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रेमोना ने भरतनाट्यम कर बनाया विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

भरतनाट्यम, भारत का एक प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है। जिसकी उत्पत्ति तमिलनाडु में हुई थी। यह नृत्य भाव, राग और ताल के तत्वों को मिलाकर बनाया गया है। इसे भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर आधारित माना जाता है। भरतनाट्यम एक कठिन शास्त्रीय नृत्य है, जिसे सीखने में सालो की मेहनत लगती है। इन्हीं सालो की मेहनत का प्रदर्शन करते हुए मंगलौर की रेमोना एवेट परेरा (Ms. Remona Evette Pereira) ने सबसे अधिक समय तक भरतनाट्यम करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Records ) में दर्ज किया गया है। कर्नाटक के मंगलौर की रेमोना एवेट परेरा, जो एलोयसियस डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (St. Aloysius, Deemed to be University) की छात्रा हैं, ने 21 से 28 जुलाई 2025 के दौरान लगातार 170 घंटे भरतनाट्यम नृत्य करने का विश्व कीर्तिमान बनाया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "भरतनाट्यम नृत्य का सबसे लंबा प्रदर्शन (Longest Performance of Bharatnatyam Dance)" के शीर्षक के साथ रेमोना एवेट परेरा के नाम दर्ज किया गया है। रेमोना ने हर तीन घंटे में केवल 15 मिनट का ब्रेक लेते हुए ...

लोहे के सरिये को गले से मोड़कर बनाया विश्व रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज

अगर किसी कार्य को लगन और कड़ी मेहनत के साथ किया जाये तो उस कार्य को करने के लिए बढ़ती उम्र भी नहीं रोक सकती हैं, इस पंक्ति को सही साबित करते हुए श्रीमती कांता देवी हुड्डा जी (Kanta Devi Hudda) ने 56 वर्ष की आयु में लोहे के सरिये को गले से मोड़ने का कारनामा कर दिखाया। इस कारनामे को इन्होंने योगा की मदद से और सालो अभ्यास से किया हैं। कांता देवी जी ने अपने पहले ही प्रयास में 9 mm का सरिया मोड़ दिया था परंतु इस बार इन्होंने 12 mm की सरिया मोड़ कर नया इतिहास रचा। कांता देवी जी के इस कारनामे को "गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ( Golden Book of World Records )" में दर्ज किया गया है। हरियाणा के हिसार (Hisar, Haryan) की रहने वालीं हरियाणवी रिवाज समिति की अध्यक्ष एवं योग शिक्षिका श्रीमती कांता देवी हुड्डा जी ने 04 फरवरी 2024 को सबसे मोटी लोहे की सरिया को "जो 12 mm मोटी और 6.5 फीट लंबी थी" गले से मोड़कर विश्व पटल में नया रिकॉर्ड स्थापित किया। कांता देवी जी ने यह कारनामा योगगुरु श्री अनिल प्रभु जी (Yoga Guru Anil Prabhu) के मार्गदर्शन व निगरानी में करते हुए  स्वर्णिम अक्षरों में ...

विविधा एकेडमी ने बनाया कथक में वर्ल्ड रिकॉर्ड

कथक, एक उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य है। यह नृत्य कहानी पर आधारित होता है। प्राचीन ग्रंथों की कहानियों को कहने के लिए नर्तकियों द्वारा इसका प्रदर्शन किया जाता है। हालहि में कथक नृत्य का प्रदर्शन करते हुए भोपाल की विविधा एकेडमी ने सबसे अधिक लोगों द्वारा एक के बाद एक लगातार कथक  नृत्य  करने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Records ) में दर्ज किया गया है।  20 जुलाई 2025 को मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल में संचालित विविधा एकेडमी में श्रीमती अभिलाषा तिवारी जी (Ms. Abhilasha Tiwari) के मार्गदर्शन में 124 लोगों द्वारा एक के बाद एक कथक नृत्य के प्रदर्शन का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे अधिक लोगों द्वारा एक के बाद एक लगातार कथक नृत्य का प्रदर्शन ( Most People Performing Kathak Dance in A Relay )" के शीर्षक के साथ विविधा एकेडमी के नाम दर्ज किया गया है। कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि श्री मनोज कुमार शुक्ला जी (Mr. Manoj Kumar Shukla) मौजूद ...

रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी ने युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

आधुनिक AI युग में देश के प्रत्येक युवा के पास विभिन्न प्रकार के  स्किल्स का होना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के युवाओं के कौशल विकास करने की मुहिम में 'कौशल महाकुंभ' के अंतर्गत भिलाई की रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी में विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। 7 दिन चले इस प्रोग्राम में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने ऑनलाइन के माध्यम से क्लासेस ली। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Records ) में दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ के भिलाई में 7 से 13 जुलाई 2025 के दौरान रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी (Rungta International Skills University) ने कौशल महाकुंभ का आयोजन किया। जिसके अंतर्गत युवाओं के लिए विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के आयोजन का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "युवाओं के लिए सबसे बड़ा ऑनलाइन कौशल विकास कार्यक्रम ( Largest Online Skill Development Program For Youth )" के शीर्षक के साथ रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी के नाम दर्ज क...

छत्तीसगढ़ के बस्तर में बस्तर पण्डुम कार्यक्रम में बना विश्व कीर्तिमान

बस्तर हज़ारों साल पुरानी आदिम सभ्यता और संस्कृति का एक सुन्दर हस्ताक्षर है। यहा के आदिवासी न केवल प्रकृति के उपासक है बल्कि अपनी वसुंधरा के संरक्षक भी है। बस्तर पण्डुम 2025 (Bastar Pandum 2025) के माध्यम से बस्तर की प्राचीन संस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के साथ ही देश दुनिया को बस्तर की अनोखी सुंदरता को दिखाने की कोशिश हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के निर्देशानुसार बस्तर संभाग के अंतर्गत स्थानीय कला, संस्कृति एवं परंपराओं के मूलरूप के संरक्षण एवं कला समूहों के सतत विकास तथा जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के उद्देश्य से संभाग, जिला और विकासखंडीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें सात विधाओ में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई - जनजातीय नृत्य, जनजातीय नाट्य, जनजातीय गीत, जनजातीय वाद्य यंत्रों के प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन, जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन। इसका आयोजन तीन स्तरों में किया गया - विकासखंड स्तर (10-19 मार्च), जिला स्तर (21-23 मार्च), संभाग स्तर (2-5 अप्रैल)। संभाग स्तर...

मध्यप्रदेश के सागर में बनाई गई विश्व की सबसे लम्बी गेंदे की माला, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

दैनिक भास्कर, एक समाचार अखबार की संस्था है, जो भारत के हिन्दी भाषा के प्रमुख अखबारो में से एक है। हालहि में दैनिक भास्कर द्वारा मध्यप्रदेश के सागर कार्यालय में एक पहल की गई, जिसके अंतर्गत 41 साल पुरानी मांग को भारत सरकार द्वारा पूर्ण कराने का प्रयास किया गया। जिसमें विश्व की सबसे लंबी गेंदे की माला बनाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है। दैनिक भास्कर के इस कार्य को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश के सागर जिले में 25 नवम्बर 2024 को दैनिक भास्कर संस्था द्वारा 6500 मीटर लंबी गेंदे की माला बनाकर विश्व की सबसे लंबी गेंदे की माला के निर्माण का रिकॉर्ड बनाया गया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे बड़ी गेंदा की माला ( Largest Marigold Floral Garland )" के शीर्षक के साथ दैनिक भास्कर के नाम दर्ज किया गया है। इस माला को डाँ. हरीसिंह गौर जी (Dr. Harisingh Gour) की प्रतिमा में अर्पित किया गया है। कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डाँ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) म...

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में लगाये गये एक लाख से अधिक फलदायक पौधें

जहाँ पेड़-पौधे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहायता करते हैं जंगल तेजी से कम होते जा रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला ने पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देते हुए "एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान" के तहत एक पहल की शुरुआत की। जिसके अंतर्गत जिला प्रशासन के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)के 50 हजार हितग्राहियों के निवास परिसर में एक लाख से अधिक फल देने वाले पौधें लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इस अभियान के माध्यम से न केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास किया है बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया गया है। इस पहल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। 5 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ के मुंगेली के प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के आवास परिसर में 1 लाख से अधिक फल देने वाले पौधों के पौधारोपण का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "फलदार वृक्षारोपण की सबसे बड़ी पहल (Largest Fruit Tree Saplings Plantation Initiative)" के शीर्षक के साथ जिला प्रशासन मुंगेली के नाम दर्ज किया गया है। इस प...