सम्पूर्ण भारतवर्ष में दिनांक 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह विशेष दिन देश के युवा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शाहदत के लिए जाना जाता हैं। इसी दिन सन् 1931 में युवा स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटकाया था। ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाने और देश की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु महज 23 साल की उम्र में फांसी पर चढ़ गए। देश के लिए अपना बलिदान देने वाले इन वीर स्वतंत्रता सैनानियों की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। दुनिया में जब भी भारत की आजादी की बात होगी, उस वक्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्भुत योगदान देने वाले क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह जी को हमेशा याद किया जाएगा। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आज जिस उम्र में बच्चे किताबों और फोन तक सीमित हैं, उस उम्र में भगत सिंह ने देश की आजादी का सपना देखा और उसके लिए मुस्कुराते हुए फांसी के फंदे को गले लगा लिया। भगत सिंह के मन में आजादी और देश प्रेम की सोच सबसे पहले उनकी मां से मिली थी, परन्तु जलियांवाला बाग हत्याकांड का भगत सिंह के ह्रदय पर बहुत गहरा असर पड़ा और उन्होंने अपना सर्वस्व देश के प्रति न्योछावर कर दिया। ऐसा कहा जाता हैं की जब भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी देने के लिए ले जाया जा रहा था, तब वह स्वतंत्रता सेनानी शहीद रामप्रसाद बिस्मिल जी द्वारा रचित सुप्रसिद्ध देशभक्ति गीत "मेरा रंग दे बंसती चोला" गुनगुना रहे थे, इस गीत को भगत सिंह जी का अंतिम गान भी कहा जाता हैं।
देश की राजधानी दिल्ली के शास्त्री नगर में 93वां शहीद दिवस (Martyr's Day) मनाया गया। शहीद- ऐ- आज़म भगत सिंह जी के पोत्र एवं शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यादवेन्द्र सिंह संधू जी (Mr. Yadvinder Singh Sandhu) और बहन अन्नू अरोड़ा चैरिटेबल ट्रस्ट (Bhen Annu Arora Charitable Trust) के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में एक कार्यक्रम आयोजित किया इस दौरान उपस्थित लोगो द्वारा भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित उनके बलिदान का सम्मान किया गया। इस आयोजन दौरान कार्यक्रम में उपस्थित लोगो ने बसंती रंग से होली खेल कर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Most People Playing Holi With Unicolor" के शीर्षक के साथ दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar National Head, GBWR) द्वारा श्री यादवेन्द्र सिंह संधू जी को प्रदान कर सम्मानित किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा के साथ ही कार्यक्रम स्थल "इन्कलाब जिन्दाबाद" के नारों एवं तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
शहीद- ऐ- आज़म भगत सिंह जी के पोत्र एवं शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यादवेन्द्र सिंह संधू जी के नेतृत्व में इससे पूर्व भी कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गए।
- दिनांक 28 सितंबर 2023 को भगत सिंह जी के 116वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा के सोनीपत में सर्वाधिक लोगो के रक्त से शहीद- ऐ- आज़म भगत सिंह जी की पेंटिंग बनाई गयी जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Paintings Made With Blood of Most People" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया था। इस विशेष पेंटिंग के निर्माण के लिए कुल 1183 लोगों द्वारा रक्त दान किया गया था।
- दिनांक 10 अगस्त 2019 को श्री यादवेन्द्र सिंह संधू जी के नेतृत्व में हरियाणा के चरखी दादरी में 6380 लोगों ने भगत सिंह जी की वेशभूषा धारण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Most People Dressed as Bhagat Singh" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।
- दिनांक 23 मई 2018 को श्री यादवेन्द्र सिंह संधू जी के द्वारा हरियाणा के सिरसा में 12 घंटों में 16 स्वतंत्रता सेनानीयों की प्रतिमाओं का अनावरण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Most Statues Unveiled in a Relay" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।
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