सनातन परंपरा में श्री हनुमान जी को शक्ति का पुंज माना जाता है। अतुलित गुणों के धाम कहलाने वाले श्री हनुमान जी के बारे में मान्यता है कि वे चिंरजीवी हैं और हर युग में मौजूद रहते हैं। श्री हनुमान जी को सभी संकटों से बचाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। जिनका आशीर्वाद पाने के लिए अक्सर उनके भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है, जिसमें प्रभु श्री राम के महान भक्त हनुमान जी के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। इसमें बजरंगबली जी की भावपूर्ण वन्दना तो है ही, प्रभु श्री राम का व्यक्तित्व भी सरल शब्दों में उकेरा गया है। ऐसी मान्यता है कि संकट में पड़ा कोई भी व्यक्ति भक्ति-भाव से उनका सुमिरन या फिर उनकी चालीसा का पाठ करता है, उसे बचाने के लिए श्री हनुमान जी दौड़े चले आते हैं।हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं इसलिए कलयुग में उनकी उपासना सबसे ज्यादा फलदायी मानी गयी हैं।
असम, गुवाहाटी की श्रीमती चंचल राठी जी (Mrs. Chanchal Rathi) ने प्रभु श्री राम के परम भक्त हनुमान जी पर विशेष आस्था के चलते हनुमान चालीसा को एक अति विशेष ढंग से लिखा। श्रीमती चंचल राठी जी के द्वारा लिखी गयी इस हनुमान चालीसा की विशेषता यह हैं की चालीसा का प्रत्येक अक्षर को "राम" शब्द का उपयोग कर के गढ़ा और इसी अनूठे ढंग से एक छोटे से कागज़ पर अपने हाथों हनुमान चालीस लिखी। "राम" शब्द का इस्तेमाल कर सम्पूर्ण हनुमान चालीसा लिखने के इस सराहनीय कार्य के लिए श्रीमती चंचल राठी जी का नाम गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Smallest Hanuman Chalisa Handwritten with Words" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। श्रीमती चंचल राठी जी ने 2 दोहे और चालीस चौपाई वाली इस राममय हनुमान चालीसा को महज पंद्रह गुणा इक्कीस इंच (15' x 21') के आयाम वाले एक कागज पर लिखा।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्रीमती चंचल राठी जी ने बताया की जिस तरह प्रभु श्री राम के भक्त हनुमान जी के ह्रदय में राम बसते हे उसी तरह इस हनुमान चालीसा के हर एक शब्द में राम है। इस हनुमान चालीसा को कुछ तरह से लिखा गया है कि चालीसा के हर शब्द को राम-राम लिखकर कर शब्द की आकृति दी गयी हैं इस हनुमान चालीसा के हर शब्द में प्रभु श्री राम बसे हैं।
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