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Showing posts from April, 2023

उत्तर प्रदेश के ऊर्जावान युवा यतीश ने पढ़ने और पढ़ाने के क्षेत्र में बनाया विश्व कीर्तिमान

"अगर मन में कुछ कर गुजरने की लगन हो तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता" इसी कथन को सत्य प्रमाणित करते हैं, उत्तर प्रदेश, भारत के लखीमपुर-खीरी (Lakhimpur-Khiri) के गोला, गोकर्णनाथ (Gola, Gokarnnath) कस्बे के युवक यतीश चन्द्र शुक्ल। ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाले यतीश शिक्षक रहे हैं, उन्होंने अपने पढ़ने की लगन के साथ कुछ एसा कर दिखाया जिससे उन्होंने अपने साथ-साथ अपने अंचल और प्रदेश के नाम को विश्व पटल पर स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया। यतीश चन्द्र शुक्ल (Yatish Chandra Shukla) बिना एक मिनिट भी रुके लगातार 26 घंटे 04 मिनट तक पुराण पढ़कर अपने नाम को वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) के इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी द्वारा उन्हें " Longest Single Sitting Reading Aloud Marathon " के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस विश्व रिकॉर्ड के लिए तैयारी कर जुनूनी और दृढ़ निश्चय वाले श्री यतीश चन्द्र शुक्ल ने यह संकल्प लिया कि वह बिना ब्रेक लिए पढ़ने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे, यतीश ने श्री

शिक्षा और संस्कृति को उत्कर्ष पर पहुचाने वाले "पर्यावरण भूषण" डॉ. शिव वरण शुक्ल (Dr. Shiv Varan Shukla) के नाम दर्ज हुए कई विश्व कीर्तिमान

  डॉ. शिववरण शुक्ल (Dr. Shiv Varan Shukla) का संपूर्ण जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित रहा आप छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत है अपने संपूर्ण कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में सेवाएं दी तथा शिक्षाविद् के रूप में उनके कार्य विद्यार्थियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा से जुड़े संस्थान और शोधार्थियों के लिए भी अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि कर्मठ व्यक्ति के लिए कोई भी राह कठिन नहीं होती है और यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि डॉ. शुक्ल न केवल कर्मठ हैं, बल्कि अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। "मन से की गई मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है" यह कथन डॉ. शुक्ल के जीवन से सीखा जा सकता है। यह उल्लेखनीय है कि डॉ. शिववरण शुक्ल जी कि अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने अनेक उपलब्धिया हांसिल की है जिसमे आयोग का नाम कई बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ( Golden Book of World Records ) में दर्ज किया गया। डॉ.  शिववरण शुक्ल का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश के रायबरेली के  सरवरियन का पुरवा, रायपुर गौरी वर्तमान शिव नगर में  22 फरवर

नागदा ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्मोत्सव रामलीला के दौरान प्रज्वलित दीपों से "जीरो वेस्ट" लिखकर विश्व रिकॉर्ड बनाकर मनाया

मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) जिले में स्थित नागदा (Nagda) में 7 दिवसीय श्री राम लीला मंचन का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन दिनांक 22 मार्च से 28 मार्च 2023 तक श्री नरेन्द्र मोदी खेल प्रशाल, नागदा (shree Narendra Modi Khel Prashal, Nagda) में रखा गया जिसका आयोजन नगर पालिका परिषद (Nagar Palika Parishad, Nagda), आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी (Adiwasi lok kala evam Boli Vikas Academy) और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल (Madhaya pradesh Sanskruti Parishad) द्वारा किया गया। भव्य रामलीला के अंतिम दिन भगवान श्री राम के हाथो रावण के वध के साथ ही रामलीला का समापन किया गया। युद्ध में श्री राम जी व लक्ष्मण जी के हाथो रावण की पूरी सेना मारी जाती हैं। कुम्भकरण तथा मेघनाथ का भी वध हो जाता हैं। श्री राम के हाथो रावण की नाभि में तीर लगते ही वह भी धराशायी  हो जाता है। इसी दृश्य को देखते हुए मोके पर मौजूद सभी लोग जय श्री राम का उद्घोष करने लगे। अंत में श्री राम के अयोध्या लोटने के साथ राजतिलक के दृश्य ने पूरा मैदान राममय कर दिया। राम दरबार की आरती न. पा. अध्यक्ष संतोष गहलोत जी के द्वारा की गयी

सबसे कम उम्र संगीत में डिप्लोमा कर स्वेच्छा ने बनाया विश्व कीर्तिमान

8 वर्ष की उम्र एक ऐसी उम्र होती है, जहाँ बच्चे अपनी एक काल्पनिक दुनिया में जीते हैं। जहाँ उन्हें पूरी दुनिया एक परीलोक की कहानी लगाती हैं, और लगे भी क्यों नहीं क्योंकी माता-पिता उन्हें राजकुमारी या राजकुमार की तरह प्रेम करते हैं एवं उनकी हर इच्छा को पूरी करते है। किसी भी इंसान के लिए बचपन का  समय जिंदगी का सबसे खूबसूरत समय होता है, जो खेल-कूद और मौज-मस्ती में कब गुजर जाता हैं पता ही नहीं चलता। इसके उलट कुछ बच्चे ऐसे होते जो अपने बालपन में ही कुछ ऐसे कारनामे कर दिखाते है, कि अपना एवं अपने माता-पिता का नाम रोशन कर देते हैं और पूरी दुनिया को अपनी कला से मोहित कर लेते हैं। एसी ही एक छोटी सी बालिका है कु. स्वेच्छा साहू जिन्होंने गायन के क्षेत्र में ऐसा कारनामा किया कि उनके माता पिता का सर गर्व से ऊँचा हो गया। मात्र 8 वर्ष की उम्र में गायन के क्षेत्र में डिप्लोमा पूरा कर राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ की कु. स्वेच्छा साहू (Swechha Sahu from Rajnandgaon, Chhattisgarh) ने सबसे कम उम्र में गायन में डिप्लोमा किया और स्वेच्छा की इस अद्भूत उपलब्धि के कारण उनका नाम गोल्डन बुक ओफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book

प्रकृति को गले लगाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

वृक्ष हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। धरती पर पेड़ पौधों के अस्तित्व के बिना मनुष्य, जानवरों और अन्य प्रजातियों का अस्तित्व संभव नहीं है।  आज की दुनिया कई समस्याओं से घिरी हुई है। इन समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है प्राणी, संसार और वनस्पति जगत के बीच बिगड़ता हुआ संतुलन। आबादी की बेतहाशा बढ़ोतरी ने इस संतुलन को बिगाड़ा है और हमारे लिए आर्थिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। वृक्ष न केवल धरती को उपजाऊ बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन में भी चैतन्यता उत्पन्न करते हैं। यदि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें न केवल अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए बल्कि उनका पालन-पोषण और रक्षण भी करना चाहिए। वृक्ष हमारे लिए क्या कुछ नहीं करते, ये देखने में सुन्दर लगते हैं तथा हवा को शुद्ध रखते हैं, मौसम की कठोरता को कम करते हैं और विषैली गैसों को समाप्त करते हैं। वृक्ष हमें कई प्रकार के लाभ पहुंचाते हैं। हवा, पानी और मिटटी का प्रदूषण वृक्षों की बढ़ोतरी से ही दूर हो सकता है। राजस्थान के सुजानगढ़ के गोपालपुरा ( Sujangarh, Gopalpura ) के ग्राम वासियों का प्रकृति प्रेम का