योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो शरीर, मन, और आत्मा के संतुलन और समृद्धि को प्रोत्साहित करता है। योग के मूल उद्देश्य में से एक है शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करना, ताकि व्यक्ति एक स्थिर, शांत और समृद्ध जीवन जी सके। योग के अभ्यास से शरीर को लाभ मिलते हैं, जैसे कि शारीरिक लचीलापन बढ़ता है, तनाव कम होता है, मानसिक चिंताएँ कम होती हैं, स्वास्थ्य सुधरता है, और शरीर के विभिन्न अंगों की मजबूती होती है। योग कुल आठ प्रकार के आसनों का समूह है, जिनमें से प्रत्येक आसन शारीरिक और मानसिक लाभों के साथ आत्मा को ऊँचाईयों तक पहुंचाने का उद्देश्य रखता है। चुनौतीपूर्ण योगासनों की श्रेणी में आने वाला निरालम्ब पूर्ण चक्रासना जितना कठिन हैं उतना ही अधिक लाभप्रद हैं। निरालम्ब पूर्ण चक्रासना, जिसे आमतौर पर निरालम्ब चक्रासना के रूप में भी जाना जाता है।इस आसन में शरीर को पूरी तरह से ऊँचा करते हुए वृत्ताकार आकार बनाया जाता है। इस आसन को करने के लिए आपको संतुलन और पृष्ठ में अच्छी मजबूती की आवश्यकता होती है। निरालम्ब पूर्ण चक्रासना करने से शारीरिक संतुलन, कोऑर्डिनेशन और शारीरिक समता में सुधार होता है। यह आपके शरीर के विभिन्न अंगों के बीच संतुलन स्थापित करता है।
उत्तराखंड के गौलापार गांव की रहने वाली रिया पलाड़िया (Riya Pilariya) ने इस कठिन आसन को आसानी से करके दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया और साथ ही एक मिनट में सर्वाधिक बार इस आसन को करके एक विश्व कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया। चार सालो की लगातार प्रेक्टिस और कड़ी मेहनत के बाद ही इस आसन को आसानी से करना रिया के लिए मुमकिन हो पाया। हल्द्वानी के वेंडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान टैंपल ऑफ शाउलिन कुंग-फू के कोच श्री अमित सक्सेना जी (Mr. Amit Saxena) के निर्देशन एवं मार्गदर्शन नन्ही रिया ने एक मिनट में 20 बार निरालम्ब पूर्ण चक्रासना करके एक विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। जिसके लिए कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) के इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, India Head, GBWR) ने उत्साही भीड़ के मध्य वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा करते हुए "Most Niralamba Purna Chakrasana Yoga Performed in One Minute" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया।
जिमनास्टिक और योगाभ्यास की शौकीन रिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां हेमा पलाड़िया, पिता नवीन पलाड़िया और कोच अमित सक्सेना को दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य प्रतिष्ठित ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करना है। रिया हर रोज करीब 15 किमी की दूरी तय करके हल्द्वानी में मुखानी प्रशिक्षण के लिए पहुंचती है। कुंवरपुर में जनरल स्टोर चलाने वाले रिया के पिता नवीन पलड़िया ने कहा कि अब उन्हें उनकी बेटी से पहचाना जाएगा। यह सपना था, जो आज पूरा हुआ। पत्रकारों से बात करते हुए, रिया के प्रशिक्षक, श्री अमित ने कहा: "मैं उसकी उपलब्धि से बहुत खुश हूं और यह उसके लिए वास्तव में मुश्किल नहीं था क्योंकि वह हमेशा जिमनास्टिक और योग की शौकीन थी।
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