वृक्ष न केवल धरती को उपजाऊ बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन में भी चैतन्यता उत्पन्न करते हैं। यदि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें न केवल अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए बल्कि उनका पालन-पोषण और रक्षण भी करना चाहिए।वृक्ष हमारे लिए क्या कुछ नहीं करते, ये देखने में सुन्दर लगते हैं तथा हवा को शुद्ध रखते हैं, मौसम की कठोरता को कम करते हैं और विषैली गैसों को समाप्त करते हैं। वृक्ष हमें कई प्रकार के लाभ पहुंचाते हैं। हवा, पानी और मिटटी का प्रदूषण वृक्षों की बढ़ोतरी से ही दूर हो सकता है।


राजस्थान के सुजानगढ़ के गोपालपुरा (Sujangarh, Gopalpura) के ग्राम वासियों का प्रकृति प्रेम काबिले तारीफ हैं।
दिनांक 15 अप्रेल 2023, शनिवार के दिन गोपालपूरा की सरपंच श्रीमती सविता राठी जी (Smt. Savita Rathi) के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के मंतव्य से हर आयु वर्ग के लोग हरीतिमा ढाणी में एकत्रित हुए। हरीतिमा ढाणी एक ही दिन में, एक ही जगह, एक साथ हजारो लोगो ने पेड़ पौधो को गले लगाया और साथ ही उन्हें गोद लेकर उनके संरक्षण की शपथ ली। चूंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगो के द्वारा पेड़ पौधो को गले लगाना और गोद लेना अपने आप में एक अनोखी एवं अद्भुत कार्य है। इसी कारण से गोपालपूरा की सरपंच श्रीमती सविता राठी जी (Smt. Savita Rathi) इस कार्यक्रम को एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में स्थापित करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में एप्लीकेशन प्रस्तुत की जिसमे उन्होंने एक साथ दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का दावा किया।
पहला दावा - हजारो  लोगो द्वारा पेड़ो को गोद लेकर, उनकी जीवन भर सुरक्षा के लिए एक साथ शपथ ली, और साथ में पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।
दूसरा दावा - एक साथ बड़ी संख्या में लोगो द्वारा पेड़ो को गले लगाया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी (Shree Alok Kumar) ने  सरपंच श्रीमती सविता राठी जी (Smt. Savita Rathi) वर्ल्ड रिकॉर्ड की पुष्टि करते हुए "Most People Hugging Trees" शीर्षक के साथ प्रोविजनल सर्टिफिकेट, मैडल और बेच प्रदान कर सम्मानित किया। इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी ने बताया गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के नियम व् कायदों को ध्यान में रखते हुए टीम द्वारा रिकॉर्ड का पूर्णतया रूप से सर्वे किया जाएगा, पेड़ो और लोगो की संख्या वेरीफाई करने के बाद ही फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा।


कार्यक्रम में विधायक श्री मनोज मेघवाल जी ने कहा की गोपालपुरा का ये कार्य जिले और पुरे देश के लिए गौरव का विषय हैं। सभापति निलोफर गौरी ने कहा की गोपालपुरा शीघ्र ही विश्व स्तर पर छा जाएगा। गोपालपूरा की सरपंच श्रीमती सविता राठी जी (Smt. Savita Rathi) ने जानकारी देते हुए बताया की मनरेगा में पांच हजार पौधो की स्वीकृति पर इस भूमि 13 हजार पौधे लगाये थे जिनमे से 9,161 विकसित हो गए हैं। कार्यक्रम के दौरान नए एक हजार पौधे भी लगाये गए। 

YouTube News Link -


Video Courtesy: A1 News

Video Courtesy:  Navtej TV Rajasthan

Video Courtesy: Marwadi chhora 🤫🥰


मीडिया कवरेज - 






















 







Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...