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भिलाई के 4 शिक्षकों ने लगातार पढ़ाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अनादि काल से ही गुरु के द्वारा दिये गये ज्ञान के कारण गुरु का गुणगान किया गया है। ऐसे ही ज्ञानी गुरुओं के कारण भारत को जगतगुरु कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। शिक्षा को लेकर समाज ने जो उद्देश्य इच्छाएं रखी होती है। उन सब की पूर्ति मैं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने वाला और शिक्षा देने वाला शिक्षक कहलाता है। शिक्षक बालक के भविष्य का निर्माता होता है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक है, जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। शिक्षकों का कार्य बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छे शिक्षक का मिलना दुर्लभ है। गुरु ही नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देकर समाज और देश के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करता है। भिलाई, छत्तीसगढ़  के शिक्षा जगत के लिए यह एक एतिहासिक पल था जहाँ डॉ. संतोष राय इंस्टिट्यूट के 4 शिक्षको ने लगातार पढ़ाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज करवाया। पहला रिकॉर्ड: इंस्टिट्यूट के डॉ. पियूष जोशी जी

'छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन' पुस्तक का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज

रायपुर, छत्तीसगढ़ के वृन्दावन हॉल में बिलासा साहित्य संगीत धारा (Bilasa Sahitya Sangeet Dhara) और स्वाभिमान संस्थान (Svabhiman Sansthan) द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. नन्द कुमार साय जी (Dr. Nand Kumar Sai), गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष दूधाधारी मठ के महंत राजेश्री डॉ. रामसुन्दर दास जी (Dr. Ramsamundar Das) द्वारा 'छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन' (Chhattisgarh Sampurn Darshan) पुस्तक का भव्य विमोचन किया गया।  संपूर्ण छत्तीसगढ़ दर्शन ग्रंथ एक अद्वितीय छंदमय साझा संकलन है, जिसमें 1007 पृष्ठ हैं एवं छत्तीसगढ़ के 72 विषयों को 117 प्रकार के विविध छंदों में छंदबद्ध किया गया है। छत्तीसगढ़ एवं विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने अपना अमूल्य योगदान देकर इस ग्रंथ को मूल रूप दिया है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ का संपूर्ण दर्शन है इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कला, संगीत, परिवेश, उपलब्धि, शासन-प्रशासन, राजनीतिक-भौगोलिक परिदृष्टि समेत लोक संस्कृति, योजनाएं, उपलब्धियां और छत्तीसगढ़ की विशेषताओं को उल्लेखित किया गया है इसीलिए पुस्तक का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden

धर्मनगरी कवर्धा में श्री गणेश तिवारी जी ने फहरायी धर्मध्वजा, बनाया विश्व रिकॉर्ड

 छत्तीसगढ़ के शहर कवर्धा (Kawardha, Chhattisgarh) जिसे धर्मनगरी के रूप में भी जाना जाता है वहां पर एक बड़ा धार्मिक आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत श्री रूद्र महायज्ञ, श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ, श्री राम कथा एवं योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन 7 मई से 15 मई 2023 तक चलने वाला है। इस दिव्य आयोजन की शुरुआत बहुत ही भव्य तरीके से कलश यात्रा के साथ की गई। कलश यात्रा (Kalash yatra) में 11,000 से अधिक माताओं एवं बहनों नें भाग लिया। कलश यात्रा का दृश्य देखकर सभी शहरवासी आनंद से भर गये, पूरा शहर इतनी बड़ी संख्या में कलश यात्रियों से व्याप्त हो गया।  कार्यक्रम के दौरान परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नय् ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी (Shankaracharya shri Avimukteshwaranand Saraswati ji) का धर्म सभा में उद्बोधन हुआ। सनातन धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु श्री शंकराचार्य जी ने आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) के एशिया हेड डॉ. मनीष बिश्नोई ने (Dr. Manish Vishnoe

Fastest Piano Artist of the World - डॉ. अमन बाठला

भारत के गुरुग्राम, हरियाणा (Gurugram Haryana) के रहने वाले डॉ. अमन बाठला (Dr. Aman Bathla) को "भारत के पियानो किंग" (Piano King Of India) के नाम से भी जाना जाता हैं। यह अलंकरण उन्हें पियानो वादन के क्षेत्र में उनके अद्भुत और अविस्मरणीय कार्यो के लिए दिया गया है। वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. अमन बाठला भारत के पहले और एकमात्र पियानोवादक हैं जिन्हें भारत गौरव पुरस्कार, हरियाणा रत्न पुरस्कार, जीनियस म्यूजिशियन ऑफ द ईयर, एंटरटेनर ऑफ द ईयर, पर्सन ऑफ द ईयर, नवभारत टाइम्स, वर्ल्ड एक्सीलेंस अवार्ड, अटल पियानो प्रतिष्ठा शिखर से सम्मानित किया गया है। भारत की संसद में सम्मान, विश्व रिकॉर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि, सरकार के अधिकारियों द्वारा भारतीय उपलब्धि पुरस्कार, भारत की कला और संस्कृति के क्षेत्र में ऐसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान डॉ. अमन बाठला को प्राप्त हुए है।  डॉ. अमन बाठला को "दुनिया के सबसे तेज पिओना वादक" (Fastest Piano Artist) का भी सम्मान प्राप्त हैं जो की उन्होंने पियानो वादन में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित करके हासिल किया है