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मेवाड़ विश्वविद्यालय के नाम दर्ज हुए तीन विश्व रिकॉर्ड : योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के विषय पर लिया ऑनलाइन सत्र

 मेवाड़ विश्वविद्यालय राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना 2008 में हुई थी और उसके बाद से यह शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन गया है। मेवाड़ विश्वविद्यालय विभिन्न शिक्षा कार्यक्रमों के प्रदान करने के साथ-साथ छात्रों को अद्यतन ज्ञान और उच्चतर शिक्षा के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय अपनी उच्चतम मानक शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। यहां के पाठ्यक्रम विश्वस्तरीय होते हैं और नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके छात्रों को व्यावसायिक क्षेत्र में सशक्त और योग्य बनाने का प्रयास किया जाता है। यहां परिश्रम, नैतिकता, समर्पण और सहयोग को महत्व दिया जाता है जो छात्रों को एक अद्यतित और अग्रणी भूमिका में सशक्त करता है।

मेवाड़ विश्वविद्यालय और पतंजलि विश्वविद्यालय ने अपनी शिखर उपलब्धियों के साथ एक बार फिर दुनिया को गर्व महसूस कराया है। विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य पर हुए एक कार्यक्रम के दौरान मेवाड़ विश्वविद्यालय ने योग और प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और संस्थान की प्रगति को दर्शाता है।

मेवाड़ विश्वविद्यालय और पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर राजेश कुमार सैनी व जयवीर सिंह आर्य के संचालन में 21-23 जून, 2021 के दौरान; ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जो योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, आध्यात्मिक एवं नवीन शोध जैसे विषयो पर आधारित थी। 56 घंटो तक चली इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में लगभग 72 देशो के 596 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया और साथ ही सर्वाधिक संख्या में वक्ताओं द्वारा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पर सत्र लिए गए, वक्ताओं में पतंजलि योगपीठ के जग प्रसिद्ध योगगुरु बाबा रामदेव का नाम भी शामिल हैं। इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संस्थान तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किये गए जिन्हें गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में क्रमशः 

योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर लगातार 56 तक चलने वाले ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस को "Longest Online Conference on Yoga & Naturopathy " के शीर्षक के साथ एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

 योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में देश दुनिया के 596 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया जिसे "Most People Participated In an Online Conference on Yoga & Naturopathy"के शीर्षक के साथ एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में कुल 44 वक्ताओं द्वारा कॉन्फ्रेंस के दौरान सत्र लिया गया जिसे "Most Speakers in an Online Conference on Yoga & Naturopathy" के शीर्षक के साथ एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।


गाजिआबाद, वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित एक समारोह में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) और इंडिया हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, India Head, GBWR) द्वारा पतंजलि विश्वविद्यालय में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के सेंट्रल हैड परमार्थ देव महाराज जी (Pujya Swami Parmarthdev ji)  की उपस्तिथि में तीनों वर्ल्ड रिकार्ड के प्रमाण पत्र, मेडल आदि मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया जी (Dr. Ashok Kumar Gadiya Chancellor, Mewar University) को देकर अधिकारिक रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा की। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के सेंट्रल हैड परमार्थ देव महाराज जी ने पने सम्बोधन में उन्होंने नियमित योग कर निरोग रहने की सलाह लोगों को तो दी ही, मेवाड़ यूनिवर्सिटी को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की बधाई भी दी। उन्होंने घोषणा की कि पतंजलि योगपीठ मेवाड़ यूनिवर्सिटी के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करेगा।उन्होंने योग पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय नौजवान को शिक्षा और संस्कार मिलने जरूरी हैं। विद्यार्थी अपने माता-पिता, गुरु और आचार्य को सम्मान और प्राथमिकता दें। आज आहार शुद्ध करने की आवश्यकता है। आहार से आपका विचार और व्यवहार शुद्ध होगा।

 मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि भारतीय मनीषा यानी योग, ध्यान, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना होगा। इसे अपनाकर हम अपने जीवन को स्वस्थ और निरोगी बना सकते हैं। उन्हें खुशी है कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी और पतंजलि योगपीठ इसके लिए साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध हैं। इस मौके पर मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, डॉ. मनीष विश्नोई आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अतिथियों को स्मृति चिह्न और गुलदस्ते भेंटकर सम्मानित किया गया। सफल संचालन जयवीर सिंह आर्य ने किया। जबकि मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राजेश कुमार सैनी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। समारोह में मेवाड़ परिवार के सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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