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नवज्योत सिंह गुरुदत्ता ने समुद्र तल से लगभग 13,000 फीट ऊपर आकाश में सिख ध्वज "निशान साहिब" फहरा कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

सिख धर्म में निशान साहिब का बहुत महत्व है. इसे सिख ध्वज भी कहा जाता है। यह एक त्रिकोणीय ध्वज होता है, जिसका रंग भगवा होता है और बीच में गहरे नीले रंग का खंडा चिन्ह होता है। निशान साहिब सिखों के सभी गुरुद्वारों और धार्मिक परिसरों पर फहराया जाता हैं। निशान साहिब के प्रति सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा विशेष सम्मान दिखाया जाता है क्योंकि यह सिख आस्था के अंतर्निहित मूल्यों का प्रतीक है- एक ईश्वर, सभी मनुष्यों की समानता, सभी के लिए प्यार और सम्मान, सेवा और समर्पण का जीवन, आदि। इतिहास के पन्ने बताते है कि प्रारंभिक काल में धन गुरु अमर दास जी के समय निशान साहिब जी का रंग शांति और सादगी का प्रतिनिधित्व करने के लिए सफेद था। गुरु हरगोबिन्द सिंह जी के समय में निशान साहिब पीले रंग की छाया में बदले गए। सन् 1609 में पहली बार धन गुरु हरगोबिन्दजी ने अकाल-तख़्त पर केसरिया निशान साहिब फहराया था। कई लोगों का मानना है कि निशान साहिब जी का प्रथम उपयोग धन गुरु हरगोबिन्द जी ने किया था।

भारतीय उद्यमी और डिजिटल मार्केटर श्री नवज्योत सिंह गुरुदत्ता जी (Navjyot Singh Gurudatta) जिन्हें भारत के शाइनिंग सिख के नाम से जाना जाता है, उन्होंने एक ऐसा कर दिखाया जिससे भारत देश और सिख समुदाय का नाम हमेश के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। श्री नवज्योत सिंह गुरुदत्ता जी ने स्काइ डाइविंग के दौरान समुद्र तल से 13 हजार फीट की उंचाई पर शान से निशान साहिब लहराकर इतिहास रच दिया है। यह हैरत अंगेज़ कारनामा करकर 5 वर्षीय नवज्योत, विश्व के पहले व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने स्काइडाइविंग के दौरान कोई धार्मिक झंडा लहराया हो। उनकी इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "First to Raise Religious Flag During Skydiving" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। नवज्योत सिंह जी ने यह विश्व कीर्तिमान 29 फरवरी 2020 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई महानगर स्थित पाल्म ड्राप जोन में स्थापित किया। 

विश्व कीर्तिमान स्थापित कर जब नवज्योत सिंह गुरुदत्ता जी जब भारत पहुंचे तो परिवार वालों सहित नगरवासियों ने भव्य आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया।  स्थानीय गुरुद्वारे में सम्मान समारोह का आयोजन कर उन्हें सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के दौरान सिख समाज के अध्यक्ष डॉक्टर रंजीत सिंग छाबड़ा, समाज के पूर्व अध्यक्ष गुरुभेज सिंग गुरूदत्ता, जगजीत सिंग गुरूदत्ता, नवज्योत के दादा चरणजीत सिंग गुरूदत्ता, पिता अमरजीत सिंग गुरूदत्ता, माता रविंदर कौर गुरूदत्ता, कुलवंत सिंग गुरूदत्ता, इकबाल कौर रजपाल, मनजीत कौर चावला, संतोष डागा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने पर नवज्योत सिंह जी की माता श्रीमती  रविंदर कौर गुरुदत्ता जी ने बताया कि उनका पुत्र हमेशा कहता रहता था कि एक दिन कुछ बड़ा करेगा और अंततः उसने कर दिखाया। नवज्योत सिंह गुरुदत्ता जी ने डिजिटल मार्केटिंग के सीक्रेट्स पर एक किताब भी लिखी है जो काफी पॉपुलर है। इसके अलावा वे भारत के 30 साल से कम उम्र के 100 सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली सिखों में भी शुमार किए जाते हैं। आज उनकी कंपनी दुबई की टॉप डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के तौर पर जानी जाती है।


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