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दीपचंडी सन्यास आश्रम ने बोताद में अखंड महारूद्र पाठ कर बनाया विश्व कीर्तिमान : गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज

बोताद, गुजरात में गढ़ा रोड पर स्थित दीपचंडी सन्यास आश्रम (Deepchanndi Sanyas Aashram) में श्रावण मास एवं पुरुषोत्तम मास के दौरान जनकल्याण की भावना से भगवान महादेव के अखंड महारूद्र पाठ का आयोजन किया गया। आश्रम के महंत महासुखानंद सरस्वती (Mahant Mahasukhanand Saraswati) के नेतृत्व में आयोजित यह अखंड महारूद्र पाठ 24 घंटे एवं पुरे श्रावण मास तक चला। इस महारुद्र पाठ में लगभग 175 परिवारों ने सम्मिलित होकर रूद्र पाठ का लाभ उठाया।

महारुद्र पाठ एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक अभिषेक प्रक्रिया है जो कि श्रीरुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam) के एकादश अनुशासनों का संयोजन है। यह अभिषेक पाठ भगवान शिव को समर्पित होता है और इसका मुख्य उद्देश्य उनकी पूजा, प्रशंसा और आराधना करना है। महारुद्र पाठ का नाम उस वेदिक प्रक्रिया से आता है जिसमें रुद्र नामक भगवान शिव के स्वरूपों का अभिषेक किया जाता है। यह पाठ अध्यात्मिकता, शक्ति और शांति के प्रतीक माना जाता है और भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने का एक मार्ग प्रदान करता है। महारुद्र पाठ के अनुष्ठान में श्रद्धालु रुद्राष्टकम् के गान, मंत्रों और श्लोकों का जाप करते हैं, जो उनके आध्यात्मिक आदर्शों का प्रतीक होते हैं। यह पाठ अक्षत, धूप, दीप, फूल, नीवर आदि के साथ किया जाता है और इसके द्वारा शिव की पूजा और स्तुति की जाती है। महारुद्र पाठ के फलस्वरूप, श्रद्धालु शिव की कृपा, आशीर्वाद और आनंद की अनुभूति करते हैं। यह उनके आध्यात्मिक और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करता है और उन्हें संतोष, शांति और उच्च स्तर की उद्देश्य प्राप्ति में मदद करता है।

दीपचंडी सन्यास आश्रम में श्रावण मास एवं पुरुषोत्तम मास के दौरान आयोजित इस अखंड महारुद्र पाठ की विशेषता यह थी की यह पाठ पूरे माह प्रतिदिन अर्थात् लगातार 24 घंटे 30 दिनों तक अनवरत रूप से चलता रहा। सर्वाधिक समय तक अनवरत रूप से चल रहे इस अखंड महारुद्र पाठ को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Longest Feat of Incessant Rudra Path" के शीर्षक के साथ एक विश्व रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया। जिसकी पुष्टि गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) द्वारा कार्यक्रम के दौरान की गयी। कार्यक्रम के आयोजित सम्मान समारोह में श्री अलोक कुमार जी द्वारा महंत श्री महासुखानंद सरस्वती जी को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स का सर्टिफिकेट, मैडल एवं बैंच देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम जन कल्याण के कार्य में सदैव तत्पर अन्य साधु- संतों एवं गणमान्य नागरिकों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान दीपचंडी संन्यास आश्रम के महंत महासुखानंद सरस्वती ने कहा कि जो विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है वह मेरा रिकॉर्ड नहीं है, यह रिकॉर्ड भगवान रूद्र, लोक कल्याण और सेवकों को समर्पित है। ईश्वर ऐसे कार्य निरंतर करते रहने की प्रेरणा दें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु मौजूद थे।


दीपचंडी सन्यास आश्रम द्वारा पूर्व से ही जनकल्याण एवं जनसेवा हेतु अनेको उत्कृष्ट सेवा कार्य किये जाते रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के समय जब पूरा विश्व अपने घरो में कैद था, सारे व्यापार एवं कार्य बंद थे, ऐसे कठिन समय में लॉक-डाउन के दौरान 67 दिनों तक जरुरतमंद लोगो को आश्रम द्वारा भोजन उपलब्ध करवाया गया। और साथ ही कोरोना काल के दौरान लोगों में आयुर्वेदिक काढ़ा वितरित किया गया। आश्रम द्वारा हर वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन भी किया जाता है। गौमाता की सेवा हेतु गौशाला की स्थापना, एवं अनेक सामाजिक कल्याण हेतु कार्य किये जाते रहते हैं।

मीडिया कवरेज -  






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