Skip to main content

एक मिनट में सबसे ज्यादा कार्टव्हील्स परफोर्म कर उत्तराखंड की प्रियल साहू ने रचा विश्व इतिहास, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

कार्टव्हील्स आमतौर पर खेल और शारीरिक व्यायाम के रूप में किया जाता है। इसे आमतौर पर बच्चे और युवा करते हैं, और यह एक पूरी तरह से साधारण ज्ञान का काम करता है। कार्टव्हील्स के द्वारा शरीर की कसरत करने से प्राथमिक शारीरिक सामरिक क्षमता, लचीलापन, संतुलन और कोऑर्डिनेशन का विकास होता है। कार्टव्हील (cartwheel) एक बेसिक जिमनैस्टिक्स स्किल है, जो आपकी अपर बॉडी को मजबूती देती है और साथ ही आपको और भी ज्यादा एडवांस्ड मूव करना सीखने में मदद करता है। कार्टव्हील सीखने के लिए, आपको एक ऐसे सेफ एनवायरनमेंट की तलाश करना होगी, जहां पर आप आपके हाथों और पैरों को इस तरीके से रखने की प्रैक्टिस कर सकें। 

कार्टव्हील्स देखने में तो एक सरल अभ्यास लगता हैं लेकिन जब बारी इसको करने की आती है तब जाकर इसकी जटिलताओं के बारे में पता लगता हैं। चूँकि कार्टव्हील्स के शारीरिक कसरत एवं  जिमनैस्टिक खेल का हिस्सा है तो इसे परफोर्म करने व सिखने के लिए इसकी बारीकियों समझना और इसकी प्रेक्टिस करना बहोत आवश्यक होता हैं। हल्द्वानी,उत्तराखंड में रहने वाली प्रियल साहू ने महज 9 वर्ष की उम्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया जिससे उनके माता-पिता एवं पुरे क्षेत्र का नाम रोशन हो गया। टैंपल ऑफ शाउलिन कुंग-फू के कोच श्री अमित सक्सेना जी (Mr. Amit Saxena) के निर्देशन एवं मार्गदर्शन कड़ी मेहनत कर प्रियल साहू ने एक मिनट में अट्ठावन (58) कार्टव्हील पपरफोर्म करके वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया जिसे "Most Cartwheels Performed in One Minute" के शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज किया गया। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित बैंकट हॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रियल द्वारा कार्टव्हील्स परफॉर्म कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया जिसका सर्टिफिकेट कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, India Head GBWR) द्वारा दिया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीआईडी में एएसआई श्री मुकेश पाल जी (Mr. Mukesh Pal, ASI, CID) उपस्थित रहे। 


न्यूज़ एवं मीडिया -












Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्र...

महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज द्वारा 51 टन साबूदाने की खिचड़ी प्रसादी वितरण कर बनाया विश्व कीर्तिमान

शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन नगरी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple, Ujjain) भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन का महाकाल मंदिर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है, जिन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिवपुराण में भी विस्तार से मिलता है। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजित बाबा महाकाल के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद हेतु पूरे वर्ष ही यहाँ देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। श्रावण माह एवं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर दुनिया भर से आयें भक्तों की श्रद्धा एवं भक्ति से महाकालेश्वर मंदिर एवं पूरा उज्जैन शहर शिवमय हो जाता हैं। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंधी समाज (Sindhi community) द्वारा साबूदाना खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महेश परयानी जी (Mr. Mahesh Paryani) के मार्गदर्शन एवं ...