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एयु जयपुर मैराथन में विवेकानन्द ग्लोबल यूनिवर्सिटी के धावकों के राजस्थानी पगड़ी पहन कर लगाई दौड़ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ रिकॉर्ड

भारत देश में पगड़ी का इतिहास काफी पुराना हैं। पगड़ी जहाँ एक ओर लोक सास्कृतिक परंपराओं से जुड़ी हुई है, वहीं पर सामाजिक सरोकारों से भी इसका गहरा नाता है। सामान्यतः पगड़ी का मूल उपयोग सर को धूप, सर्दी, धूल अदि समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए किया जाता हैं, किन्तु धीरे-धीरे समय के चलते इसे सामाजिक मान्यता के माध्यम से मान-सम्मान के प्रतीक के साथ जोड़ दिया गया, क्योंकि इसे सर पर पहना जाता हैं। वर्षों की यात्रा में पगड़ी ने अनेक रंग, रूप, आकार, प्रकार बदले किन्तु मूलरूप में कोई परिवर्तन नहीं आया। ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर पगड़ी का परिधान तो सिंधु घाटी की सभ्यता से भी पहले था। उस समय नर और नारी दोनों ही पगड़ी पहनते थे। राजस्थान सम्पूर्ण राष्ट्र में अपनी संस्कृति तथा प्राकृतिक विविधता के लिए पहचाना जाता है। पगड़ी राजस्थान के पहनावे का अभिन्न अंग है। राजस्थान के रीति- रिवाज, यहां की वेशभूषा तथा भाषा में सादगी के साथ-साथ अपनेपन का भी अहसास मिलता है। यहाँ पगड़ी का महत्व इतना होता हैं कि किसी की पगड़ी को ठोकर मारना, लांघना या भूमि पर रखना अपमान माना जाता था।


पिंक सिटी जयपुर के वर्ल्ड ट्रेड पार्क (World Trade Park) में, संस्कृति युवा संस्था (Sanskriti Yuva Sanstha), और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU Small Finance Bank) द्वारा दिनांक 5 फरवरी 2023 को एयु जयपुर मैराथन (AU Jaipur Marathon) के 14वें संस्करण का आयोजन किया गया। इस मैराथन में हजारों की संख्या में देश-दुनिया से आये प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया यह मैराथन जयपुर के अलबर्ट हॉल से शुरू हुई, मैराथन में लोगो का उत्साह देखते ही बन रहा था। मैराथन के दौरान 5 हज़ार से भी अधिक संख्या में विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी (Vivekanand Global University, Jaipur) के धावकों ने सर पर राजस्थानी पगड़ी पहन कर दौड़ लगाई। सर्वाधिक संख्या में लोगों द्वारा पगड़ी पहन कर दौड़ में  हिस्सा लेने के इस एतिहासिक कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Most People Participating in Mass Run Wearing Rajasthani Turban" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज किया गया। एयु-जयपुर मैराथन के में मणिपाल अस्पताल (Manipal Hospital) के डॉ. बी.आर. बगरिया (Dr. B.R. Bagariya) जी के द्वारा घुटना प्रत्यारोपित (Knee Replacement) करवा चुके 50 से 75 आयु वर्ग के 294 लोगों ने प्रतिभागियों के रूप में हिस्सा लिया। सर्वाधिक संख्या में घुटना प्रत्यारोपित लोगों द्वारा मैराथन में हिस्सा लेकर दौड़ लगाने के इस अद्भूत और साहसिक कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स द्वारा "Largest Run by Total Knee Replaced Persons" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकार्ड का आधिकारिक प्रोविजनल सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) द्वारा प्रदान किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा पर प्रतिभागियों के अन्दर उत्साह देखने योग्य था।

एयु-जयपुर मैराथन को राजस्थान राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी, आयोजक एयु-जयपुर मैराथन एवं संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा जी जी, वर्ल्ड ट्रैड पार्क के चेयरमेन श्री अनूप बरतरिया जी, बॉलीवुड अभिनेता एवं समाज सेवी श्री सोनू सूद जी एवं एमटीवी रोडीज़ फेम श्री रणविजय सिंह जी द्वारा अलबर्ट हॉल से हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ किया। इस मौके पर सांसद श्री राम चरण बोहरा जी, जयपुर ग्रेटर की महापौर श्रीमती सोम्या गुर्जर, जयपुर ग्रेटर के उपमहापौर श्री पुनीत करणावत जी, पूर्व जयपुर महापौर श्रीमती ज्योति खंडेलवाल जी, सीइओ एयु बैंक अंकुर त्रिपाठी, चीफ ऑफ़ स्टाफ श्री योगेश जैन जी, एयु स्माल फाइनेंस बैंक के एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट श्री सौरभ ताम्बी जी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। विवेकानन्द ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा धावकों को सुगमता प्रदान करने के लिए विशेष व्यवस्था की गयी। विश्वविद्यालय द्वारा कुछ सौ मीटर की दूरी पर कियोस्क और स्टॉल लगाए गए थे जहां धावकों को हाइड्रेटेड रखने के लिए मिनरल वाटर की बोतलें वितरित की गयी। विश्वविद्यालय के फिजियोथेरेपी विभाग द्वारा ऐंठन, चोट या किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या से निपटने के लिए  फिजियोथेरेपी टीमों को मैराथन स्थल पर तैनात किया गया था जो धावकों को होने वाली किसी भी शारीरिक समस्या का ध्यान रखने के लिए तैयार था। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों के ग्लूकोज स्तर, रक्तचाप की निगरानी और जांच करने और किसी भी आपात स्थिति के मामले में प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए एक पैरामेडिकल टीम भी उपलब्ध थी।

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज - 








































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