Skip to main content

एक्यूपंक्चर नीडल्स का कलेक्शन कर डॉ. बी एस तनेजा जी ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

एक्यू चीनी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है पॉइंट। हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी पॉइंट होते हैं। इन पॉइंट्स पर बारीक सूई से पंक्चर (छेद) कर इलाज किया जाए तो एक्यूपंक्चर कहलाता है और अगर उन्हीं पॉइंट्स पर हाथ से या किसी इक्युपमेंट से दबाव डाला जाए तो एक्यूप्रेशर कहलाता हैं। एक्युपंचर थेरेपी मूल रूप से चीन में उपचार हेतु प्रयोग की जाने वाली प्राचीन विधि है। इसका प्रमाण प्रारंभिक चीनी अभिलेखों एवं चीनी ग्रंथों में मिलता है। इस तकनीक का उपयोग आमतौर पर दर्द से राहत के लिए किया जाता है। इसका उपयोग चीन और अन्य एशियाई देशों में सदियों से किया जा रहा है। एक्यूपंक्चर में शरीर के खास पॉइंट्स में बारीक सुई लगाई जाती हैं। इसका एक सेशन आमतौर पर 40-60 मिनट का होता है और एक बार में 15-20 पॉइंट्स पंक्चर किए जाते हैं। एक्युपंक्चर माइग्रेन, तनाव से होने वाले सिरदर्द, एंग्जाइटी, साइनस, अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, चेहरे का लकवा, टॉन्सिल्स, आंख की बीमारी ऑप्टिक नर्व ऑट्रॉफी, पुराना जुकाम, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, आर्थराइटिस, बॉडी पेन, गैस, एसिडिटी, इनफर्टिलिटी और महिलाओं की दूसरी समस्याएं आदि में बहुत असरदार माना जाता है। इससे इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

उत्तर प्रदेश, नोएडा के डॉ. बी एस तनेजा जी (Dr. B S Taneja) एक विशिष्ट चिकित्सक हैं, जो एक्यूपंक्चर पद्धति के जरिए कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के विशेषज्ञ हैं। विगत चार दशकों से डॉ. तनेजा लोगों को एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कर स्वस्थ कर रहे हैं। डॉ. तनेजा जी के पास एक्यूपंक्चर चिकित्सा हेतु प्रयुक्त की जाने वाली 10,640 चिकित्सकीय सुईओं का विशाल संग्रहण हैं। अपने इस विशेष संग्रहण के लिए डॉ. बी एस तनेजा जी का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Collection of Acupuncture Needles" के शीर्षक साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। डॉ. तनेजा जी के पास वो मरीज आते है, जिन्हें एलोपैथिक या अन्य किसी चिकित्सकीय विधाओं में इलाज करवाकर थक जाने के बाद भी रिजल्ट नहीं मिलता, एक्यूपंक्चर चिकित्सीय पद्धति में विशेष अनुभव व ज्ञान के चलते अब तक वे 50,000 से भी अधिक मरीजों का इलाज कर उन्हें राहत प्रदान कर चुके हैं।

डॉ. बी एस तनेजा जी नोएडा में स्थित अपने साइको -एक्यूपंक्चर एंड मेडिकेयर सेन्टर (Psycho-Acupuncture & Medicare Center, Noida) में सभी मॉर्डन सुविधाओं के साथ एक्युपंचर और साइकोलॉजी का उपयोग करके उन असाध्य रोग की चिकित्सा करते है जिनका इलाज सामान्यतः मुश्किल है। विषय में अद्भुत पकड़ के चलते डॉ. तनेजा जी को कई सम्मानों से विभूषित किया गया, कोलकाता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में एक्यूपंक्चर में असाधारण योग्यता तथा सराहनीय सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए इंडियन बोर्ड ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिन्स द्वारा उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें श्रीमती रेणुका चौधरी ऑनरेबल यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ हेल्थ द्वारा प्रदान गया था। डॉ. बी एस तनेजा जी की प्रसिद्धि केवल नोएडा शहर में ही नहीं अपितु पूरे उत्तरप्रदेश में है।

Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर

मूक-बधिर बच्चें ऐसे बच्चें होते हैं जो जन्म से या किसी दुर्घटनावश बोलने और सुनने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मूक-बधिर बच्चों का विकास एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। इन बच्चों के लिए शिक्षा एवं सामाजिक समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता होती हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो उन्हें विकसित करें, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर सकें और परिवार के साथ मिलकर उन्हें समाज में सम्मिलित होने में मदद करें। इन बच्चों का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं विकास, समर्थन और स्नेहभरे वातावरण में होना चाहिए ताकि वे भी सफलता प्राप्त कर सकें।  गुवहाटी, असम में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2023 तक मूक-बधिर बच्चों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन  तुलसी ग्रैंड, गरल धारापुर में  महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), अनाम प्रेम (Anam Prem), मुंबई एवं आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन (Acharya Tulsi Mahashraman Research Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से