पियानो एक ऐसा वाद्य यंत्र है जो की जो संगीत की भव्यता और तकनीकी कौशल दोनों का प्रतीक है। इसका अविष्कार सन् 1709 में इटली के बार्टोलोमियो क्रिस्टोफोरी ने किया था। यह वाद्य यंत्र समय के साथ विकसित हुआ एवं संगीत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। बहुत ही कम समय में पियानो का उपयोग पूरी दुनियाभर के कई संगीतकारों द्वारा किया जाने लगा। पियानो का उपयोग शास्त्रीय से लेकर जैज़ तक, विभिन्न संगीत शैलियों में किया जाता है। पियानो की बहुमुखी प्रतिभा और व्यापक रेंज ने इसे संगीत के कई रूपों में एक केंद्रीय वाद्ययंत्र बना दिया। हम सभी जानते हैं कि बच्चे में मानसिक विकास के लिए रचनात्मकता कितनी महत्वपूर्ण है। पियानो सिखने से बच्चों में अद्भूत रचनात्मकता और कल्पना शक्ति का विकास होता हैं। वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हैं कि किसी वाद्य यंत्र का अभ्यास करने से मस्तिष्क के बाएँ और दाएँ पक्षों को जोड़ने वाले तंत्रिका तंतु मजबूत होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बच्चों में स्मृति, एकाग्रता, समस्या-समाधान और भाषा कौशल जैसे गुणों का विकास होता हैं। " भारत के पियानो किंग...