भारत की बेटी अंजलि शर्मा ने माउंट किलिमंजारो की चोटी पर साड़ी पहन कर चढ़ाई कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज किया
पर्वतारोहण दशकों से रोमांचक खेलों (Adventure Sports) की श्रेणी में आने वाले खेलों सबसे लोकप्रिय खेल मान जाता हैं। इसने दुनिया भर रोमांच पसंद करने वाले लोगों को हमेशा उत्साहित किया हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई ऐसे स्थान हैं जहां पहाड़ की चढ़ाई और ट्रैकिंग का आनंद लिया जा सकता है। पर्वतारोहण के लिए उत्तम कौशल, साहस और शारीरिक क्षमता की आवश्यकता होती है। पर्वत श्रृंखलाओं की ऊँची चोटियों पर चढना कोई आसान काम नहीं होता है। इसमें अनेकों खतरे और जोखिम होते हैं। मौसम की स्थितियाँ ऐसी होती हैं जिनका पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता है। मौसम की असहनीय स्थितियों के साथ-साथ असमतल भू-भाग और भी कठिनाई पैदा करते हैं। इन विषम परिस्तिथियों के बावजूद पर्वतारोहण ने साहसिक कार्यों में रूचि रखने वाले लोगों को आकर्षित किया है। तंजानिया में स्थित माउंट किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत है, जिसकी ऊंचाई लगभग 5,895 मीटर है। माउंट किलिमंजारो अफ़्रीकी महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत और दुनिया का सबसे ऊँचा स्वतंत्र पर्वत है। माउंट किलिमंजारो दुनिया भर के पैदल यात्रियों और पर्वतारोहियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। प्रति वर्ष दुनियाभर से लगभग 25000 पर्वतारोही माउंट किलिमंजारो पर चढ़ने का प्रयास करते हैं।
पर्वतारोहण में देश और दुनिया में ख्याति प्राप्त भारत की बेटी अंजलि शर्मा (Anjali Sharma, Mountaineer) ने अफ़्रीकी महाद्वीप के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट किलिमंजारो की चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके अपने राज्य और देश को गौरवान्वित कर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया। दिनांक 31मार्च 2023 को हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला में रहने वाली अंजलि शर्मा ने भारतीय पारम्परिक वेशभूषा साड़ी और गद्दी पोशाक (लुआंचडी) धारण करके सबसे मुश्किल और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके दुनिया की पहली महिला बनी जिसने ये कारनामा करके दिखाया।उनकी इस उपलब्धि के लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "First Women to Climb Mount Kilimanjaro in Saree" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में स्वर्णाक्षरों से अंकित किया गया। अंजलि शर्मा का साड़ी पहन कर माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई करने के पीछे भारतीय वेशभूषा और हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देना था, जहां से इस पारंपरिक गद्दी पोशाक की उत्पत्ति हुई है।
भारत की बेटी अंजलि शर्मा 14 साल की उम्र से पहाड़ों पर चढ़ाई कर रही हैं, उन्होंने 15 साल की उम्र में पहले प्रयास में 5289 मीटर की चोटी फतह की थी। इसके बाद हनुमान टिब्बा और 6001 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ देओ पर सफलता पूर्वक फतह हासिल कर चुकी हैं। अंततः माउंट किलिमंजारो जो दुनिया का सबसे ऊंचा एकल मुक्त पर्वत है, जिसका शिखर समुद्र तल से 5,895 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है उसे पारंपरिक परिधानों में फतह कर एक ऐसा मील का पत्थर स्थापित किया है जिसे इतिहास वर्षों तक याद रखेगा।
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