पियानो एक ऐसा वाद्य यंत्र है जो की जो संगीत की भव्यता और तकनीकी कौशल दोनों का प्रतीक है। इसका अविष्कार सन् 1709 में इटली के बार्टोलोमियो क्रिस्टोफोरी ने किया था। यह वाद्य यंत्र समय के साथ विकसित हुआ एवं संगीत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। बहुत ही कम समय में पियानो का उपयोग पूरी दुनियाभर के कई संगीतकारों द्वारा किया जाने लगा। पियानो का उपयोग शास्त्रीय से लेकर जैज़ तक, विभिन्न संगीत शैलियों में किया जाता है। पियानो की बहुमुखी प्रतिभा और व्यापक रेंज ने इसे संगीत के कई रूपों में एक केंद्रीय वाद्ययंत्र बना दिया। हम सभी जानते हैं कि बच्चे में मानसिक विकास के लिए रचनात्मकता कितनी महत्वपूर्ण है। पियानो सिखने से बच्चों में अद्भूत रचनात्मकता और कल्पना शक्ति का विकास होता हैं। वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हैं कि किसी वाद्य यंत्र का अभ्यास करने से मस्तिष्क के बाएँ और दाएँ पक्षों को जोड़ने वाले तंत्रिका तंतु मजबूत होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बच्चों में स्मृति, एकाग्रता, समस्या-समाधान और भाषा कौशल जैसे गुणों का विकास होता हैं।
"भारत के पियानो किंग" नाम से मशहूर, पियानो वादक डॉ. अमन बाठला (Dr. Aman Bathala) एक श्रेष्ठ पियानो वादक के साथ-साथ एक गुरु भी हैं जो अपनी इस अद्भूत कला को अपने शिष्यों के माध्यम से विरासत के रूप में आने वाली पीढ़ियों को प्रदान कर रहे हैं। जिस प्रकार डॉ. अमन बाठला ने पियानो वादन के क्षेत्र में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये है उसी प्रकार उनके शिष्यों ने भी अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्शन करते हुए पियानो वादन के नित नए आयामों को छूते हुए विश्व कीर्तिमान स्थापित किये। उनके शिष्यों में से एक कु. गौरी मिश्रा (Ms. Gouri Mishra) भारत की सबसे कम उम्र की पियानो वादक हैं। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 46, गुरुग्राम की छात्रा गौरी ने 4 साल की उम्र में पियानो सीखना शुरू किया। महज 9 वर्ष की उम्र तक कई मंचों पर अपनी पियानो वादन की कला का प्रदर्शन कर सबसे कम उम्र के पेशेवर पियानो वादक के रूप में स्वयं को परिभाषित कर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा गौरी का नाम "Youngest Professional Pianist" शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया। जिसका सर्टिफिकेट कार्यक्रम के दौरान अपने माता-पिता, गुरु डॉ. अमन बाठला एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) द्वारा प्रदान कर सम्मानित किया गया। गौरी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता- पिता एवं गुरु को देती है। गौरी कहती हैं, उनकी मां का संगीत से बहुत अच्छा जुड़ाव है। पियानो बजाने की प्रेरणा उन्होंने मां के अलावा मशहूर संगीतकार ए. आर. रहमान एवं अदनान सामी से भी ली हैं।
वर्षों से पियानो वादन कर रही गौरी मिश्रा में ने अपनी इस संगीत की यात्रा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। गौरी ने अब तक कई अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों के साथ भी प्रस्तुति दी है, जिसमे उन्होंने प्रसिद्ध फ्रांसीसी जैज़ पियानो वादक बेंजामिन बारिया के साथ कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र में और दुनिया भर के कई राजदूतों के सामने पियानो बजाया। वह वर्ष 2022 में स्वच्छ भारत मिशन की गुरुग्राम की ब्रांड एम्बेसेडर भी रह चुकी हैं। पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी एवं प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उन्हें सबसे कम उम्र के पियानो वादक के रूप में राष्ट्रीय पुरुस्कार भी प्राप्त हुआ हैं। नन्ही गौरी मिश्रा 4 भिन्न-भिन्न शैलियों मैं पियानो बजाने में माहिर हैं। अपने इस हुनर के चलते उन्होंने और भी कई कीर्तिमान अपने नाम किये हैं।
फोटो एवं मीडिया कवरेज़
https://www.pagalparrot.com/ Gauri Mishra: India’s Youngest Pianist Certified By Children’s Book of Records.
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