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सर्वाधिक समय तक पेंशन लाभ लेकर इंदौर के श्री मानमल मेहता जी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज करवाया अपना नाम

रिटायर्मेंट के बाद का समय है जब आप अपने जीवन को नई दिशा में ले जा सकते हैं। रिटायर्मेंट शब्द का अर्थ होता है  "नौकरी से अवकाश लेना"। यह विशेष रूप से उस समय के लिए प्रयुक्त होता है जब व्यक्ति अपनी नौकरी या पेशेवर जीवन से संबंध तोड़कर आरामदायक और आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ता है। रिटायर्मेंट का अर्थ सिर्फ आरामदायक और स्वतंत्रता से जीवन व्यतीत करना नहीं होता बल्कि यह समय भी सामाजिक परिवर्तन का होता है। यह समय परिवार, दोस्त, और समाज के साथ अधिक समय बिताने का एक अवसर प्रदान करता है रिटायर्मेंट के पहले, हर व्यक्ति को आर्थिक योजना बनाने की आवश्यकता होती है। एक बेहतर आर्थिक योजना रिटायर्मेंट के बाद भी आपको सुरक्षित और संतुलित रखने में मदद कर सकती है। पेंशन एक ऐसा भविष्य का निर्माण करने का माध्यम है जो रिटायर्मेंट के समय आपको आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है, इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को उचित आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है जब वह अपनी कार्यावधि को पूर्ण कर चुका होता।   1928 में जन्मे, 96 वर्षीय मध्यप्रदेश, इंदौर निवासी श्री मानमल मेहता जी (Mr. Manmal Mehta) मध्य प्रदेश शासन के हथकरघा सं

ट्रांसजेंडर के अधिकारों पर बनी रीजनल फिल्म "किरण" का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

ट्रांसजेंडर लोग आमतौर वह होते हैं जिन्हें न तो पुरुष और न ही महिला की कैटेगरी में रखा जा सकता है।  ट्रांसजेंडर लोगों में पुरुष और महिला, दोनों के ही गुण हो सकते हैं। ऊपर से पुरुष दिखाई देने वाले किसी व्यक्ति में इंटरनल ऑर्गन और गुण महिला के हो सकते हैं और ऐसे ही ऊपर से महिला नजर आने वाले किसी व्यक्ति में पुरुषों वाले गुण और ऑर्गन्स हो सकते हैं। कई ट्रांसजेंडर लोगों को कार्यस्थल, आवासीय स्थान ढूँढने और स्वास्थ्य सेवाएँ ग्रहण करने में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कई स्थानों पर उन्हें भेदभाव से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण तक प्राप्त नहीं है किन्तु भारतीय संस्कृति और न्यायपालिका इन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देती है। इन्हें किन्नर (हिजड़ा) भी कहा जाता है। भारत में, 15 अप्रैल, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने एक तीसरे लिंग को मान्यता दी, जो न तो पुरुष है और न ही महिला, यह कहते हुए कि "तीसरे लिंग के रूप में ट्रांसजेंडर्स की मान्यता एक सामाजिक या चिकित्सा मुद्दा नहीं है, बल्कि एक मानवाधिकार मुद्दा है।" ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति समाज को शिक्षित करना एवं उनके विषय में जागरूक करना अत

एयु जयपुर मैराथन में विवेकानन्द ग्लोबल यूनिवर्सिटी के धावकों के राजस्थानी पगड़ी पहन कर लगाई दौड़ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ रिकॉर्ड

भारत देश में पगड़ी का इतिहास काफी पुराना हैं। पगड़ी जहाँ एक ओर लोक सास्कृतिक परंपराओं से जुड़ी हुई है, वहीं पर सामाजिक सरोकारों से भी इसका गहरा नाता है। सामान्यतः पगड़ी का मूल उपयोग सर को धूप, सर्दी, धूल अदि समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए किया जाता हैं, किन्तु धीरे-धीरे समय के चलते इसे सामाजिक मान्यता के माध्यम से मान-सम्मान के प्रतीक के साथ जोड़ दिया गया, क्योंकि इसे सर पर पहना जाता हैं। वर्षों की यात्रा में पगड़ी ने अनेक रंग, रूप, आकार, प्रकार बदले किन्तु मूलरूप में कोई परिवर्तन नहीं आया। ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर पगड़ी का परिधान तो सिंधु घाटी की सभ्यता से भी पहले था। उस समय नर और नारी दोनों ही पगड़ी पहनते थे। राजस्थान सम्पूर्ण राष्ट्र में अपनी संस्कृति तथा प्राकृतिक विविधता के लिए पहचाना जाता है। पगड़ी राजस्थान के पहनावे का अभिन्न अंग है। राजस्थान के रीति- रिवाज, यहां की वेशभूषा तथा भाषा में सादगी के साथ-साथ अपनेपन का भी अहसास मिलता है। यहाँ पगड़ी का महत्व इतना होता हैं कि किसी की पगड़ी को ठोकर मारना, लांघना या भूमि पर रखना अपमान माना जाता था। पिंक सिटी जयपुर के वर्ल्ड ट्रेड पार्क (World 

दिल्ली के श्री पवन बंसल जी ने 21 वर्षों से प्रतिदिन डायरी लिख रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

डायरी लेखन एक कलात्मक क्रिया है। एक डायरी को हम अपने विश्वस्त मित्र की तरह मान सकते हैं, जहां हम अपने सुख-दुःख, विचारों, विमर्श, और काम की संबंधित गोपनीयता को बिना झिझक के प्रकट कर सकते हैं। डायरी लेखन हमारे मानसिक विकास और सृजनात्मकता को बढ़ावा देती है। डायरी लिखने की आदत काफी अच्छी मानी जाती है। हर किसी को अपने साथ दिन भर में जो घट रहा है उसे डायरी में जरूर लिखना चाहिए. इससे पता चलता है कि आपने पूरे दिन भर में क्या-क्या किया है। आपने दिन भर में क्या हासिल किया है और आपने क्या सीखा हैं। इससे आप अपनी उपलब्धियों पर नजर भी रख पाएंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में हजारों बातें होती हैं और इन सारी बातों को याद रख पाना बेहद ही मुश्किल होता है। ऐसे में हर छोटी-छोटी चीज जब आप डायरी में लिखने लगेंगे तो चीजें याद रहने लगेंगी। डायरी में लिखी अहम जानकारी को आप जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे किसी का बर्थडे हो या फिर शादी की सालगिरह या फिर कोई मीटिंग ये सारी जानकारी आप डायरी में शामिल कर सकते हैं।  भारत की राजधानी दिल्ली  के रहने वाले श्री पवन बंसल जी (Mr. Pawan Bansal) ने अपनी डायरी लिखने की अ

94.3 MY FM ने मतदाता जागरूकता के लिए सबसे अधिक समय तक लाइव रेडियो शो 'वोटथॉन' प्रसारित कर रचा विश्व कीर्तिमान

लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। एक निश्चित आयु से ऊपर के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्राप्त होता है।  लोकतंत्र  में  जाति, पंथ, नस्ल, आर्थिक स्थिति, धर्म या लिंग के आधार पर किसी को भी इस अधिकार से वंचित नहीं किया जाता है।  चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर प्रतिनिधियों को चुनते है।  जनतांत्रिक प्रणाली में मताधिकार का बहुत महत्व होता है। भारत देश के हर नागरिक को व्यस्क होने अर्थात 18 वर्ष के होने पर यह मताधिकार प्राप्त होता है।  मतदान, अधिकार के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण नागरिक कर्तव्य भी है।  देश के आदर्श नागरिक होने के नाते सभी को अपने इस अधिकार का उपयोग करके अपने प्रतिनिधि का चयन करते हुए सरकार निर्माण में अपने कर्तव्य का निर्वाहन करना चाहिए।  मतदान एवं मताधिकार के प्रति नागरिकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्थानों पर कई अभियान चलाये जाते हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान 94.3 MY FM द्वारा राज्य के 6 प्रमुख शहरों में मतदाता जागरूकता के लिए लगातार सबसे अधिक समय तक लाइव रेडियो शो प्रसारित कि