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Showing posts from July, 2023

विश्व योग दिवस पर सर्वाधिक लोगो ने ताड़ासन कर बनाया विश्व कीर्तिमान : गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ रिकॉर्ड

विश्व योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह अंतरराष्ट्रीय उत्सव है जो पूरे विश्व में योग का प्रचार-प्रसार करने का उद्देश्य रखता है। योग एक प्राचीन और शक्तिशाली आयामिक परंपरा है जो मन, शरीर और आत्मा को एक संभावित एकता में जोड़ने का कार्य करती है। योग का शाब्दिक अर्थ है "जुड़ना" या "एक होना"। यह समस्त मानवता को एक साथ लाने वाला शक्तिशाली तंत्र है जिससे शरीर, मन, और आत्मा के साथ सांदर्भिक संतुलन प्राप्त होता है। योग के मूल उद्देश्य में शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक विकास का संतुलन होता है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ, समृद्ध और सकारात्मक जीवन जीने में समर्थ होता है।योग की उत्पत्ति भारतीय संस्कृति में हुई है और वेदों में इसका प्रचलन देखा जा सकता है। संस्कृत शब्द "युज" से इसे जोड़ा गया है, जिसका अर्थ है शक्ति या ऐसी शक्ति से जुड़ना जो हमें अच्छे और सकारात्मक जीवन की दिशा में प्रेरित करे। योग के प्रमुख विधाएं हठ योग, भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग और राज योग हैं। ये विभिन्न विधाओं में योगासन, प्राणायाम, ध्यान और मुद्राएं शामिल होती हैं, जो शरीर, मन, और आत्मा के

योग और प्रकृति प्रेमी श्री हरिचन्द्र जी ने 72 वर्ष की उम्र में बनाये 8 विश्व कीर्तिमान

02 जनवरी 1950 को छोटे से गाँव औरंगाबाद – मितरौल (तहसील होडल, जिला पलवल) मे पिता श्री लालाश्रीचंद गर्ग जी तथा माता श्रीमती किरण देवी जी के यहाँ जन्म लेने वाले, श्री हरि चंद्र गर्ग शुरू से ही बहुत ही मेहनती रहे है। जब वे कक्षा छः की पढ़ाई कर रहे थे, उसी कालावधि में एक दुर्घटना में उनके पिताजी विकलांग हो गए। पारिवारिक परिस्तिथियों के चलते समय से पूर्व ही जिम्मेदारियों का वहन करना पड़ा, इसी के साथ-साथ उन्होंने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के उपरांत वर्ष 1973 में उन्होंने लोक निर्माण विभाग में नौकरी प्रारंभ की एक साल तक नौकरी करने के बाद वो नौकरी छोड़ कर उसी विभाग में ठेकेदारी का कार्य करने लगे जो उन्होंने 2015 तक किया। वर्तमान समय में फरीदाबाद में निवास करने वाले 70 वर्षीय श्री हरीचन्द्र गर्ग (Mr. Hari Chandra Garg) जी को प्रकृति से विशेष प्रेम हैं। उनके इसी प्रेम के चलते उन्होंने अपने घर के पास स्थित कचरा डालने वाले स्थान (garbage dump) को साफ किया एवं उसमे कई तरह के उपयोगी पौधे जैसे तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, आँवला, गेंदा, गुड़हल आदि के पौधे लगाए है। श्री गर्ग जी के निज निवास की बगिया

एक मिनट में सर्वाधिक निरालम्ब पूर्ण चक्रासना कर 11 वर्षीय रिया पलारिया ने रचा विश्व कीर्तिमान

योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो शरीर, मन, और आत्मा के संतुलन और समृद्धि को प्रोत्साहित करता है। योग के मूल उद्देश्य में से एक है शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करना, ताकि व्यक्ति एक स्थिर, शांत और समृद्ध जीवन जी सके। योग के अभ्यास से शरीर को लाभ मिलते हैं, जैसे कि शारीरिक लचीलापन बढ़ता है, तनाव कम होता है, मानसिक चिंताएँ कम होती हैं, स्वास्थ्य सुधरता है, और शरीर के विभिन्न अंगों की मजबूती होती है। योग कुल आठ प्रकार के आसनों का समूह है, जिनमें से प्रत्येक आसन शारीरिक और मानसिक लाभों के साथ आत्मा को ऊँचाईयों तक पहुंचाने का उद्देश्य रखता है। चुनौतीपूर्ण योगासनों की श्रेणी में आने वाला निरालम्ब पूर्ण चक्रासना  जितना कठिन हैं उतना ही अधिक लाभप्रद हैं। निरालम्ब पूर्ण चक्रासना, जिसे आमतौर पर निरालम्ब चक्रासना के रूप में भी जाना जाता है।इस आसन में शरीर को पूरी तरह से ऊँचा करते हुए वृत्ताकार आकार बनाया जाता है। इस आसन को करने के लिए आपको संतुलन और पृष्ठ में अच्छी मजबूती की आवश्यकता होती है। निरालम्ब पूर्ण चक्रासना करने से शारीरिक संतुलन, कोऑर्डिनेशन और शारीरिक समता में सुधार होता है। यह आपके शर

गोल्डन स्पिन गर्ल अनन्या श्रीवास्तव ने 2306 कथक स्पिन कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

 ‘कथयति य: स कथन’ अर्थात् जो कथन करे वह कथक है। कथक नृत्य भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अपनी गंभीरता, शृंगार, और आकर्षक अंगभंगी के लिए प्रसिद्ध है। इसे नाट्यशास्त्र के मूल्यांकन के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह एक कठिन, न्यायिक और अद्यतित नृत्य रूप है जो गतिशीलता, गति और अभिव्यक्ति में एक अद्वितीय रंग भर देता है। कथक नृत्य न केवल एक दृश्यात्मक कला है, बल्कि यह एक कथावस्तु भी है जो भारतीय मानसिकता, संस्कृति और धार्मिकता को प्रदर्शित करती है। इसका लक्ष्य दर्शकों को रंगमंच पर एक यात्रा पर ले जाना है, जहां उन्हें आध्यात्मिकता, भक्ति और सुंदरता का अनुभव होता है। यह नृत्य कला गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से प्रचलित हुई है और सालों के अभ्यास, समर्पण और तत्परता के साथ प्रदर्शन की जाती है। कथक नृत्य अपने ताल-राग-लय और मुद्राओं के माध्यम से एक कहानी को व्यक्त करता है, जो दर्शकों के मन को आकर्षित करती है और उन्हें आकर्षित करती है। कथक चक्कर एक नृत्य तकनीक है जो कथक नृत्य में प्रयोग होती है। कथक नृत्य में "कथक चक्कर" एक विशेष नृत्यांग (नृत्य के अंग) होता है जो नृत्य के

एक मिनट में सबसे ज्यादा कार्टव्हील्स परफोर्म कर उत्तराखंड की प्रियल साहू ने रचा विश्व इतिहास, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

कार्टव्हील्स आमतौर पर खेल और शारीरिक व्यायाम के रूप में किया जाता है। इसे आमतौर पर बच्चे और युवा करते हैं, और यह एक पूरी तरह से साधारण ज्ञान का काम करता है। कार्टव्हील्स के द्वारा शरीर की कसरत करने से प्राथमिक शारीरिक सामरिक क्षमता, लचीलापन, संतुलन और कोऑर्डिनेशन का विकास होता है। कार्टव्हील (cartwheel) एक बेसिक जिमनैस्टिक्स स्किल है, जो आपकी अपर बॉडी को मजबूती देती है और साथ ही आपको और भी ज्यादा एडवांस्ड मूव करना सीखने में मदद करता है। कार्टव्हील सीखने के लिए, आपको एक ऐसे सेफ एनवायरनमेंट की तलाश करना होगी, जहां पर आप आपके हाथों और पैरों को इस तरीके से रखने की प्रैक्टिस कर सकें।  कार्टव्हील्स देखने में तो एक सरल अभ्यास लगता हैं लेकिन जब बारी इसको करने की आती है तब जाकर इसकी जटिलताओं के बारे में पता लगता हैं। चूँकि कार्टव्हील्स के शारीरिक कसरत एवं  जिमनैस्टिक खेल का हिस्सा है तो इसे परफोर्म करने व सिखने के लिए इसकी बारीकियों समझना और इसकी प्रेक्टिस करना बहोत आवश्यक होता हैं। हल्द्वानी,उत्तराखंड में रहने वाली प्रियल साहू ने महज 9 वर्ष की उम्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया जिससे उनके माता-पित