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मध्यप्रदेश के सागर में बनाई गई विश्व की सबसे लम्बी गेंदे की माला, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

दैनिक भास्कर, एक समाचार अखबार की संस्था है, जो भारत के हिन्दी भाषा के प्रमुख अखबारो में से एक है। हालहि में दैनिक भास्कर द्वारा मध्यप्रदेश के सागर कार्यालय में एक पहल की गई, जिसके अंतर्गत 41 साल पुरानी मांग को भारत सरकार द्वारा पूर्ण कराने का प्रयास किया गया। जिसमें विश्व की सबसे लंबी गेंदे की माला बनाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है। दैनिक भास्कर के इस कार्य को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश के सागर जिले में 25 नवम्बर 2024 को दैनिक भास्कर संस्था द्वारा 6500 मीटर लंबी गेंदे की माला बनाकर विश्व की सबसे लंबी गेंदे की माला के निर्माण का रिकॉर्ड बनाया गया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे बड़ी गेंदा की माला (Largest Marigold Floral Garland)" के शीर्षक के साथ दैनिक भास्कर के नाम दर्ज किया गया है। इस माला को डाँ. हरीसिंह गौर जी (Dr. Harisingh Gour) की प्रतिमा में अर्पित किया गया है। कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डाँ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) मौज...
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छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में लगाये गये एक लाख से अधिक फलदायक पौधें

जहाँ पेड़-पौधे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहायता करते हैं जंगल तेजी से कम होते जा रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला ने पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देते हुए "एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान" के तहत एक पहल की शुरुआत की। जिसके अंतर्गत जिला प्रशासन के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)के 50 हजार हितग्राहियों के निवास परिसर में एक लाख से अधिक फल देने वाले पौधें लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इस अभियान के माध्यम से न केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास किया है बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया गया है। इस पहल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। 5 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ के मुंगेली के प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के आवास परिसर में 1 लाख से अधिक फल देने वाले पौधों के पौधारोपण का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "फलदार वृक्षारोपण की सबसे बड़ी पहल (Largest Fruit Tree Saplings Plantation Initiative)" के शीर्षक के साथ जिला प्रशासन मुंगेली के नाम दर्ज किया गया है। इस प...

एक साल की भावी ने गया सात भाषाओं में गीत, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

सामन्यतः जिस उम्र में बच्चे बोलना सीख रहे होते हैं, उस उम्र में इस बच्ची ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे सारा जगत अचम्भित रह गया। हम बात कर रहे हैं भावी अंकित कच्हारा की। भावी ने महज एक वर्ष ग्यारह माह की उम्र में न केवल बोलना बल्कि सात भाषाओं में बोलना सीख लिया है। जिससे सारा जगत अचम्भित है। भावी के इस कारनामे को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज किया गया है। 29 फरवरी 2024 को मुंबई महाराष्ट्र की रहने वाली भावी अंकित कच्हारा (D/O श्रीमती रुचि एवं श्री अंकित कच्हारा जी) जिसकी उम्र मात्र एक वर्ष ग्यारह माह चार दिन है, उन्होंने नर्सरी कविताओ को सात अलग-अलग भाषाओं में गाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे अधिक भाषाओं में एक साथ नर्सरी कविताएं सुनाई (Singing Nursery Rhymes Simultaneously in The Most Number of Languages)" के शीर्षक के साथ भावी अंकित कच्हारा के नाम दर्ज किया गया है। भावी को उनके माता पिता द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। भावी के माता-पिता ने बताया - भावी अन्य बच्चों की अपेक्षा जल्द बोलना सीख ...

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले ने हीमोग्लोबिन जाँच कर रचा इतिहास

एनीमिया स्क्रीनिंग, जिसे CBC या हीमोग्लोबिन टेस्ट  भी कहते हैं। यह हीमोग्लोबिन की मात्रा की जानकारी प्राप्त करने के लिए की जाती है। हीमोग्लोबिन की कमी कोई बीमारी नहीं है मगर इसकी कमी से शरीर में कमजोरी आती है। जिसके कारण इसकी जाँच कुछ समय के अंतराल में करा लेना चाहिए। इसी बात ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ के जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही में एक ही दिन में हजारों की संख्या में महिलाओं की हीमोग्लोबिन की जाँच की गई। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। 26 जून 2025 को छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही में 'रक्त शक्ति अभियान (Rakt Shakti Abhiyan)' के तहत जिले के अलग-अलग जगहों में महिलाओं के लिए एनीमिया स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया था।जिसमें जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51727 महिलाओं की हीमोग्लोबिन की जाँच कर विश्व कीर्तिमान बनाया गया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "महिलाओं के लिए सबसे बड़ा एनीमिया स्क्रीनिंग कैम्प (Largest Anemia Screening Campaign For Women)" के शीर्षक के साथ जिला प्रशा...

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 12 घंटे में सबसे ज्यादा सोक पिट बनाकर रचा इतिहास

सोकपिट एक ऐसी भूमि संरचना है, जो वर्षा जल और अपशिष्ट जल को इकट्ठा होने से रोकने के लिए बनाई जाती है। यह भूजल रिचार्ज कर जल संरक्षण में मदद करती है। जल संरक्षण के क्षेत्र में कुछ ऐसा ही कार्य छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला ने भी किया है। कबीरधाम जिले में वर्षा जल संरक्षण के लिए सोकपिट बनाकर एक ही दिन में दो विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गये हैं। इस अभियान को 'कैच द रैन (Catch The Rain)' योजना के तहत चलाया गया है। कबीरधाम जिला के इन विश्व कीर्तिमानों को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला में 20 जून 2025 को जल संरक्षण के एक पहल की शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत जिले के विभिन्न स्थानों में 12 घंटे में हज़ारों की संख्या में सोकपिट बनाने का और जल संरक्षण के लिए लगभग 1 लाख लोगों को शपथ दिलाने का कीर्तिमान बनाया गया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में क्रमशः "वर्षा जल संचयन के लिए 12 घंटे में खोदे गये सबसे अधिक सोकपिट (Most Soak Pits Dug For Rainwater Harvesting In 12 Hours)" एवं "सबसे अधिक लोगों द्वा...

पिछ्ले 28 सालों से सुल्तान-ए-इंदौर एकता सेवा समिति कर रही अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार

समर्पण और त्याग की भावना के साथ हर सेवा सार्थक होती है और इसी भावना के साथ इंदौर की सुल्तान-ए-इंदौर एकता सेवा समिति (Sultan-E-Indore Ekta Seva Samiti) पिछ्ले 28 सालों से लगातार अज्ञात शवों का विधि पूर्वक अंतिम संस्कार कर रही है। अंतिम संस्कार हिन्दू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक है, इसे विधि पूर्वक कराना सनातन धर्म की समृद्धि के दिशा में एक महत्त्वपूर्ण योगदान है। यह अभिनंदन योग्य कार्य समाजसेवी श्री अशोक गोयल जी (Mr. Ashok Goyal, Social Worker) के दिशा निर्देशों से विगत 28 वर्षों से लगातार चल रहा है। जिसके कारण उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) द्वारा सम्मानित किया गया है। 12 जून 2025 को इंदौर के होटल सायाजी में आयोजित कार्यक्रम में सुल्तान-ए-इंदौर एकता सेवा समिति द्वारा 24 जनवरी 1997 से 12 मई 2025 के मध्य 11250 अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। जिसकी पुष्टि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने की। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार की सबसे बड़ी पहल ( Largest Initiative of Cremating Unclaimed Dead Bodies )...