Skip to main content

काव्य पुस्तक "Third Eye" के लिए डॉ. कल्पना मल्लिक का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

आज के दौर में कविता लेखन एक महत्वपूर्ण कला और साहित्यिक विधा है जिसे लोग अपनी भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का एक माध्यम मानते हैं। कविता एक सुंदर रचनात्मक प्रक्रिया है, जिसमें शब्दों का अद्वितीय ताल-मेल होता है और भावनाओं को सजाया जाता है। हर एक पंक्ति में कविता अपने भाव और महत्त्व को प्रकट करती है। कविता लेखन एक एसी कला है जिसमें शब्दों की सहेज से एक अद्वितीय और सुंदर रचना बनती है। यह रचना अक्सर संगीत, भाव, छंद और रस की एक समृद्ध मिश्रण से बनी होती है। कविता की सटीक परिभाषा कठिन हो सकती है, क्योंकि यह आधारभूत रूप से भाषा का उपयोग करके भावनाओं, अनुभूतियों और विचारों को व्यक्त करने का एक विशेष तरीका है। कविता लिखते समय, एक कवि के पास विषय का चयन करने की आवश्यकता होती है। विषय विचारों और अनुभवों की विविधता से लिया जा सकता है, जैसे प्रकृति, प्रेम, जीवन की मुश्किलें, आदर्श, समाजिक मुद्दे आदि। विषय के चयन के बाद, कवि को रचना के लिए उपयुक्त छंद और रचना का चयन करना होता है।

भारत के ओडिशा की डॉ. कल्पना मल्लिक (Dr. Kalpana Mallick) एक एसी कवयित्री है जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने हर पाठक के ह्रदय में विशेष स्थान बना लिया हैं। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कवयित्री हैं। उन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में एम.एससी और कामधेनु अमीषा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, दिल्ली से पर्यावरण विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के कपालेश्वर की रहने वाली डॉ. कल्पना एक बेहतरीन कवियित्री होने के साथ-साथ एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं। वह ग्रीन पोएट्स फोरम की संस्थापक हैं, जो पर्यावरण संरक्षण, मानवता, प्रेम और शांति पर कविताओं के लिए एक अनूठा मंच है। हाल ही में डॉ. कल्पना मलिक जी ने एक अनूठी काव्य पुस्तक की रचना की जिसका नाम "Third Eye" है इस पुस्तक की विशेषता यह है की इसमें समाहित प्रत्येक कविता आँखों पर आधारित है, अपनी इसी अनोखे विषय पर आधारित होने के कारण गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा इसे "First Poetry Book on The Theme Eye" के शीर्षक के साथ एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध द्विभाषी भारतीय कवयित्री डॉ. कल्पना मल्लिक जी की अन्य प्रसिद्ध काव्य पुस्तकें हैं:  परमब्रम्हा (उड़िया), भला पे मनीसाकु (उड़िया), क्रिसेंट मून (अंग्रेजी) और कोरल जैस्मीन। 

Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ ...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...