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पोषण निवेश कार्यक्रम दौरान नवविवाहित, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं ने फलदार पौधों का रोपण बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

वनों की कटाई पृथ्वी के जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि वनों की कटाई लगभग 18-25% जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख संगठन जैसे कुछ बड़े संगठन दुनिया भर में वृक्षारोपण को प्रोत्साहित कर रहे हैं। सरल शब्दों में, वृक्षारोपण का अर्थ है किसी क्षेत्र में अधिक पेड़ उगाने के लिए जमीन में पौधे लगाना। जिन देशों में वनों की कटाई बहुत बढ़ गई है, वहां वृक्षारोपण की बहुत आवश्यकता है। वनों की कटाई के कारण हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, और सूर्य की यूवी किरणों को के कारण वातावरण को गर्म हो रहा है। वृक्षारोपण के माध्यम से वनों की कटाई के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को सीमित किया जा सकता है। क्योंकि अधिक से अधिक पेड़ लगाना ही इस समस्या को दूर करने का एकमात्र तरीका हैं क्योंकि वे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, जिससे हवा साफ होती है। वृक्ष संपूर्ण जगत के जीवों के मूलभूत आवश्यकताओं में सर्वप्रथम आवश्यकता है। वृक्षों एवं वनस्पतियों के माध्यम से ही इस धरती पर स्थित मानव जाति एवं समस्त जीव जन्तुओं का भरण-पोषण संभव हैं।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में  महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण निवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल जी (Mr. Deepak Agrawal, IAS) के कुशल मार्गदर्शन एवं संयोजन में आयोजित किया गया। पोषण निवेश कार्यक्रम में गरियाबंद जिले की नवविवाहित, गर्भवती और शिशुवती माताओं को इस अभियान के साथ जोड़ा गया। इस अभियान के तहत महिलाओं ने अपनी बड़ियों में 5-5 फलदार पौधों का रोपण किया। इस वृहद अभियान में गरियाबंद जिले की  हजारों महिलाओं ने 85 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Campaign of Distributing Fruit Plants to Women" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रतिनिधि श्रीमती सोनल राजेश शर्मा जी (Mrs. Sonal Rajesh Sharma) द्वारा कलेक्टर महोदय को प्रदान कर सम्मानित किया गया। पोषण निवेश कार्यक्रम के माध्यम से जिले की नवविवाहित, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं को इस अभियान से जोड़ने के पीछे विचार यह है कि जिस तरह माताएं अपने शिशुओं का लालन-पालन कुशलता से और स्नेह से करती हैं वैसे ही वे इन पौधों को सहेजेंगी। 

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में जिले का नाम दर्ज होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए माननीय कलेक्टर महोदय श्री दीपक अग्रवाल जी ने बताया की पोषण निवेश कार्यक्रम के तहत जिले की 17 हजार से अधिक नवविवाहित, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं ने अपने बाड़ियों में 5-5 फलदार पौधे आम, अमरूद, नींबू, कटहल और मुनगा का रोपण किया। साथ ही छोटे बच्चे की तरह उनका देखभाल करने और उनका सरंक्षण-संवर्धन करने की जिम्मेदारी भी ली। यह पौधे बड़े होकर कुपोषण से लड़ने में सहायक फलों का उत्पादन करेंगे। जिससे बच्चे और महिलाओं के साथ पूरा परिवार लाभान्वित होगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण से उबारना तथा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। वृक्षारोपण के लिए महिलाओ को मनरेगा के माध्यम से जिले के विभिन्न नर्सरियों में तैयार किए गए फलदार पौधे उपलब्ध कराए गए थे।

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