Skip to main content

साईकिल गुरु, आदित्य कुमार जी का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। शिक्षा हमें न केवल हमारा व्यक्तिगत विकास करती है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन लाती है। यह हमें समाज में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बोद्धिक विकास की दिशा में आगे बढ़ने की सामर्थ्य प्रदान करती है। माता-पिता और शिक्षकों के संघर्षों से हम शिक्षित और समर्पित व्यक्तियों में बदल जाते हैं। वे हमारे वास्तविक मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद करते हैं। भारत देश में कई ऐसे शिक्षक हुए हैं जिन्होंने अत्यंत समर्पण और निस्वार्थ भाव से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे ही एक शिक्षक हैं, जो बेहद अनोखे अंदाज में शिक्षा देते रहते हैं, उनका नाम है श्री आदित्य कुमार जी (Mr. Aditya Kumar), उर्फ ​​'साइकिल वाले गुरुजी'। 

फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश में जन्मे, श्री आदित्य कुमार जी का लक्ष्य इस देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है और वह ऐसा करते हैं, साइकिल पर। श्री आदित्य कुमार जी ने अपनी साइकिल से देश भर में हजारों किलोमीटर की यात्रा तय की है और वंचित बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं। 1995 में बीएससी पूरी करने के बाद, आदित्य कुमार ने एक शिक्षक के रूप में अपनी शेक्षणिक योग्यताओं का उपयोग देश के बच्चों को शिक्षित करने के लिए करने का फैसला किया और अपनी साइकिल लेकर भारत को साक्षर करने की यात्रा पर निकल पड़े। श्री आदित्य कुमार जी प्रतिदिन लगभग 60-70 किलोमीटर की यात्रा करते और साथ ही रास्ते में, सड़क पर, झुग्गी झोपड़ियों में घूम घूम कर बच्चों को पढ़ाते और यह कार्य वे सन् 1995 से लगातार करते आ रहे हैं। एक शिक्षक के रूप में साईकिल पर लम्बे अन्तराल से बच्चों को शिक्षित करने के इस कार्य के लिए श्री आदित्य कुमार जी का नाम गोल्डन  बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Longest Career as Bicycle Teacher" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप ने दर्ज किया गया। 

भारत जैसे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक विलासिता बन गई है, मानवता की खातिर और देश को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए इस तरह के श्री आदित्य कुमार जी के ये प्रयास सभी की सराहना के पात्र हैं। एक विकासशील देश में, कई बच्चे अभी भी शिक्षा से सिर्फ इसलिए वंचित हैं क्योंकि वे इसका खर्च वहन नहीं कर सकते। ऐसे समय में आदित्य कुमार यानी साइकिल वाले गुरुजी देश के लिए एक मसीहा बनकर उभरे। जहां भी उनकी साइकिल रुकती है वह स्थान उनका स्कूल बन जाता है। उनका लक्ष्य देश के एक करोड़ से अधिक बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाना है। 

Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्र...

महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज द्वारा 51 टन साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी वितरण कर बनाया विश्व कीर्तिमान

शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple, Ujjain) भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन का महाकाल मंदिर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है, जिन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिवपुराण में भी विस्तार से मिलता है। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजित बाबा महाकाल के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद हेतु पूरे वर्ष ही यहाँ देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। श्रावण माह एवं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर दुनिया भर से आयें भक्तों की श्रद्धा एवं भक्ति से महाकालेश्वर मंदिर एवं पूरा उज्जैन शहर शिवमय हो जाता हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंधी समाज (Sindhi community) द्वारा साबूदाना खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महेश परयानी जी (Mr. Mahesh Paryani) के मार्गदर्शन एवं ...